गुरु जी, जहाँ बैठूं वहां छाया जी
गुरु जी, जहाँ बैठूं वहां छाया जी सोही तो मालक म्हारी नज़रां आया जी Guru ji, jahan baithu vahan chhaya ji So hi to malak… Read More »गुरु जी, जहाँ बैठूं वहां छाया जी
गुरु जी, जहाँ बैठूं वहां छाया जी सोही तो मालक म्हारी नज़रां आया जी Guru ji, jahan baithu vahan chhaya ji So hi to malak… Read More »गुरु जी, जहाँ बैठूं वहां छाया जी
रामनवमी पर्व की बधाई, मंगल कामनाएं!! आनंद लीजिये गोस्वामी तुलसीकृत रामचरित मानस की रामावतरण चौपाईयों का, जिन्हें लगभग सभी शीर्ष गायकों ने स्वरबद्ध किया है.… Read More »भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी॥
धनतेरस का गूढ़ आध्यात्मिक महत्त्व है. सांसारिक वस्तुएं वैसे ही नष्ट होती रहती हैं, जैसे कि पेन, कॉपी, जूते, चप्पल, कपड़े और हमारा शरीर. संतजन… Read More »पायो निधि राम नाम – यही है असली धनतेरस का महत्त्व
खुशवंत सिंह ( Khushwant Singh) जी ((born Khushal Singh, 15 August 1915 – 20 March 2014) ने 98 साल की खुशहाल जीवन यात्रा की. पूरा भारत… Read More »बेहतर जीवन जीने के दस सूत्र – खुशवंत सिंह (Khushwant Singh)
मनसा वाचा, कर्मणा, मैं हूँ मेरे राम, अर्पित तेरी शरण में, सहित कर्म शुभ काम ॥ मन चंचल, चल राम शरण में राम… Read More »मन चंचल, चल राम शरण में – यही है आनन्द की सही कुन्जी