मायाजाल
रात हो गई थी। एक इंसान घने जंगल में भागा जा रहा था। अंधेरे में कुआं दिखाई नहीं दिया और वह उसमें गिर गया। गिरते-गिरते कुएं पर झुके पेड़ की एक डाल उसके हाथ में आ गई। जब उसने नीचे झांका, तो देखा कि कुएं में अजगर मुंह खोले उसे देख रहा है |
रात हो गई थी। एक इंसान घने जंगल में भागा जा रहा था। अंधेरे में कुआं दिखाई नहीं दिया और वह उसमें गिर गया। गिरते-गिरते कुएं पर झुके पेड़ की एक डाल उसके हाथ में आ गई। जब उसने नीचे झांका, तो देखा कि कुएं में अजगर मुंह खोले उसे देख रहा है |
जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है – जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही जीवन सार है, मोक्ष है..!! जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ? जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया – वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!! संसार
जीवन सार – क्या सच है, क्या नहीं Read More »
कभी कभी भक्तो में भी अहंकार हो जाया करता है; पर प्रभु राम भी वचनबद्ध हैं. वे अपने भक्तो का अभिमान निश्चय ही भंग कर दिया करते है चाहे इस के लिये उन्हें कोई भी मार्ग ही क्यों न अपनाना पड़े! श्री हनुमान जी संजीवनी बूटी का पहाड़ उठाये आकाश मार्ग से वापिस लंका की ओर
अहंकार का मार्ग पतन की ओर ले जाता है Read More »