श्री हनुमान प्रसंग – समर्पण की पराकाष्ठा
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सिकन्दर उस जल की तलाश में था, जिसे पीने से मानव अमर हो जाते हैं.! काफी दिनों तक देश दुनियाँ में भटकने के पश्चात आखिरकार सिकन्दर ने वह जगह पा ही ली, जहाँ उसे अमृत की प्राप्ति होती ! वह उस गुफा में प्रवेश कर गया, जहाँ अमृत का झरना था, वह आनन्दित हो गया
दुनियां में सिकन्दर कोई नहीं, वक्त ही सिकंदर होता है Read More »
संतजन हमेशा ही मौन भाव की महता समझाते रहे है. मौन भाव मौन का अभ्यास मानसिक रोगों जैसे चिंता, व्यग्रता, तनाव, संताप, अनिद्रा, ब्लडप्रेशर इत्यादि से रोगमुक्ति की अनुपम औषधि भी है. अपने आप को कभी भी, कमरे में बंद कर या किसी एकांत में, इस अनुपम प्रस्तुति का आनंद उठाईये. सुनिए, मौन भाव के
मौन भाव – अदभुत गायन, एकान्त में सुनने योग्य Read More »
राम से अनुराग करिये राम शब्द सर्वोच्च सत्ता का द्योत्तक है, जिसका वर्णन वेदों में मिलता है. संत शिरोमणि रामानंद जी (जिनके शिष्य कबीर, रविदास, धन्ना, पीपा जैसे महात्मा संत हुए), गुरु नानक देव जी; सब ने सिमरन में राम नाम सबसे उत्कृष्ट बताया है. सुनिये इस कालजयी संगीत को और आत्मिक आनंद लीजिये…
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जो भजे हरी को सदा, सो परम पद पायेगा राम जो भजे हरी को सदा, सो परम पद पायेगा देह के माला, तिलक और भस्म नहीं कुछ काम के प्रेम भक्ति के बिना, कहीं हाथ के मन आयेगा? दिल के दर्पण को सफा कर, भूल कर अभिमान को खाक हो गुरु के चरण की, तो प्रभु मिल जायेगा छोड़
जो भजे हरी को सदा, सो परम पद पायेगा Read More »