आजकल के गलत खान-पान और व्यायाम की कमी के चलते हमारे शरीर में चर्बी की मात्रा अधिक हो जाती है। जिससे हमारा शरीर बेडौल और मोटा दिखाई देने लगता है। शरीर को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए हमें नियमित रूप से योगासन का सहारा लेना चाहिए। योग करने से ना केवल शरीर सुन्दर बनता है बल्कि कई तरह की बीमारियो से भी बचाव होता है।
योग के अंतगर्त कई आसन आते है उसमे से एक होता है वक्रासन| वक्रासन ऐसा आसान है जिसे बैठ कर किया जाता है। वक्र संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है टेढ़ा, लेकिन इस आसन के करने से मेरुदंड सीधा होता है। हालाँकि शरीर पूरा टेढ़ा ही हो जाता है।
कमर की चर्बी दूर करने के लिए वक्रासन सबसे श्रेष्ठ आसन है। इस आसन के नियमित अभ्यास से लीवर, किडनी, पेनक्रियाज प्रभावित होते हैं यह अंग निरोगी रहते हैं। इससे स्पाइनल कार्ड मजबूत होती है। हर्निया के रोगियों को भी इससे लाभ मिलता है। याने की इस योग को करने से हमें अनेक तरह के फायदे मिलते है। तो आइये जानते है । वक्रासन योग को करने की विधि, लाभ और इससे जुडी कुछ सावधानियों के बारे मे|
वक्रासन योग करने की विधि
इसे हर उम्र के लोग कर सकते है, लेकिन इसे करते समय सावधानी रखना बेहद जरुरी है।
सबसे पहले किसी साफ और शुद्ध वातावरण वाले स्थान पर आसन या दरी बिछाकर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं।
दोनों हाथ बगल में रखे| कमर, गर्दन सीधी और दृष्टि सामने की ओर होना चाहिए|
अब दायें पैर को मोड़कर बायीं जंघा के पास घुटने से सीध में सटाकर रखें, बायां पैर सीधा रहे।
इसके बाद बाएं हाथ को दाएं पैर एवं पेट को बीच से लाकर (क्रास करते हुए) दाएं पैर के पंजे के पास टिकाएं।
दाएं हाथ को कमर के पीछे भूमि पर सीधा रखें। जिसे मेरुदंड के समांतर रखते हैं।
अब गर्दन को घुमाकर दायीं और मोड़कर देखें जिंतना पीछे देख पायें, बाएं पैर, कमर और दाएं हाथ सीधे रहेंगे।
कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद इसी प्रकार दूसरी ओर से करना चाहिए।
इसे 4 से 6 बार कर सकते हैं।
वक्रासन योग के लाभ
1.इस आसन से पेट संबंधी कई रोग स्वत: ही दूर हो जाते हैं।
2.इससे कंधे का दर्द दूर होता है|
3.उच्च रक्तचाप को कम करने में भी यह बहुत लाभदायक है|
4.अल्सर से ग्रसित लोगो को यह योग नहीं करना चाहिए|
5.यह आसान यकृत (लीवर) और तिल्ली (प्लीहा) के लिए बेहद लाभदायक है।
6.इसके नियमित करने से स्पाइनल कार्ड मजबूत होती है।
7.हर्निया के रोगियों को भी इससे फायदा मिलता है।
8.जिन लोगो को पित्ताशय में पथरी होती है उन्हें यह आसान जरूर करना चाहिये|
9.इस आसन के नियमित अभ्यास से कमर की चर्बी कम होती है और आपकी कमर पतली बनती है।
10.इस आसन को करने से लीवर, किडनी, पेनक्रियाज प्रभावित होते हैं जिससे यह अंग निरोगी रहते हैं। डायबिटीज रोगियों को ये आसन अवश्य करना चाहिए
11.वक्रासन पेट संबंधी कई छोटे-छोटे रोग, दमा (अस्थमा), मधुमेह रोग, एसिडिटी जैसे वायु सम्बन्धी रोग, कब्ज constipation, महिलाओं के गुप्त रोगों व कमर दर्द आदि में अति लाभकारी है।
12. यह हमेशा तरुण एवं जवान बनाये रखने में भी मदद करता है।
वक्रासन योग से जुडी सावधानी
1.अगर आपकी गर्दन में दर्द है या फिर आप किसी ह्रदय रोग से पीडि़त हैं तो यह आसन अपने मन से न करे, किसी योग्य चिकित्सक या योग के जानकार की देख-रेख में ही करें।
2. इस योग को करते समय ख्याल रखे की जब आप दाएँ पैर को घुटने से मोड़कर लाते हैं, तो बायाँ पैर घुटने की सीध में रखना चाहिए।
3. पीछे रखा गया हाथ कोहनी से सीधा रखते हुए मेरुदंड से 6 से 9 इंच के बीच में रखें। और यदि आप पेट और कमर के रोगी है तो योग चिकित्सक की सलाह लें।
4.यह आसन खाली पेट ही करें ।
5. गर्भवती महिला इस आसन को न करें । मासिक धर्म काल में भी न करें ।
Regards .
JAIDEV YOGACHARYA ( THERAPIST & AYURVEDA ) .
MOB. +917837139120 .
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