पेट के रोग

पेट के रोग – उपयोगी पाचन सुधारक वस्तुएं

पेट के रोग जनसख्या के एक बड़े तबके को परेशान करती हैं।

जितनी व्यापक यह समस्यायें हैं, उतने ही व्यापक नुस्खे भी बताये जाते हैं,

आईये जानते हैं पेट के रोगों के घरेलू उपाय रोग के विभिन्न पहलुओं में उपयोग किये जाते हैं, और फौरी तौर पर राहत दे सकते हैं।

ये उपाय सामान्य श्रेणी के हैं, इसलिये रोग विशेष जैसे कि IBS संग्रहणी रोग में आपको इलाज भी जरूर लेना चाहिये।

1. हींग, अजवायन और सोंठ

हींग, अजवायन और सोंठ बराबर मात्रा में लेकर पीस लें।

इसमें से एक-एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम गरम पानी के साथ भोजन के बाद लें।

2. छाछ में हींग, जीरा 

छाछ में चुटकी भर हींग व जीरा मिलाकर सेवन करें| पेट की गैस में लाभ मिलेगा.

3. कालीमिर्च और काला नमक

कालीमिर्च और काला नमक – दोनों 3-3 ग्राम मट्ठे के साथ लें|

4. पिप्पली, नीबू और सेंधा नमक

4 ग्राम पिप्पली का सेवन नीबू के रस तथा सेंधा नमक के साथ करें| भूख जगाने का उत्तम उपाय है.

5. हरड़और काला नमक

हरड़ का चूर्ण और थोड़ा-सा काला नमक पानी में अच्छी तरह घोलें|

फिर इसे सुबह-शाम पिएं|

इस योग से कब्ज में लाभ मिलता है.

6. मौलसिरी का उपयोग पेट के रोगों में 

2 ग्राम मौलसिरी के पत्तों का चूर्ण दिन में दो बार सेवन करें| यह अतिसार में लाभकारी रहता है.

7. अदरक, तुलसी, कालीमिर्च और लौंग

अदरक, तुलसी, कालीमिर्च तथा लौंग का काढ़ा पीने से वातज उपद्रव जैसे पेट की गैस, तनाव में लाभ मिलता है|

8. सोंठ और मिश्री

आधा चम्मच सोंठ के चूर्ण में जरा-सी मिश्री मिलाकर सेवन करें| यह भूख को जगाने का कार्य करता है.

9. बेलगिरी, सेंधा नमक और मट्ठा

बेलगिरी और सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें| इस सुबह-शाम मट्ठे के साथ प्रयोग करें|

10. जीरा, हींग और अजवायन

जीरा, हींग और अजवायन का चूर्ण सब्जियों में डालकर खाने से अपचन में आराम मिल जाता है|

11. सोंठ, गुरुच, नागरमोथा और अतीस

सोंठ, गुरुच, नागरमोथा और अतीस-सबको समान मात्रा में लेकर मोटा-मोटा पीस लें|

इसमें से दो चम्मच का जौकुट काढ़ा बनाकर 15 दिनों तक सेवन करने से काफी आराम मिलता है|

12. सोंठ, पीपल, नमक, अजमोद और गंघक

शोधित गंधक 2 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम, पीपल 5 ग्राम, पांचों नमक 5 ग्राम तथा भुना हुआ अजमोद 5 ग्राम.

इन सबको बारीक पीसकर एक शीशी में भर लें|

इसमें से दो चुटकी दवा पानी के साथ सेवन करें|

13. हरड़, पीपल, सोंठ, मट्ठा और काला नमक

हरड़ की छाल, पीपल, सोंठ और काला नमक-सबको 10-10 ग्राम की मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें|

इसमें से आधा चम्मच चूर्ण मट्ठे के साथ सेवन करें|

14. अनारदाना, सोंठ, कालीमिर्च और मिश्री

10 ग्राम अनारदाना, 2 ग्राम सोंठ, 2 ग्राम कालीमिर्च और 10 ग्राम मिश्री को कूटकर चूर्ण बना लें|

इसके सेवन से पाचन में लाभ मिलता है|

विशेष टिप्पणी, पेट के रोगों के बारे में 

बताये गए 14 नुस्खे केवल फौरी राहत ही दे सकते हैं.

लेकिन संग्रहणी अथवा IBS एक गंभीर रोग है जिसको अनदेखा नहीं करना चाहिए.

बेहतर यह होगा कि इस रोग का उपचार भी किया जाए और प्रबंधन भी, जिसमें खानपान में बदलाव की भी आवश्यकता रहती है..

इस रोग से निजात तभी पाई जा सकती है यदि आप इसका पूरा उपचार करें ,

आयुर्वेद सेंट्रल में IBS अथवा ग्रहणी या  संग्रहणी रोग के लिए पूरा कोर्स उपलब्ध है जिसे आप घर बैठे मंगा सकते हैं.

क्योंकि इस रोग में बैक्टीरिया का उन्मूलन, पेट की सफाई और बैक्टीरिया की लाभकारी किस्मों की संख्या बढ़ाना (न कि हानिकारक बैक्टीरिया की) सभी ज़रूरी होते हैं.

इसलिए सलाह हमेशा यह रहती है कि पूरा कोर्स लेना ही सबसे अच्छा विकल्प है.

SIBO और IBS संग्रहणी के कारण सूजन, डायबिटीज, आर्थराइटिस, यूरिक एसिड जैसे रोगों के उन दुष्प्रभावों का इलाज करना भी अनिवार्य रहता है जो पेट की गतिशीलता (motility) को प्रभावित करते हों.

इसलिए इस कोर्स में एक औषधि ऐसी भी रहती है जो एनाबोलिक क्रियाओं को दुरुस्त करने में सहायक हो.

पेट के रोगों में ये लाभकारी हैं

नित्य सादा किन्तु सुपाच्य भोजन करें|

समय से भोजन खाएं.

मक्खन निकली छाछ और दही भी ले सकते हैं|

कुछ समय तक मिर्च का उपयोग बंद कर दें|

तरोई, लौकी, परवल, करेला, मेथी, पालक, गाजर आदि का सेवन अधिक मात्रा में करें|

बैंगन का भुर्ता जिसमें कम मिर्च मसाले हों लाभकारी है.

फलों में अमरूद, पपीता, शरीफा, केला, खरबूजा, आम, संतरा और नीबू लाभकारी हैं|

पेट के रोगों में इन आहारों से बचें

राजमाह, लोबिया, कचालू, अरबी, गोभी, ब्रोकोली, शिमला मिर्च का उपयोग न करें.

इस रोग में कच्ची सलाद, सब्जियों का उपयोग ठीक नहीं.

दूध और इसके वे उत्पाद जो सीधे दूध से बनते हों जैसे बर्फी, मावा, मिल्ककेक इत्यादि के सेवन से बचें.

यह सब SIBO को बढ़ाते हैं जो IBS के लिए ठीक नहीं.

तरबूज, आडू, आलूबुखारा, खुमानी इत्यादि से बचें.

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