Devine Stories देव कथाएं

भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला

भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी॥

रामनवमी पर्व की बधाई, मंगल कामनाएं!! आनंद लीजिये गोस्वामी तुलसीकृत रामचरित मानस की रामावतरण चौपाईयों का, जिन्हें लगभग सभी शीर्ष गायकों ने स्वरबद्ध किया है. यह गायन स्वर्गीय जगजीत सिंह जी की प्रस्तुति है.     भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा, निज […]

भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी॥ Read More »

जगत का बोध

जगत का बोध – सभी को खुश रखना असंभव है

एक सीधा सादा वैरागी साधू जिसे जगत का बोध नहीं था; विचरण करते करते थका, प्यासा हो गया था. चलते चलते एक नदी के पनघट पर पहुंचा, पानी पिया और सुस्ताने का मन हुआ. पत्थर पर सिर रखकर सो गया….!!! पनघट पर पनिहारिन आती-जाती ही रहती हैं !!! वे एक समूह में आईं और साधू

जगत का बोध – सभी को खुश रखना असंभव है Read More »

महाशिवरात्रि पर्व

महाशिवरात्रि पर्व – प्रेरणादायी दंतकथा

महादेव शिव अति दयालू हैं, कृपा निधान हैं. महाशिवरात्रि पर्व की यही महिमा है. भक्तों की सहायता के लिए आतुर हो जाते हैं.  महाशिवरात्रि पर्व का एक दृष्टान्त इस प्रकार है… एक शिकारी जंगली जानवरों का शिकार कर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करता था। हमेशा शिकार नहीं मिलने के कारण  वह एक महाजन से क़र्ज़

महाशिवरात्रि पर्व – प्रेरणादायी दंतकथा Read More »

धीरज की महिमा

धीरज की महिमा

सन्त ने कहा  . . . “मनुष्य में धैर्य हो तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।।” आलोचक ने प्रश्न किया  . . . “क्या धैर्य से आप छलनी में पानी को ठहरा सकते हो ? क्या यह सम्भव है ?” सन्त ने उत्तर दिया… ‘पानी’ को ‘बर्फ़’ बनने तक का ‘धैर्य’

धीरज की महिमा Read More »

error: Content is protected !! Please contact us, if you need the free content for your website.