Saint Speak संत वचन

भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला

भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी॥

रामनवमी पर्व की बधाई, मंगल कामनाएं!! आनंद लीजिये गोस्वामी तुलसीकृत रामचरित मानस की रामावतरण चौपाईयों का, जिन्हें लगभग सभी शीर्ष गायकों ने स्वरबद्ध किया है. यह गायन स्वर्गीय जगजीत सिंह जी की प्रस्तुति है.     भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा, निज […]

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जीवन है संग्राम

मन चंचल, चल राम शरण में – यही है आनन्द की सही कुन्जी

    मनसा वाचा, कर्मणा, मैं हूँ मेरे राम, अर्पित तेरी शरण में, सहित कर्म शुभ काम ॥ मन चंचल, चल राम शरण में राम ही तेरा जीवन साथी, नित्य हितैषी, सब दिन साखी, दो दिन के हैं, ये जग वाले, हरि अंग संग है, जन्म मरण में ॥१॥   जग में तूने प्यार बढ़ाया,

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जगत का बोध

जगत का बोध – सभी को खुश रखना असंभव है

एक सीधा सादा वैरागी साधू जिसे जगत का बोध नहीं था; विचरण करते करते थका, प्यासा हो गया था. चलते चलते एक नदी के पनघट पर पहुंचा, पानी पिया और सुस्ताने का मन हुआ. पत्थर पर सिर रखकर सो गया….!!! पनघट पर पनिहारिन आती-जाती ही रहती हैं !!! वे एक समूह में आईं और साधू

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Forget the past

Past is a drag on New Thoughts Memories of the past are a mix of good and bad experiences. While we always cherish the good ones. But regret and sorrows also stem from the past bad experiences. If we keep our mind clear like a fresh blank  page, we increase receptivity to new ideas and

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निष्ठा

परमपूज्य डॉ. विश्वामित्र जी महाराज साधक को एक ही मंत्र व एक ही गुरु में निष्ठा होनी चाहिये ! गुरु व मंत्र पर अटूट विश्वास हो उसे विचलित नहीं होना चाहिये ! एक स्थान से मांग पूरी नहीं हुई तुरंत दूसरी जगहमत्था टेकने चले गये ; यह बात नहीं होनी चाहिये ! इधर उधर भटकने

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