चुकंदर एक बेहतरीन सलाद व शाक है, जिसमें अच्छी मात्रा में लौह, विटामिन और खनिज होते हैं जो रक्तवर्धन और शोधन के काम में सहायक होते हैं।
गहरे लाल रंग का होने के कारण अधिकतर लोग इसे सिर्फ खून बढ़ाने वाली वनस्पति के रूप में ही जानते हैं
और इसका उपयोग भी इसी कारण से करते हैं।
लेकिन इस में इतने गुण हैं कि यदि इसे रोज़मर्रा का आहार बनाया जाये तो जीवन को रोगमुक्त बनाया जा सकता है.
आईये जानते हैं क्या हैं इसके फायदे, व क्या हैं चुकंदर के गुण लाभ…
क्या होता है चुकंदर
चुकंदर ( Beetroot) का वानस्पतिक नाम बीटा वल्गैरिस (Beta vulgaris) है।
इसे कई रूपों में, जिनमें अधिकतर लाल रंग की जड़ से प्राप्त सलाद, सब्जी रूप में प्रयोगनीय उत्पाद के लिये उगाया जाता है।
इसके अतिरिक्त अन्य उत्पादों में इसके पत्तों को शाक रूप में प्रयोग करते हैं.
चुकंदर की कई किस्में होती हैं, जिनमें से चार मुख्य इस चित्र में दिखाई गई हैं.
इसकी सफ़ेद किस्म जो सबसे अधिक मीठी होती है, का शर्करा-स्रोत के रूप प्रयोग किया जाता है।
धारीदार सफ़ेद जमुनी किस्म, दो किस्मों सफ़ेद व जमुनी को मिलाकर बनी एक GMO किस्म है
जिसमें दोनों किस्मों के स्वाद व गुण मिलते हैं. इससे सलाद की सजावट भी बढ़ जाती है.
कहीं-कहीं इसे एक पौष्टिक पशु-आहार के लिये भी प्रयोग किया जाता है।
चुकंदर की खासियत
चुकंदर का सेवन अधिकतर लोग सलाद के रूप में या जूस बनाकर करते हैं।
लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं इसे खाने के एक नहीं अनेक फायदे हैं।
इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।
उम्र के साथ ऊर्जा व शक्ति कम होने लगती है, और इस का सेवन अधिक उम्र वालों में ऊर्जा का संचार करता है।
एंटीआक्सीडेंट हमेशा जवान बनाएं रखने में सहायता करते हैं।
इसमें सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते हैं।
यह प्राकृतिक शर्करा का स्त्रोत होता है।
लेकिन इसकी शर्करा उत्तम फाइबर से संतृप्त होती है जिस कारण मधुमेह के रोगियों की शुगर अचानक नहीं बढ़ती.
हाँ, मधुमेह रोगियों को इसकी सफ़ेद किस्म से परहेज़ ज़रूर करना चाहिए.
इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और घाव भरने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
चुकंदर में गुर्दे और पित्ताशय को साफ करने के प्राकृतिक गुण हैं।
इसमें उपस्थित पोटेशियम शरीर को प्रतिदिन पोषण प्रदान करने में मदद करता है.
यह पाचन संबंधी समस्याओं जैसे वमन, दस्त, चक्कर आदि में लाभदायक होता है।
इस में बेटेन नामक तत्व पाया जाता है जिसकी आंत व पेट को साफ करने के लिए शरीर को आवश्यकता होती है.
चुकंदर का रस पीने से रक्ताल्पता दूर हो जाती है क्योंकि इसमें लौह भी प्रचुर मात्र में पाया जाता है।
इसे खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है।विशेषतया महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी है।
चुकंदर का रस हाइपरटेंशन और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर रखता है।
चुकंदर और उसके पत्ते फोलेट का अच्छा स्त्रोत होते हैं,
जो उच्च रक्तचाप और अल्जाइमर की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।
कई शोधों के अनुसार चुकंदर कैंसर में भी लाभदायक होता है।
चुकंदर के उपयोग
यदि आपको आलस महसूस हो रही हो या फिर थकान लगे तो चुकंदर खा लीजिये।
इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर की एनर्जी बढाता है।
सफेद चुकंदर को पानी में उबाल कर छान लें।
यह पानी फोड़े, जलन और मुहांसों के लिए काफी उपयोगी होता है।
खसरा और बुखार में भी त्वचा को साफ करने में इसका उपयोग किया जा सकता है।
चुकंदर में नाइट्रेट नामक रसायन होता है जो रक्त के दबाव को काफी कम कर देता है
और दिल की बीमारी के जोखिम को भी कम करता है।
यह एनीमिया के उपचार में बहुत उपयोगी माना जाता है।
यह शरीर में रक्त बनाने की प्रक्रिया में सहायक होता है।
आयरन की प्रचुरता के कारण यह लाल रक्त कोशिकाओं को सक्रिय रखने की क्षमता को बढ़ा देता है।
लंदन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने रोज चुकंदर का जूस पीने वाले मरीजों को अध्ययन में शामिल किया।
उन्होंने रोज चुकंदर का मिक्स जूस [गाजर या सेब के साथ] पीने वाले मरीजों के हाई ब्लड प्रेशर में कमी पाई।
अध्ययन के मुताबिक रोजाना केवल दो कप चुकंदर का मिक्स जूस पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
हालांकि इसका अधिक सेवन घातक साबित हो सकता है।
इसका नियमित सेवन करेंगे, तो कब्ज की शिकायत नहीं होगी।
बवासीर के रोगियों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है।
रात में सोने से पहले आधा गिलास जूस दवा का काम करता है।
यदि आप जिम में जी तोड़ वर्कआउट करते हैं तो आपको खाने के साथ चुकंदर लेना चाहिए।
इससे शरीर में एनर्जी बढती है और थकान दूर होती है।
यदि हाई बीपी हो गया हो तो इसका रस पीने से केवल 1 घंटे में सामान्य हो जाता है।
चुकंदर- किन्हें नहीं खाना चाहिए
चुकंदर उच्च oxalates युक्त रहता है.
Oxalates किडनी की ऑक्सालेट वाली पथरी के कारक माने जाते हैं.
यदि आप किडनी की ऑक्सालेट पथरी के रोगी हैं तो आपको इसे नहीं खाना चाहिए.
इस लेख में जानिये पथरी के विभिन्न प्रकारों को व उनके उपाय.
चुकंदर में fructans होने के कारण इसे FODMAP युक्त आहार माना जाता है.
Fructans छोटी श्रृंखला के कार्बोहाइड्रेट्स (short chain carbohydrates) होते हैं जो बड़ी आंत के बैक्टीरिया का आहार होते हैं.
FODMAP संवेदनशील पाचनतंत्र वालों, जैसे कि IBS संग्रहणी के रोगियों के लिये असहज आहार होते हैं, जिन्हें लेने पर पेट के उपद्रव आरम्भ हो जाते है.
इस लेख में जानिये क्या है IBS अथवा संग्रहणी रोग.
वैज्ञानिक शोध स्रोत: 1, 2, 3, 4