ACIREM- पित्त एसिडिटी का कारगर उपचार

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एसिडिटी अथवा अम्लपित्त आजकल का एक बड़ा रोग है, जो कई रूपों में परिणित होता है.

पेट की गैस, अफारा इत्यादि से लेकर नाभि का खिसकना, पेट की जलन, तेज़ एसिडिटी,

अमाशय के रोग जैसे GERD, हाइपर-एसिडिटी, अधिक डकारें आते रहना, hiatal हर्निया और अलसर (ulceration) इत्यादि

एसिडिटी अम्लपित्त के कई रूप होते हैं.

एसिरेम (Acirem) एक ऐसी औषधि है जिसे एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार के रूप में प्रमाणिकता हासिल है.

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यदि आपका खानपान नियमित नहीं है, अधिक भारी और मिर्च मसाले युक्त है

आप पेट के किसी रोग जैसे IBS संग्रहणी, आँतों की सूजन से जूझ रहे हैं

तो एसिडिटी की समस्या भी रहने लगती है.

आजकल की कई एलोपैथिक दवाओं के सेवन से भी एसिडिटी की समस्या रहने लगती है.

यदि आप डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, जोड़ों की दर्द निवारक औषधियाँ ले रहे हैं तो संभवत: आपको एसिडिटी की दवाएं भी साथ में दी जाती हैं.

लेकिन एसिडिटी की आधुनिक दवाओं जैसे एंटासिड्स, PPIs के दुष्परिणाम भी होते हैं जिनके कारण कई अन्य रोग पनप जाते हैं.

इसलिए इनके नियमित सेवन से ज़रूर बचना चाहिये.

आपको चुनना चाहिये ऐसा विकल्प जो वनस्पति आधारित हो और जिसके कोई दुष्प्रभाव भी न हों.

एसिरेम (Acirem) है स्थायी समाधान

मुलेठी एक ऐसी वनस्पति है जिसे आयुर्वेद और विज्ञान दोनों ही, पित्त (एसिडिटी) के लिए सबसे अधिक कारगर बताते हैं.

शोधों में प्रमाणित हो चुका है कि यदि मुलेठी की glycyrrhizin निकाल दी जाये तो मुलेठी के एसिडिटी निवारक गुण कई गुणा बढ़ जाते हैं.

Glycyrrhizin का उपयोग केवल खांसी और गले की खराश में ही किया जाना चाहिये.

Acirem में Deglycyrrhizinated मुलेठी के उच्च सघनता वाले सत्व का उपयोग किया जाता है, जो पित्त सम्बन्धी सभी रोगों में कारगर पाया गया है.

इसे हमेशा उपयोग किया जा सकता है क्योंकि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता.

Acirem (एसिरेम) के संयोजक तत्व

प्रति कैप्सूल के मुख्य संयोजक तत्व इस प्रकार हैं

Deglycyrrhizinated licorice extract 550mg

Piper nigrum 20mg

Zingiber officinale 20mg

Piper longum 20mg

Excepients QS

पैकिंग

120 कैप्सूल्स HDPE  जार में.

सेवन विधि

सामान्य एसिडिटी के लिए:

एक से दो capsules भोजन से आधा घंटा पहले पानी के साथ दिन में तीन बार या चिकित्सक के विशेष निर्देशानुसार.

Entral gastritis, GERD, अलसर और एसिडोसिस में इसका उपयोग रोग के पूरे ठीक होने तक तक किया जाना चाहिये.

Reviews

  1. Anmol Dabholkar

    बहुत ही कारगर औषधि है. मुझे पित्त एसिडिटी की समस्या बनी रहती थी. Rabeprazol, Pentaprazol के कैप्सूल लिए बिना मुझे आराम ही नहीं मिलता था. मेरे डॉक्टर साहब ने बताया कि इनके उपयोग से किडनी खराब हो सकती है.
    उन्होंने मुझे आयुर्वेद सेंट्रल की असिरेम दो से तीन महीने लेने को कहा.
    पहले 15-20 दिन मैंने इसके दो दो कैप्सूल लिए दिन में तीन बार; खाने से आधा घंटा पहले. मुझे आराम मिला, लेकिन डॉक्टर साहब ने इसे तीन महीने तक लेने को कहा ताकि शरीर में जमा पित्त निकल जाये.
    मेने इसके लगभग 4 पैक उपयोग किये और आज में कुछ भी खा सकता हूँ, मुझे गैस नहीं बनती.
    धन्यवाद आयुर्वेद सेंट्रल, आपकी असिरेम वाकई कारगर है.

  2. नीलेश सोलंकी

    बहुत अच्छा दवाई है। हम Acirem को हमेशा अपने पास रखते हैं। हमारे आस पड़ोस के सभी लोग एसिडिटी के लिए हमसे एसिरेम मांगते रहते हैं। उन्हें ये देकर हमें बहुत ही संतुष्टी मिलती है। क्योंकि ये पूरी तरह से आयुर्वेदिक है जिसके कोई भी दुषपरिणाम नहीं हैं।

  3. Anant Singh Raghuvanshi

    Acirem is perhaps the only product which has no side effects, whatsoever.

    I first used this product for my mother who has frequent problem of acidity, due to her ongoing allopathic treatment for BP, diabetes and associated disorders, we have stopped using pentaprazols, rabiprazols etc as they had made her bones week due to calcium deficiency, and created some kidney problems.

    Now we keep Acirem at home and use it for acidity and bloating.

    Thank God it is totally herbal and has no side effects.

  4. Avantika Mishra

    Acirem is really wonderful. Thanks.

  5. Farhan Warsi

    Wonderful product. It cured my chronic ulcers in two months flat. Though I took it for four months, as was advised by my doctor.

  6. बीर बहादुर कोश्यारी

    मुझे अल्सर की समस्या दो साल से थी। इलाज करवा कर थक गया था। मेरे मित्र ने आयुर्वेद सेंट्रल से बात करने को कहा, क्योंकि उसने अपना यहां से आईबीएस का इलाज करवा ये था।
    मेरे अल्सर का इलाज तो हो ही गया बाद में मुझे हर्बल एंजाइम भी दिये गए जिनकी कमी के कारण मुझे बार बार अल्सर होता था।
    में हैरान हूं कि नामी गिरामी डॉक्टरों ने मेरे इलाज किए लेकिन किसी ने भी ऐसा इलाज नहीं किया, की रोग दोबारा से न हो।
    आज लगभग दो साल हो गए हैं और मुझे इस रोग ने दोबारा नहीं सताया है।

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