यदि आपका खानपान नियमित नहीं है, अधिक भारी और मिर्च मसाले युक्त है
आप पेट के किसी रोग जैसे IBS संग्रहणी, आँतों की सूजन से जूझ रहे हैं
तो एसिडिटी की समस्या भी रहने लगती है।
आजकल की कई एलोपैथिक दवाओं के सेवन से भी एसिडिटी की समस्या रहने लगती है.
यदि आप डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, जोड़ों की दर्द निवारक औषधियाँ ले रहे हैं तो संभवत: आपको एसिडिटी की दवाएं भी साथ में दी जाती हैं.
लेकिन एसिडिटी की आधुनिक दवाओं जैसे एंटासिड्स, PPIs के दुष्परिणाम भी होते हैं जिनके कारण कई अन्य रोग पनप जाते हैं।
इसलिए इनके नियमित सेवन से ज़रूर बचना चाहिये.
आपको चुनना चाहिये ऐसा विकल्प जो वनस्पति आधारित हो और जिसके कोई दुष्प्रभाव भी न हों.
एसिरेम (Acirem) है स्थायी समाधान
मुलेठी एक ऐसी वनस्पति है जिसे आयुर्वेद और विज्ञान दोनों ही, पित्त (एसिडिटी) के लिए सबसे अधिक कारगर बताते हैं.
शोधों में प्रमाणित हो चुका है कि यदि मुलेठी की glycyrrhizin निकाल दी जाये तो मुलेठी के एसिडिटी निवारक गुण कई गुणा बढ़ जाते हैं.
Glycyrrhizin का उपयोग केवल खांसी और गले की खराश में ही किया जाना चाहिये।
Acirem में Deglycyrrhizinated मुलेठी के उच्च सघनता वाले सत्व का उपयोग किया जाता है, जो पित्त सम्बन्धी सभी रोगों में कारगर पाया गया है.
इसे हमेशा उपयोग किया जा सकता है क्योंकि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता.
Acirem (एसिरेम) के संयोजक तत्व
प्रति कैप्सूल के मुख्य संयोजक तत्व इस प्रकार हैं
Deglycyrrhizinated licorice extract 550mg
Piper nigrum 20mg
Zingiber officinale 20mg
Piper longum 20mg
Excepients QS
पैकिंग
90 कैप्सूल्स HDPE जार में।
सेवन विधि
सामान्य एसिडिटी के लिए:
एक से दो capsules भोजन से आधा घंटा पहले पानी के साथ दिन में तीन बार या चिकित्सक के विशेष निर्देशानुसार.
Entral gastritis, GERD, अलसर और एसिडोसिस में इसका उपयोग रोग के पूरे ठीक होने तक तक किया जाना चाहिये।