पुरुष द्वारा स्त्री को संतुष्ट किए बिना चरम क्षणों से पहले ही स्खलित हो जाना ही शीघ्रपतन कहलाता है।
शीघ्रपतन से ग्रसित पुरुष कामक्रीड़ा से इतराने लगते हैं और हीन भावना के शिकार भी होने लगते हैं।
शीघ्रपतन के लक्षण, पहचान
पुरुष का वीर्यपात स्त्री से सम्भोग करने से पहले या कम समय में ही हो जाता है।
वह स्त्री से प्यार करने, आलिंगन करने या चुम्बन लेने मात्र से ही स्खलित हो जाता है।
शीघ्रपतन के कारण पुरुष को स्त्री के सामने लज्जित होना पड़ता है, क्योंकि स्त्री संतुष्ट नहीं हो पाती है।
धीरे-धीरे व्यक्ति की शारीरिक शक्ति भी क्षीण हो जाती है.
ऐसे पुरुषों की स्त्रियों को बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं।
दोनों के यौन सम्बन्ध कम होने लगते हैं।
कई बार वैवाहिक जीवन तक भी प्रभावित हो जाते हैं, व कुछेक असंतुष्ट महिलाएं अन्य पुरुषों से अवैध सम्बंध तक स्थापित कर लेती हैं.
शीघ्रपतन के कारण
अत्यधिक सम्भोग करने, पुष्टिकारक भोजन की कमी, हस्तमैथुन की आदत,
जननेन्द्रिय सम्बंधी रोग, मदिरापान तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन; शीघ्रपतन रोग के कारण बन जाते हैं.
इसमें अतिकामुकता का भाव व इन्द्रिय संवेदनशीलता भी अहम स्थान पर आते हैं.
अन्य कारण हीन भावना, वीर्य का पतलापन तथा आत्मविश्वास की कमी भी हो सकते हैं.
शीघ्रपतन के लिये 9 असरदार घरेलू नुस्खे
आईये, जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू उपाय जो शीघ्रपतन से छुटकारा दिला कर आत्मविश्वास को पुन: जगा सकते हैं.
यह नुस्खे पारम्परिक हैं जिन्हें घरेलू उपाय भी माना जा सकता है.
1. केवांच, तालमखाना, दूध और मिश्री
केवांच के बीज अथवा कौंचबीज तथा तालमखाना – दोनों के 5-5 ग्राम चूर्ण दूध या मिश्री के साथ सेवन करें.
कौंच बीज वीर्य को गाढ़ा करता है क्योकि पतला वीर्य भी शीघ्रपतन का एक कारण होता है.
2. छुहारा और गाय का दूध
प्रतिदिन सुबह के समय दो तीन छुहारे चबाकर ऊपर से मिश्री मिला आधा किलो गाय का दूध पीना चाहिए.
छुहारे दूध में उबाले भी जा सकते हैं.
3. ईसबगोल, खसखस, मिश्री और दूध
ईसबगोल, खसखस और मिश्री – सब 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर सेवन करें.
ऊपर से दूध पी लें.
ईसबगोल में उपलब्ध फाइबर पेट को नर्म रखता है जिस कारण भोजन में उपलब्ध पोषक द्रव्यों का पाचन सही होता है व शरीर पुष्ट होता है.
4. गोखरू, केवांच, अश्वगंधा
शीघ्रपतन का इलाज के लिए समभाग गोखरू, केवांच व अश्वगंधा लेकर चूर्ण बनायें.
तीनो के बराबर मिश्री मिला दें.
इसका एक चम्मच गाय के दूध के साथ नित्य दो बार सेवन करें.
5. सफ़ेद मूसली, शतावरी, गोखरू स्तम्भन चूर्ण
सफ़ेद मूसली, गोखरू और शतावरी प्रत्येक 100 ग्राम लें.
अकरकरा, तालमखाना, 5 ग्राम प्रत्येक लें.
सब का चूर्ण बना कर नित्य सायं एक चम्मच दूध के साथ लें.
यह योग भी शीघ्र स्खलन की दवा के रूप में जाना जाता है.
6. शहद, लहसुन और दूध
प्रतिदिन लहसुन की 5 कलियाँ एक चम्मच शहद के साथ चबाएं.
ऊपर से मिश्री मिले आधा किलो दूध का सेवन करें.
लहसुन सेक्स सम्बंधी सभी प्रकार के रोगों के लिए रामबाण है.
7. उड़द के लड्डू
शीघ्र स्खलन का इलाज उरद से भी किया जा सकता है.
उड़द दाल को छिलके समेत रात भर भिगोयें.
प्रात:काल इस की पेस्ट बनाकर गाय के घी में धीमी आंच पर तब तक तलें जब तक कि पानी की मात्रा समाप्त न हो जाये.
पकने पर चुटकी भर इलायची, लौंग व जावित्री या जैफल मिला कर समभाग मिश्री भी मिला दें.
ठंडा होने पर लड्डू बना लें.
रोज़ एक लड्डू का सेवन गाय के दूध के साथ करें.
8. प्याज और शहद
दो चम्मच प्याज के रस में शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय खाली पेट लेना चाहिए.
इससे स्तम्भन शक्ति बढ़ती है.
9. तुलसीमूल और घी
चौथाई चम्मच तुलसी के पौधे की जड़ का चूर्ण घी में मिलाकर लें.
ऊपर से दूध पी लें.
यह योग भी स्तम्भन में उपयोगी माना जाता है.
विशेष
दिए गए नुस्खों के साथ साथ कुछ मानसिक बदलाव भी लाने चाहिए.
शीघ्रपतन से पीड़ित व्यक्ति को मन में कामुकता का विचार नहीं रखना चाहिए.
यदि आपकी समस्या गंभीर हो तो दो तीन माह के लिये आयुर्वेदिक ले कर समस्या का समाधान कर लेना चाहिए.
यौन सम्बन्धी विसंगतियों के लिये प्रमाणित व उपयोगी आयुर्वेदिक टॉनिक वेबसाइट की सहयोगी संस्थाओं पर उपलब्ध हैं जिनसे शीघ्रपतन, नपुंसकता, लिंग दुर्बलता व अन्य यौन कमजोरियों का निवारण होता है.
(लेख साभार: Dr. Ashwani Bansal)
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