सफ़ेद दाग (ल्यूकोडर्मा) के 10 घरेलू इलाज

सफ़ेद दाग (ल्यूकोडर्मा) के 10 घरेलू इलाज

सफ़ेद दाग (Vitiligo and leucoderma) एक ऑटोइम्यून विसंगति है.

इसके पनपने में भी समय लगता है और ठीक होने में भी.

इन सभी उपायों में धैर्य की जरूरत रहती है क्योकि यह रोग एक दिन में ठीक नहीं हो पाता है.

सफ़ेद दाग (ल्यूकोडर्मा) के 10 घरेलू इलाज

1 रोज बथुआ की सब्जी खायें, बथुआ उबाल कर उसके पानी से सफेद दाग को धोयें

कच्चे बथुआ का रस दो कप निकाल कर आधा कप तिल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें

जब सिर्फ तेल रह जाये तब उतार कर शीशी में भर लें।

इसे लगातार लगाते रहें । ठीक होगा।

2 रिजका यानी ऐल्फ़ाल्फ़ा सौ ग्राम ककडी का रस मिलाकर रोज़ाना पिएँ दाद व सफ़ेद दाग़ ज़रूर ठीक होगा।

अखरोट खूब खायें।

इसके खाने से शरीर के विषैले तत्वों का नाश होता है।

अखरोट का पेड़ अपने आसपास की जमीन को काली कर देती है ये तो त्वचा है।

अखरोट खाते रहिये लाभ होगा।

सफ़ेद दाग (ल्यूकोडर्मा) के 10 घरेलू इलाज

4 पानी में भीगी हुई उडद की दाल पीसकर सफेद दाग पर चार माह तक लगाने से दाग़ ठीक हो जायेगा।

5 एक मुट्ठी काले चने लेकर १२५ मिली लीटर पानी में डाल दे।

सुबह ८-९ बजे उसमे १० ग्राम त्रिफला चूर्ण डाल दे,

२४ घंटे वो पड़ा रहे …ढक के रख दे …

२४ घंटे बाद वो छाने और पी लें….

सफ़ेद दाग़ के लिए उत्तम इलाज है।

नीम हल्दी का उपयोग

नीम की पत्ती, फूल, निंबोली, सुखाकर पीस लें प्रतिदिन फंकी लें।

7 सफेद दाग के लिये नीम एक वरदान है।

कुष्ठ जैसे रोग का इलाज नीम से सर्व सुलभ है।

कोई भी सफेद दाग वाला व्यक्ति नीम तले जितना रहेगा उतना ही फायदा होगा

नीम खायें, नीम लगायें ,नीम के नीचे सोये ,नीम को बिछाकर सोयें, पत्ते सूखने पर बदल दें।

पत्ते, फल निम्बोली, छाल किसी का भी रस लगायें व एक चमच पियें भी।

जरूर फायदा होगा कारण नीम खुद एक एंटीबायोटिक है।

ये अपने आसपास का वातावरण स्वच्छ रखती है।

इसकी पत्तियों को जलाकर पीस कर उसकी राख इसी नीम के तेल में मिला कर दाग़ पर लेप करते रहें। नीम की पत्ती, निम्बोली ,फूल पीसकर

चालीस दिन तक शरबत पियें तो सफेद दाग से मुक्ति मिल जायेगी।

8 और उपायों के साथ-साथ रोज़ाना गाय की छाछ दो बार पियें

सफेद दाग ठीक होने में मदद मिलती है।

हल्दी भी एक औषधि है।

इससे त्वचा रोग में फायदा होता है।

सौ ग्राम हल्दी, चार सौ ग्राम स्पिरिट लेकर मिलायें और खाली शीशी में भर के धूप में रख दें।

दिन में कम से कम तीन बार ज़ोर-ज़ोर से हिलायें।

ये टिंचर का का काम करेगा दिन में तीन बार शरीर पर लगायें।

हल्दी गर्म दूध में डालकर पियें छः महीने कम से कम।

10 लहसुन के रस में हरड को घिसकर कर लेप करें साथ साथ सेवन भी करें।.

JAIDEV YOGACHARYA ( THERAPIST & AYURVEDA )

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