सदियों से सरसों का तेल खाने, कई सामान्य रोगों के उपचार और सौन्दर्य योगों के लिये किया जा रहा है.
उत्तर भारतीयों का तो यह सबसे पसंदीदा तेल है.
जानते हैं, क्यों है सरसों का तेल गुणकारी और उपयोगी.
क्या हैं इसके गुण फायदे और विभिन्न औषधीय उपयोग, जो इसे एक लाभकारी तिलहन का दर्जा दिलाते हैं.
क्या होता है सरसों का तेल
सरसों (english name: Mustard, botanical name:Brassica juncea) एक तिलहन है.
जिसका उद्गम यूरोप का माना जाता है लेकिन भारत में सबसे अधिक उगाया जाता है.
सरसों की कुछ किस्में भी होती हैं जिनमें से गहरे भूरे रंग वाली किस्म की सरसों (brown Indian mustard, botanical name:Brassica juncea)के बीजों (mustard seeds) से यह तेल निकाला जाता है.
1. कान दर्द निवारक
यदि कान में दर्द हो रहा है तो लहसुन की दो – चार कलियां मिला कर सरसों के तेल में पका लें.
इस तेल के गुनगुना होने पर दो बूंद कान में डालें, तुरंत लाभ मिलता है।
सरसों के तेल में दर्दनाशक गुण होते हैं।
2. सौंदर्यवर्धक
सरसों का तेल सौंदर्यवर्धक भी माना जाता है.
रूप सौंदर्य निखारने के लिए और गोरा रंग चाहने वाले, बेसन व हल्दी के उबटन में सरसो का तेल डालकर लगाएं।
होंठ फटने पर रात को सोते समय सरसों का रेल लगाईये
या फिर नाभि में सरसों के तेल की दो बूँद लगाने से होंठ फटने बंद हो जायेंगे.
3. ह्रदय हितकारी
सरसों का तेल दिल को चुस्त-दुरुस्त रखता है।
एम्स, हावर्ड स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस व सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज और American Society of clinical nutrition द्वारा सरसों के तेल पर शोध किए गए हैं.
इन सभी शोधों ने पाया है कि सरसों का तेल खाने वाले 71 प्रतिशत लोगों को दिल की बीमारी नहीं होती है. (1)
4. गठिया रोग में कारगर
यदि गठिया से परेशान हों तो सरसों के तेल में कपूर, सत अजवायन और दालचीनी मिलाकर जोड़ों पर मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है।
5. कमरदर्द के लिये
यदि कमर दर्द हो तो सरसों के तेल में थोड़ी हींग, अजवायन और लहसुन मिलाकर गर्म कर लें.
इसे कमर पर लगाएं; लाभ मिलेगा.
पिंडलियों का दर्द हो तो सरसो के तेल को गुनगुना करके पिंडलियों की मालिश करनी चाहिए।
6. नवजात शिशु और प्रसूता के लिये
नवजात शिशु और प्रसूता दोनों की मालिश करने के लिए सरसों का तेल सबसे अच्छा रहता है।
सरसों के तेल से मालिश करने के बाद नहाने से शिशु को सर्दी होने का खतरा नहीं रहता है।
7. त्वचा के रोगों में
त्वचा के रोगों में भी सरसों का तेल लाभदाक है।
इसके तेल में आक पत्तों का रस और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर गर्म करके ठंडा कर लें.
इसे लगाने से दाद, खाज, खुजली आदि खत्म हो जाती है.
शोधों ने यह भी पाया है कि सरसों का तेल में isothiocyanate पाया जाता है जो योनी के संक्रमण को ठीक कर सकता है. (2, 3)
8. चेहरे की कांति
यदि चेहरे पर कील मुंहासे, झाइयां, झुर्रियां हों तो सरसों का तेल बड़े काम की चीज है
सरसों के तेल में दही और बेसन मिलाकर उबटन बनाईये.
इससे मालिश करने से शरीर पर झुर्रियां नहीं पड़ती।
9. बालों के लिये
सरसों के तेल में थोड़ा आंवले और मेहँदी का पाउडर मिलाकर कुछ देर गर्मकर फिर छानकर लें.
इसे बालों में लगाने से बाल गिरना कम हो जाते हैं.
और घने काले भी हो जाते हैं।
10. मालिश के लिये उत्तम
सरसों के तेल से मालिश करने से रक्त संचार बढ़ता है।
शरीर में चुस्ती-स्फूर्ति आती है।
इससे शारीरिक थकान भी दूर होती है।
11. मसूड़ों की रक्षा
दांतों और मसूड़ों पर सरसों के तेल में नमक मिलाकर हलके हलके मलने से दांत मजबूत बनते हैं।
साथ ही, मसूड़ाें से खून आनेे की समस्या भी समाप्त होे जाती है।
12. आँखों के लिये
पैर के अंगूठे पर नित्य दो बूँद सरसों का तेल लगाने से नेत्र ज्योति में सुधार होता है.
ये अनुभूत नुस्खा है जिसे कई योगी उपयोग करते हैं।
दूसरा प्रयोग सरसों के तेल की तलवों में मालिश कर सोने का है जिससे भी आंखों की कमजोरी दूर हो जाती है।