यदि हम पूर्वजों की लम्बी स्वस्थ आयु का राज़ जानने का प्रयास करें तो एक बात यह भी निकल कर आती है, कि वे अपने जीवन में हमेशा ही गुड़ या शक्कर जैसे पारम्परिक आहारों का उपयोग करते थे.
वे जानते थे कि गुड़ या शक्कर का सेवन करने से पोषण भी पाया जा सकता है और कई रोगों से बचाव भी किया जा सकता है.
यदि हम भी अपने खानपान में थोडा परिवर्तन ला कर गुड़ या शक्कर जैसे पारम्परिक आहारों को अहमियत दें
तो यकीन मानिये आप भी उन पूर्वजों की तरह जी सकते हैं जिन्होंने इन आहारों को अपनाया और ताउम्र स्वस्थ रहे.
क्यों खास होता है गुड़ या शक्कर
गन्ने (Sugarcane) के रस को जब बिना कोई केमिकल मिलाये गर्म कर सुखाया जाता है तो गुड़ (jaggery अथवा Indian raw sugar) बनता है.
जब गरमा गर्म गुड़ को मसल कर इसका चूर्ण बनया जाये तो इसे शक्कर अथवा बुरादा गुड़ भी कहा जाता है.
गुड़ में गन्ने के रस के सभी गुण समाहित रहते हैं जिनमें इसके एंजाइम्स, मिनरल्स और विटामिन्स इत्यादि मुख्य होते हैं.
लेकिन जब गन्ने के रस से सफ़ेद चीनी बनायी जाती है
तो रासायनिक विधियों द्वारा एंजाइम्स, मिनरल्स और विटामिन्स इत्यादि सब कुछ निकाल दिए जाते हैं
ताकि चीनी का रंग सफ़ेद बने.
और इसी कारण सफ़ेद चीनी में मिठास के अतिरक्त कोई भी पोषक तत्व नहीं मिलते.
उर्जादायक
- थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ या शक्कर का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है।
दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।
- गुड़ जल्दी पच जाता है, और इसके सेवन से शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता।
- थकान मिटाने के लिए गुड़ का शर्बत पीने का भी रिवाज़ है।
गुड शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
सर्दियों में, यह शरीर के तापमान को विनियमित करने में भी सहायता करता है।
श्वास तंत्र के लिए लाभकारी
- गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है।
गुड़ खाने से फेफड़ों के म्यूकस मेम्ब्रेन्स सक्रिय हो जाते हैं जिससे संक्रमण और खुश्की वाली खांसी से राहत मिलती है.
इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
- अस्थमा से परेशान लोगों के लिए गुड़ और काले तिल से बने लड्डू खाना फायदेमंद बताया जाता है।
इसे खाने से बैठे हुए गले को ठीक किया जा सकता है।
- गुड़ का उपयोग उच्च स्तरीय वायु प्रदूषण में रहने वाले लोगों को प्रदूषण से लड़ने में मदद करता है.
गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला ठीक होता है व आवाज खुल जाती है।
पाचन शक्ति हितकारी
- अगर आपको खट्टी डकारें आती हैं, तो गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटें.
ऐसा करने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाएंगी।
- यदि आपको कम भूख लगती है, तो अदरक और काली मिर्च मिलाकर इसका सेवन करें.
गुड़ खाने से से गैस की दिक्कत नहीं होती।
जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद अजवायन मिला थोड़ा गुड़ ज़रूर खाएं।
- इसका सेवन करने से भूख ज्यादा लगती है।
रोग निवारक
- दिल की बीमारी से परेशान लोगों के लिए गुड़ लाभदायक साबित होता है।
गुड़ खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
अगर कान में दर्द रहता है, तो घी में गुड़ मिलाकर खाएं।
- रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें,
इससे सर्दियों में जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।
- गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है।
रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है।
- गुड़ खाने से याद्दाश्त कमजोर नहीं होती.
इसलिए अगर आप अपनी याद्दाश्त दुरुस्त रखना चाहते हैं,तो इसका नियमित सेवन करें।
- पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
महिलाओं के लिए विशेष गुणकारी
- जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द होता है, उनके लिए गुड़ का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है।
इसलिए पीरियड्स के दौरान गुड़ खाएं।
इससे आपको दर्द कम होगा। गुड़ आपके पाचन को सही रखता है।
- गुड़ calcium, magnesium, potassium का बेहतरीन स्रोत होता है।
इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है।
खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रूरी है।
गुड खाने से रेड ब्लड सेल्स बनते हैं जिससे गर्भवती महिला में खून की कमी नहीं होती है।
- गुड़ रक्त की अशुद्धियों अथवा टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।
इससे इम्युनिटी अच्छी होती है जिसे बीमारियों और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।
गुड़ में पोटैशियम की मात्रा अधिक और सोडियम की मात्रा कम होती है जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है।
गुड में मौजूद मिनरल और पोटैशियम से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है।
पोटैशियम की वजह से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलित मात्रा में बना रहता है।
जिससे गर्भावस्था के दौरान हुई सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
- गर्भावस्था के दौरान गुड़ खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं जिससे घुटनों को ताकत मिलती है।
यह जोड़ों के दर्द और जोड़ों की अकड़न को भी कम करता है जो अक्सर गर्भवती महिलाओं को हो जाती है।
गुड़ या शक्कर के उपयोग
गुड़ को कई तरीको से उपयोग किया जा सकता है.
गुड़ से बनी चाय सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है, इसलिए चाय में चीनी की जगह गुड़ डालें।
खाने के बाद गुड़ का सेवन स्वास्थयवर्धक माना जाता है.
गुड़ और नीम्बू का शर्बत गर्मियों में पिया जाता है.
सर्दियों में गुड़ से कई अन्य व्यंजन भी तैयार किये जाते हैं जिनमें गच्चक, रेवडियां, मसाला गुड़ और घी शक्कर इत्यादि मुख्य हैं.
चने के साथ गुड़ मिलाकर खाने को एक शक्तिवर्धक योग माना जाता है.
पुराना गुड़ या शक्कर खायें
गुड़ जितना पुराना होता है, उतना ही अधिक लाभदायक होता है.
क्योकि पुराने गुड़ में खमीरीकरण से लाभकारी एंजाइम्स पैदा हो जाते हैं, जो पाचन के लिए लाभकारी माने जाते हैं.
इसलिए गुड़ के पुराना होने पर उसे फेंके नहीं.
पुराने गुड़ का सेवन करने से आप सर्दियों में हेल्दी रह सकते हैं।
इसी तरह इसको गर्भावस्था के दौरान खाने के भी बहुत सारे लाभ हैं, और आज हम इन्ही फायदों के बारे में बात करने जा रहें हैं।