किड्नी स्वास्थ्य और मूत्र प्रणाली के लिए फाइबो (Phybo) एक उत्तम योग है।
किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को साफ करने, विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने का काम करती है।
किडनी से संबंधित कई रोग हो सकते हैं।
जिनमे क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD), एक्यूट किडनी इंजरी (AKI), किडनी स्टोन (पथरी), नेफ्रोटिक सिंड्रोम, पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) मुख्य होते हैं।
Phybo किडनी जनित रोगों से बचाव का लक्षय रखती है।
यह बार बार होने वाले किडनी स्टोन (पथरी) से बचाव करती है और मूत्रल योग (Diuretic) होने के कारण उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) में भी लाभ देती है।
Phybo के मुख्य संयोजक
फाइबो (Phybo) में उन वनौषधियों का समावेश है जिन्हें वैज्ञानिक शोध और आयुर्वेद दोनों ही बेहतरीन मानते हैं। इसमें निम्नलिखित वनौषधियों का समावेश है।
पुनर्नवा
पुनर्नवा (Boerhavia diffusa) एक जड़ी-बूटी है जो आयुर्वेद में किडनी और लीवर से संबंधित रोगों के इलाज में बहुत उपयोगी मानी जाती है।
इसके विभिन्न औषधीय गुण किडनी स्वास्थ्य को बनाए रखने और किडनी रोगों से बचाने में मदद करते हैं। पुनर्नवा शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में सहायक है और किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
- किडनी में जमा हुए विषाक्त पदार्थों को निकालता है।
- रक्त को साफ करता है और किडनी के फिल्टरिंग सिस्टम को बेहतर बनाता है।
- क्रिएटिनिन और यूरिया के स्तर को नियंत्रित करती है।
- किडनी की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करती है।
- किडनी के कार्य में सुधार करता है।इसमें सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, जो किडनी के किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- मूत्र मार्ग की सूजन से राहत दिलाता है।
- पेशाब के माध्यम से पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है। पुनर्नवा किडनी में पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकने और पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ने में मदद करती है।
- किडनी और मूत्राशय में संक्रमण से बचाव करता है।
- उच्च रक्तचाप किडनी की खराबी का एक प्रमुख कारण है। पुनर्नवा रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होती है।
सिंहपर्णी
सिंहपर्णी (Dandelion, Taraxacum officinale) एक औषधीय पौधा है, जो आयुर्वेद और हर्बल चिकित्सा में किडनी और लीवर से संबंधित समस्याओं के इलाज में उपयोगी माना जाता है।
इसमें कई औषधीय गुण होते हैं जो किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने और सुधारने में सहायक हैं।
सिंहपर्णी के पत्ते और जड़ें मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर होती हैं, जो शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो किडनी और मूत्र मार्ग की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
- शरीर में जल प्रतिधारण (वॉटर रिटेंशन) को कम करना।
- किडनी के माध्यम से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना।
- नेफ्राइटिस (किडनी की सूजन) में राहत।
- किडनी के ऊतकों को स्वस्थ बनाए रखना।
- डायबिटिक नेफ्रोपैथी (मधुमेह से प्रभावित किडनी) को रोकता है।
- किडनी पर ग्लूकोज के हानिकारक प्रभाव को कम करती है।
- उम्र से संबंधित किडनी की समस्याओं को रोकना
भूमि आमला
भूमि आमला (Phyllanthus niruri), जिसे हिंदी में “भुई आमला” और अंग्रेजी में “Stonebreaker” कहा जाता है, आयुर्वेद में एक प्रमुख जड़ी-बूटी है।
इसका उपयोग विशेष रूप से किडनी और लीवर से संबंधित समस्याओं के इलाज में किया जाता है।
इसके औषधीय गुण किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने और सुधारने में निम्न प्रकार से मदद करते हैं।
- पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ता है।
- पथरी के कारण होने वाले दर्द और जलन को कम करता है।
- किडनी में पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकता है।
- किडनी की सफाई करना।
- संक्रमण के कारण हुए किडनी डैमेज को रोकता है।
- किडनी फंक्शन में सुधार।
- क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) में मदद।
Phybo के घटक
उच्च सघनता ऑर्गैनिक सत्व की प्रत्येक कैपस्यूल मात्रा इस प्रकार है:
पुनर्नवा (Boerhavia diffusa) 175 mg
भूमि आमला (Phyllanthus niruri) 175 mg
सिंहपर्णी (Dandelion, Taraxacum officinale) 175 mg
त्रिकटु अथवा पिप्पली (Piper longum), मरिच (Piper nigrum) और सौंठ (Zinjiber officinale) का समभाग सम्मिश्र 20 mg
सेवन विधि (Dosage)
एक कैपस्यूल दिन में तीन बार। इसे खाली पेट लेने पर अधिक लाभ मिलता है।
पैकिंग
90 कैपस्यूल्स HDPE जार में