यदि आप शाकाहारी नहीं हैं, या आपके शाकाहार में अन्डे भी शामिल हैं, तो यह लेख आपके लिए है.
कुछ अतिउत्साही अण्डों के इतने दोष गिना देते हैं जिनका न कोई आयुर्वेदीय सन्दर्भ मिलता है न ही वैज्ञानिक.
अंडे का यह दुष्प्रचार न तो आयुर्वेद समर्थित है न ही किसी वैज्ञानिक शोध पर आधारित.
मनघडंत तर्कों से गुमराह करना ही इनका एकमात्र उद्देश्य प्रतीत होता है.
इस लेख में जानेंगे अंडे खाने के फायदे लाभ और उपयोग जो आयुर्वेद सम्मत भी है और शोध विज्ञान सम्मत भी.
उस भ्रामक प्रचार की भी पड़ताल करेंगे जो सोशल मीडिया पर जोर शोर से वायरल हो चुका है.
क्या अन्डे हानिकारक होते हैं?
कुछ आहार विशेषज्ञ प्रकृति के कुछ बेहतरीन आहारों को विपरीत नज़रिए से देखते रहे हैं.
अंडा इसका सटीक उदाहरण है.
वे ये बताते रहे कि अण्डों में अधिक कोलेस्ट्रॉल होता है इस कारण हमें नहीं खाना चाहिए.
बताया गया कि अंडे की कोलेस्ट्रॉल हमारी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देती है.
इस कारण इन्हें हृदयरोग का कारक भी बताया जाता रहा.
सलाह मिलती रही कि अंडे को न खाना ही उचित है.
यदि खाना ही हो तो इसे बिना योक (जर्दी) के खाना चाहिए, वगैरह वगैरह.
सच्चाई ये है कि आहार की कोलेस्ट्रॉल का हमारे शरीर की कोलेस्ट्रॉल से कोई सम्बन्ध ही नहीं होता.
हमारे शरीर की कोलेस्ट्रॉल लिवर बनाता है न कि ये हमें आहार से प्राप्त होती है.
1 अंडे हैं पूर्ण संतुलित आहार
अन्डे वास्तव में धरती पर उपलब्ध पौष्टिक आहारों में से एक हैं जिनमें हर पौष्टिक एवं अंटीऑक्सीडेंट तत्वों का पूर्ण संतुलन पाया जाता है.
यदि अंडे की ज़र्दी (Yolk) छोड़ केवल सफेदी ही खायेंगे तो आपको केवल प्रोटीन ही मिलेगा,
जो किसी अन्य पोषक तत्व के बिना पूरा व्यर्थ जायेगा.
इसे वैसे ही समझिये जैसे केवल ईंटों से घर बनाने की चेष्टा करना.
जबकि घर बनाने के लिये ईंट, सीमेंट, रेत, बजरी इत्यादि सबकी आवश्यकता रहती है.
2 अंडे हैं ह्रदय हितकारी – कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ाते
आधुनिक शोधों से यह सिद्ध हो चूका है कि आहार में पाई जाने वाली कोलेस्ट्रॉल का शरीर की रक्त कोलेस्ट्रॉल से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं होता.
हमारे शरीर को कोलेस्ट्रॉल लिवर से मिलती है न कि किसी भोजन से.
दूसरी बात, अन्डे खाने से अच्छी मानी जाने वाली कोलेस्ट्रॉल (HDL) बढती हैं न कि खराब कही जाने वाली कोलेस्ट्रॉल.
बड़ी बात, अंडे के सेवन का दिल के रोग से कोई भी सम्बंध नहीं (देखिये 1, 2).
3 बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंटस का भण्डार
अंडे में मानव जाति के लिए उपयुक्त और सर्वोच्च किस्म के एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं.
अन्डे के एंटी ऑक्सीडेंटस उच्च किस्म के रोग प्रतिरोधक पाए गए हैं.
यदि आप बार बार अकारण खांसी, जुकाम, छींकों या अन्य एलर्जी से ग्रस्त होते रहते हैं तो अंडे का सेवन आपको राहत दे सकता है.
इसके बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट हमारी आँखों व मस्तिष्क के लिये अत्यंत लाभकारी पाये गए हैं (देखिये 3).
4 अंडे वजन कम करते हैं
अंडे उच्च वसायुक्त आहार होते हुए भी अनाज (रोटी, ब्रेड इत्यादि) की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण रूप से मोटापा घटाने में सहायक सिद्ध हुए हैं. यह एक ऐसा आहार है जो पूरी तरह से संतुलित है. कोई भी पोषक तत्व न कम है न अधिक.
इसलिए इनके उपयोग से अनावश्यक मोटापा नहीं पनपता; जैसा कि कार्बोहायड्रेटस युक्त आहारों से होता है.
शोध मानते हैं कि अन्डे के उपयोग से मोटापा जल्दी नियंत्रित किया जा सकता है; बिना किसी पोषक तत्व की कमी के. (देखिये 4, 5)
दुष्प्रचार का निवारण
दुष्प्रचार 1
अंडा मुर्गी की माहवारी या मासिक धर्म है
कोरी गप्प और भ्रामक है यह.
मासिक धर्म क्रिया का मतलब है गर्भाशय की पुरानी झिल्ली का निकलना और नयी का बनना, ताकि नयी में डिम्ब का पालन हो सके.
मासिक धर्म वाले प्राणियों और मानव के बच्चे अपना पोषण मां के रक्त संचार से पाते हैं, जन्म लेने तक.
मुर्गी में गर्भाशय होता ही नहीं है.
मुर्गी के बच्चे अंडे में ही पनपते हैं.
अंडे में बच्चा पनपने के पूरे पोषक तत्व पहले से ही जमा होते हैं,
जिनमें बच्चा बिना किसी गर्भाशय के, माँ से रक्त लिए बिना, अपने आप विकसित होता है.
दुष्प्रचार 2
अंडे खाना धर्म और शास्त्रों के विरुद्ध, अप्राकृतिक, और अपवित्र और चंडाल कर्म है
मानव जाति अन्डे का उपयोग चिरकाल से करती आ रही है.
आयुर्वेद में भी मांस अंडे की पूरी विधा उपलब्ध है, जिसे मांसवर्ग में वर्गीकृत किया गया है.
दुष्प्रचार 3
अंडे खाने से पुरुषों में स्त्रियों के हार्मोन (estrogen) के बढ़ने के कारण कई रोग उत्पन्न हो रहे है.
पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओ की कमी (oligozoospermia, azoospermia),
नपुंसकता और स्तनों का उगना (gynacomastia),
हार्मोन असंतुलन के कारण डिप्रेशन आदि
ये भी किसी कोरी गप्प से कम नहीं, क्योंकि ऐसा हो ही नहीं सकता.
यदि हम मुहं के रास्ते हॉर्मोन्स ले पाते तो इन्सुलिन के टीके लगाने की जगह आज लोग मज़े से इन्सुलिन की गोलियां या कैप्सूल खा रहे होते.
ऐसा प्रचार करने वालों को जानना चाहिए कि हॉर्मोन कभी भी मुहं के रास्ते नहीं लिए जाते.
आप जब भी कोई हॉर्मोन मुहं के रास्ते लेंगे तो हमारे मुहं की लार, अमाशय, लिवर के एंजाइम उसका तुरंत विघटन कर देंगे.
इस प्रकार के दुष्प्रचार के न तो कोई आयुर्वेदीय आधार हैं न ही कोई वैज्ञानिक शोध सम्मत निष्कर्ष.
दुष्प्रचार 4
अंडे का पीला भाग ह्रदय रोग (heart attack) का मुख्य कारण है
इस दुष्प्रचार का निवारण पहले ही कर दिया गया है, कि अंडे की कोलेस्ट्रॉल का हमारी कोलेस्ट्रॉल से कोई सम्बन्ध नहीं होता.
निष्कर्ष
अंडे में उच्च कोटि के पौष्टिक तत्व होते हैं जो वजन घटाने में सहायक है एवं आँखों व मस्तिष्क के लिये लाभकारी हैं.
अंडे खाने से ह्रदय रोग नहीं होता, न ही अंडे की कोलेस्ट्रॉल का हमारी अपनी कोलेस्ट्रॉल से कोई सम्बन्ध है.
हॉर्मोन्स कभी भी मुहं के रास्ते नहीं लिए जा सकते.
यहाँ क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन कीजिये
निजी स्वास्थ्य सलाह के लिये इस लिंक पर क्लिक कीजिये