बेजान बालों को फिर से जीवन देना एक लम्बी प्रक्रिया ज़रूर है लेकिन कठिन नहीं है.
स्वस्थ बालों के लिए खाने वाले टॉनिक्स के साथ साथ यदि तेल का भी उपयोग किया जाए तो लाभ निश्चित ही मिलता है.
यह लेख ‘घर पर बनाईये बालों का बेहतरीन तेल’ एक आसान रेसिपी है जिसे कई लोगों ने अपना कर लाभ पाया है.
यह नुस्खा कई वैद्यों द्वारा उपयोग में लाया जाता है.
मैने भी इसे कईयों को प्रस्तावित किया है और पाया है कि यह तेल बालों का गिरना झड़ना रोकता है और असमय पकने से बचाता है.
कालान्तर में बाल चमकदार, घने और काले हो जाते हैं.
शैम्पू, कंडीशनर के दुष्प्रभाव
बालों का गिरना झड़ना, Alopecia, असमय पकना अथवा सफ़ेद होना और रूसी इत्यादि आजकल की आम समस्यायें हैं.
आधुनिक शैम्पू और कंडीशनर्स भी इन सब के लिए कम ज़िम्मेदार नहीं.
क्योंकि लगभग सभी शैम्पू और कंडीशनर्स में सिलिकॉन का उपयोग होता है
जो फौरी तौर पर बालों को मुलायम और चमकीले बनाते हैं
लेकिन बालों की प्राकृतिक श्वसन प्रक्रिया को बाधित कर देते हैं.
जैसे ही सिलिकॉन युक्त कंडीशनिंग की परत उतरती है, बाल रूखे, दोमुहें और बेजान होते जाते हैं.
यह एक अनंत चक्रव्यूह में परिणित हो जाता है.
और फिर शुरू होता है बालों का बेजान होने, गिरने झड़ने और सफ़ेद होने का सिलसिला.
बालों की बेहतर देखभाल के आसान उपाय इस लेख में देखिये.
घर पर बनाईये बालों का बेहतरीन तेल
इस तेल को बनाना बेहद आसान है क्योंकि कोई भी सामग्री आपको स्वयं तैयार नहीं करनी है.
बाज़ार से बनी बनाई वस्तुएं खरीदकर उन्हें आपस में मिलाना भर है.
इस तेल को बनाने के लिए सामग्री और मात्रा इस प्रकार से है:
1 रोगन बादाम 25ml
2 रोगन जरारीह 25ml
3 रोगन बैजा मुर्ग 25ml
4 महाभृंगराज तेल 100ml
5 हस्ती भस्म 2 ग्राम
इस तेल के पहले तीन घटकों के नाम यूनानी (हमदर्द के उत्पाद) हैं
जबकि अंतिम दो के आयुर्वेदिक ( ज़ंडू, वैद्यनाथ, डाबर इत्यादि के उत्पाद) हैं.
महाभृंगराज तेल बिना किसी गंध के होता है.
यदि आप चाहें तो इसमें 2 ग्राम प्राकृतिक कर्पूर (camphor) और 2 ग्राम सतपुदीना (मिंट आयल) भी मिला सकते हैं.
इन्हें मिलाने से तेल सुगन्धित भी हो जायेगा और रूसी (dandruff) निवारक भी.
सभी घटकों को आपस में मिला कर रख लें और रोज़ रात सिर की मालिश के लिए उपयोग करें.
यह भी अपनायें
बेहतर परिणाम पाने के लिए उपयोग अवधि में भृंगराज रसायन का भी सेवन करना चाहिए.
आयुर्वेद के ग्रन्थ ‘भैषज्य रत्नावली‘ में उल्लेख है कि;
“भृंगराज रसायन के नियमित सेवन से अँधा व्यक्ति देखने लगता है (इसका अर्थ है कि नज़र तेज़ होती है) पलित (पके सफ़ेद बाल वाले) व्यक्ति के बाल काले एवं सघन मेघ के समान हो जाते हैं और रोगी नीरोग हो जाता है.”
भृंगराज रसायन का सेवन करने वाले अधिकाँश सेवियों का भी यही मत मिलता है.
एक सपष्ट आलेख: भृंगराज रसायन से बढ़ी हुई उम्र के सफ़ेद बाल काले तो नहीं होते पाए गए लेकिन घने ज़रूर हो जाते हैं.
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