खांसी जुकाम, सर्दी, और गला खराब होने की समस्या बदलते मौसम में एक आम बात हैं.
हर गले के संक्रमण या खांसी जुकाम के लिए एंटीबायोटिक्स व दर्द निवारक दवायें लेने के दूरगामी दुष्परिणाम भी होते हैं,
जिनसे अवश्य ही बचना चाहिए.
ऐसे में घरेलू नुस्खे अथवा उपचार बहुत काम आते हैं.
आईये जानते हैं ऐसे ही कुछ नुस्खों के बारे में…
खांसी जुकाम – क्या होनी चाहिए स्ट्रेटेजी
मौसमी गले की इन्फेक्शन और जुकाम के लिये हमें उन औषधियों, क्रियाओं व आहारों का उपयोग करना चाहिये जो;
एलर्जी को रोकें
काली मिर्च, तुलसी व अदरक उत्तम एंटी एलर्जिक वस्तुएं हैं.
बैक्टीरियल संक्रमण को रोकें
हल्दी व लहसुन बैक्टीरियल इन्फेक्शन को रोकने में लाभकारी रहते हैं.
ठसका रोधी हों
नमक, शहद, अदरक, तेजपत्ता और पुदीना गले की खराश कारक तंतुओं को आराम दिलाते हैं.
जिससे बार बार खांसना रुक जाता है.
कफ्फ का निस्सारण करें
काली मिर्च, अदरक, शहद, लहसुन, काला चना, लौंग इत्यादि कफ्फ का बनना रोकते हैं.
साथ ही जमे हुए बलगम को भी आसान कर निकाल देते हैं.
सेंक देते हों
गरारे करना, गर्म पेय लेना खांसी, जुकाम के लिये हितकारी होते हैं.
उचित आहार हों
काले चने, मूंग दाल, पालक का सेवन हितकारी रहता है.
अनाज और दूध के उत्पाद बंद कर देने पर जल्दी लाभ मिलता है.
ऋतूनुकूल खानपान हों
आयुर्वेद में हर आहार का ऋतु व दिन के समय अनुसार उपयोग बताया गया है.
खांसी, जुकाम के चलते सलाद, फलों के जूस, दही इत्यादि कभी भी दिन ढलने के बाद न लिये जाएँ.
इनका उपयोग सुबह से लेकर दोपहर तक ही करना चाहिए.
1 अदरक- कालीमिर्च-शहद पेस्ट
गले को गर्माहट पहुंचाने के लिए और संक्रमण के दर्द में राहत पहुंचाने के लिए यह कारगर उपाय है.
समभाग अदरक व कालीमिर्च को पीसकर उसमें शहद मिलाएं और पेस्ट बना लें.
थोड़ी-थोड़ी देर पर इसे मुंह में डालें.
2 अदरक-लहसुन-कालीमिर्च पेस्ट
समभाग अदरक, कालीमिर्च व लहसुन लेकर पेस्ट बना लें.
चाहें तो थोडा नमक भी मिला लें.
थोड़ी थोड़ी देर बाद इसे लेने पर गले की खराश में लाभ मिलता है.
यदि गले में इन्फेक्शन हो तो इस योग में हल्दी भी मिला लें.
3 काली मिर्च-हल्दी-नमकीन पानी के गरारे (gargle)
पानी में नमक, हल्दी व कालीमिर्च मिलाकर गुनगुना करके गरारे करने का फार्मूला बेहद प्रचलित और कारगर है.
इसमें पुदीना या तुलसी भी मिलाई जा सकती है.
मकसद गले को सेंक देना और खराश से राहत लेना होना चाहिये.
4 मेथीदाने-कालीमिर्च-पुदीना के गरारे
पानी में समभाग मेथी दाने व कालीमिर्च का पाउडर डालकर गर्म कर लें.
इसमें पुदीना के पत्ते व नमक भी मिला लें.
फिर पानी को छानकर उसके गरारे करें.
इससे गले को आराम मिलेगा और संक्रमण जल्दी खत्म होगा.
5 लौंग, काली मिर्च और शहद का पेय
एक ग्लास पानी उबाल लें.
इसमें एक चुटकी पिसी हुई लौंग, एक चुटकी काली मिर्च पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं और इसे पिएं.
गले को आराम मिलेगा.
6 तेजपत्ते-कालीमिर्च की चाय
पानी में चीनी, थोड़ा नमक, चायपत्ती और तेजपत्ता डालकर खौलाएं.
चाहें तो दूध भी मिलाएं।
यह चाय पीने से गले को व जुकाम में आराम मिलेगा.
7 काले चने का सूप
काले चने जुकाम खांसी में लाभकारी होते है.
इन्हें उबालकर सूप बना लें जिसमें काली मिर्च, लहसुन हल्दी व नमक भी मिलाएं.
सूप के साथ साथ चने भी खा लें.
8 मूंगदाल-पालक का सूप
चने के सूप की भांति ही इस सूप को तैयार करें.
स्वादानुसार अदरक, कालीमिर्च, नमक, हल्दी, लौंग इत्यादि भी मिला लें.
गर्मागर्म परोसें.
आयुर्वेद की शास्त्रोक्त औषधियां
9 सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi churna)
बाज़ार से सितोपलादि चूर्ण खरीदकर घर पर रख लें.
यह गले की खराश, खांसी जुकाम, छाती की जकड़न की अचूक औषधि मानी जाती है.
इसमें आप शहद मिला कर चाटने योग्य पेस्ट बना लें और हर दो घंटे में लेते रहे.
यह बच्चों के लिए भी परम हितकारी है और उन्हें स्वादिष्ट भी लगती है.
10 खदिरादि वटी (Khadiradi vati)
ये बेहद सस्ती आयुर्वेदिक औषधि गोली (gutika) के रूप में मिलती है.
खदिरादि वटी जेब पर्स में रखिये.
इसे चूसने से गले की खराश और खांसी में तुरंत लाभ मिलता है.
सारशब्द
खांसी, जुकाम जैसे मौसमी रोगों के लिये घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक इलाज अपनाकर लाभ लिया जा सकता है.
एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉयड व दर्द निवारक दवाओं के दुष्परिणाम दूरगामी व घातक होते हैं; इसलिए इनसे बचना ही समझदारी है.
दिए गए घरेलू नुस्खे उपचार अपनाईये, निश्चित लाभ मिलेगा.