मुलहठी एक प्रसिद्ध और सर्वसुलभ जड़ी है। मुलेठी गले की खराश, खांसी, उदरशूल क्षयरोग, श्वासनली की सूजन तथा मिरगी आदि के इलाज में उपयोगी होती है।
मुलेठी का सेवन आँखों के लिए भी लाभकारी जाना जाता है।
इसमें जीवाणुरोधी क्षमता पाई जाती है।
यह शरीर के अन्दरूनी चोटों में भी लाभदायक होती है।
मुलेठी अथवा यष्टिमधु (English name: Licorice; Botanical name: Glycyrrhiza glabra) अपने में कई लाभप्रद गुणों को समेटे हुए हैं।
भारत में इसे पान आदि में डालकर प्रयोग किया जाता है।
इसे संस्कृत में मधुयष्टी, बंगला में जष्टिमधु, मलयालम में इरत्तिमधुरम, तथा तमिल में अतिमधुरम कहते है।
मुलेठी बड़ी ही गुणकारी औषधि के रूप में उपयोग की जाती है।
आईये, औषधि और माउथफ्रेशनर के रूप में उपयोग की जाने वाली मुलहठी के अनमोल गुणों के बारे में जानते हैं,
जो आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे.
मुलेठी की पहचान
बढ़िया मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार एवं सुगंधवाली होती है।
स्वाद में शक्कर जैसी मीठी प्रतीत होती है।
मुलेठी या मुलहठी पान में भी डाल कर खाई जाती है।
इसे मधुमेह के रोग को ठीक करने के लिये भी प्रयोग किया जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार मुलेठी अपने गुणों के कारण ही बढ़े हुए तीनों दोषों वात, कफ और पित्त को शांत करती है।
कोई समस्या न भी हो तो भी कभी-कभी मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए.
मुलेठी के उपयोग से आँतों के अल्सर, कैंसर का खतरा कम हो जाता है तथा पाचनक्रिया भी एकदम ठीक रहती है।
सेहत और दिमाग को मजबूत बनाती है मुलेठी।
मुलेठी के 6 घरेलू नुस्खे
1 यदि आप सूखी खांसी या गले की समस्याओं से परेशान हैं, तो मुलहठी आपके काम की चीज है।
काली मिर्च के साथ पीस कर मुलहठी का सेवन, सूखी खांसी में लाभकारी तो है ही,
साथ ही इसे चूसने या उबालकर सेवन करने से गले की खराश, दर्द आदि में भी लाभ होता है।
2 मुलहठी चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती है।
इसे घिसकर लगाने पर चेहरे के दाग और मुंहासे ठीक हो जाते हैं,
साथ ही यह आपकी त्वचा को जवान बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
मुलहठी रक्त को भी शुद्ध करती है जिससे त्वचा की समस्याएं नहीं होती।
3 दूध के साथ मुलहठी का सेवन शरीर की ताकत में वृद्धि करता है।
इसके अलावा घी व शहद के साथ मुलहठी का प्रयोग करने से हृदय से संबंधित समस्याएं नहीं होती।
4 मुंह में छाले हो जाने की स्थिति में मुलहठी चूसना, इसके पानी से कुल्ला करना और उसे पीना बहुत जल्दी छालों से राहत देता है।
साथ ही मुलहठी आवाज को मधुर और सुरीली बनाने के लिए भी उपयोग की जाती है।
5 पेट के अल्सर या एसिडिटी में मुलहटी का सेवन ठंडक देने के साथ साथ लाभप्रद भी होता है।
आंत की टीबी होने की स्थिति में भी मुलहठी एक फायदेमंद उपाय है।
लिवर रोगों के लिये तो जैसे रामबाण ही है.
6 त्वचा या शरीर में कहीं जल जाने पर भी मुलहठी के चूर्ण और मक्खन का लेप एक कारगर उपाय है,
साथ ही यह आंखों की रौशनी में भी वृद्धि करती है।
Regards.
JAIDEV YOGACHARYA ( THERAPIST & AYURVEDA)
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