Gut-CLR (गट सी एल आर) – कारगर पेट शोधक

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यदि समय समय पर पेट की सफाई की जाती रहे तो पाचन तंत्र की क्रियाशीलता उत्तम बनी रहती है जो हमें कई रोगों से बचा सकती है.

Gut-CLR पेट की सफाई के लिए एक बेहद उत्तम योग है जिसके उपयोग से पेट में विषाणुओं के जमाव की रोकथाम करने में सहायता मिलती है और पाचन क्रिया बलवान बनी रहती है।

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निरोगी रहने और हर रोग के निवारण के लिए पेट की सफाई पहला कदम है और Gut-CLR (गट सी एल आर) है इसका सही उपाय.

आयुर्वेद में पंचकर्म का विधान है, जिससे काया का शोधन हो जाता है.

विभिन्न रोगों के अनुसार पंचकर्म क्रिया 7 दिन से लेकर 60 दिन तक चलती है.

Gut-clr

आजकल के समय में जब इतना समय किसी के पास नहीं होता कि वह काम छोड़ कर कायाकल्प के लिए अस्पताल में या पंचकर्म केंद्र में भर्ती हो जाए, यह क्रिया अक्सर छोड़ दी जाती है.

Gut-CLR पेट की सफाई के लिए एक बेहद उत्तम योग है।

इसके उपयोग से पेट में विषाणुओं के जमाव की रोकथाम करने में सहायता मिलती है और पाचन क्रिया बलवान बनी रहती है।

IBS संग्रहणी जैसे रोगों में आंतें और पाचन क्रियाये दोनों ही कमज़ोर हो जाती है, इसलिए सनाय और अमलतास जैसे तीव्र विरेचक नहीं देने चाहिए।

ऐसे रोगों में Gut-CLR का उपयोग अति हितकारी है.

इसमें केवल सौम्य योगों का उपयोग किया गया है, जो कमज़ोर पेट के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

इसका उपयोग हर माह में 2 से 5 बार करने से पेट के विकार निकल जाते हैं, पाचन क्रिया दुरुस्त हो जाती है और पेट के भारीपन से निजात मिल जाती है.

Gut-CLR (गट सी एल आर) के संयोजक तत्व

GutCLR (गट सी एल आर) के प्रति 5 ग्राम मुख्य संयोजक तत्व इस प्रकार हैं

Carum copticum ext 600mg

Aegle marmelos ext 500mg

Terminalia chebula  1200mg

Terminalia belerica 1200mg

Emblica officinalis 1200mg

Trikatu Extract 250mg

पैकिंग

Quantity 120 grams in HDPE jar.

सेवन विधि

आधा चम्मच (लगभग 2-3 ग्राम) रात को सोते समय।

पानी  के साथ या चिकित्सक के विशेष निर्देशानुसार.

पुरानी और अधिक कब्ज़ में सेवन मात्रा दुगुनी भी की जा सकती है, और दो बार लेनी चाहिये । रात को और सुबह।

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