लीची गर्मियों की जान है। लीची का नाम आते ही मुंह में मिठास और रस घुल जाता है। यह देखने में जितनी सुंदर है, खाने में उतनी ही स्वादिष्ट, इसीलिए यह सभी का पसंदीदा फल है। यह रसीला फल गर्मियों में शरीर में पानी के अनुपात को संतुलित बनाए रखता है और ठंडक पहुंचाता है। लीची को बतौर फल ही नहीं खाया जाता, इसका जूस और शेक भी बहुत पसंद किए जाते हैं। जैम, जैली, मार्मलेड, सलाद और व्यंजनों की गार्निशिंग के लिए भी लीची का इस्तेमाल किया जाता है।
लीची का मध्यम ऊंचाई का सदाबहार पेड़ होता है, जो 15-20 मीटर तक होता है, पत्तियां, लगभग 15-25 सें.मी. लम्बी होती हैं। नव पल्लव उजले ताम्रवर्णी होते हैं और पूरे आकार तक आते हुए हरे होते जाते हैं। पुष्प छोटे हरित-श्वेत या पीत-श्वेत वर्ण के होते हैं, जो कि 30 सें.मी. लम्बी पैनिकल पर लगते हैं।
इसका फल ड्रूप प्रकार का होता है, 3-4 से.मी. और 3 से.मी व्यास का। इसका छिलका गुलाबी-लाल से मैरून तक दाने दार होता है, जो कि अखाद्य और सरलता से हट जाता है। इसके अंदर एक मीठे, दूधिया श्वेत गूदे वाली, विटामिन- सी बहुल, कुछ-कुछ छिले अंगूर सी, मोटी पर्त इसके एकल, भूरे, चिकने मेवा जैसे बीज को ढंके होती है। यह बीज 2X1.5 नाप का ओवल आकार का होता है और अखाद्य होता है।
पोषण तथ्य
मात्रा प्रति 100 g |
कैलोरी (kcal) 66 |
कुल वसा 0.4 g | |
संतृप्त वसा 0.1 g | |
बहुअसंतृप्त वसा 0.1 g | |
मोनोअसंतृप्त वसा 0.1 g | |
कोलेस्टेरॉल 0 mg | |
सोडियम 1 mg | |
पोटैशियम 171 mg | |
कुल कार्बोहायड्रेट 17 g | |
आहारीय रेशा 1.3 g | |
शक्कर 15 g | |
प्रोटीन 0.8 g |
विटामिन ए | 0 IU | विटामिन सी | 71.5 mg |
कैल्सियम | 5 mg | आयरन | 0.3 mg |
विटामिन डी | 0 IU | विटामिन बी६ | 0.1 mg |
विटामिन बी१२ | 0 µg | मैग्नेशियम | 10 mg |
रसीली लीची है 13 गुणों से भरपूर
स्ट्राबेरी की तरह दिखने वाली हार्ट-शेप लिए छोटी-सी लीची न केवल पौष्टिक तत्वों से भरपूर है, बल्कि स्वास्थ्यवर्ध्क गुणों की खान भी है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, विटामिन ए और बी कॉम्प्लेक्स, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉसफोरस, लौह जैसे खनिज लवण पाए जाते हैं, जो इसे हमारी सेहत का खजाना बना देते हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने तो लीची को ‘सुपर फल‘ का दर्जा भी दिया है।
ऊपर से लाल और अंदर से सफेद लीची न केवल रस और स्वाद की खान है, बल्कि यह औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है।
गर्मियों में ठंडक घोलने वाली लीची में क्या गुण हैं, आईये जानते है।
1 लीची कैंसर सेल्स को रोकती है
अध्ययनों से साबित हुआ है कि विटामिन सी, फ्लेवोनॉयड, क्यूरसीटीन जैसे तत्वों से भरपूर लीची में कैंसर, खासतौर पर स्तन कैंसर से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से हमारे शरीर में कैंसर के सेल्स ज्यादा बढ़ नहीं पाते। लीची एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसमें मौजूद विटामिन सी हमारे शरीर में रक्त कोशिकाओं के निर्माण और लोहे के अवशोषण में भी मदद करता है, जो एक प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
2 रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया में सहायक
लीची में बीटा कैरोटीन, राइबोफ्लेबिन, नियासिन और फोलेट जैसे विटामिन बी काफी मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया के लिए जरूरी है। इससे बीटा कैरोटीन को जिगर और दूसरे अंगों में संग्रहीत करने में मदद मिलती है। फोलेट हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है। इससे हमारा तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है।
3 वजन कम करने में सहायक
लीची हमारी सेहत के साथ ही फिगर का भी ध्यान रखती है। इसमें घुलनशील फाइबर बड़ी मात्रा में मिलता है, जो मोटापा कम करने का अच्छा विकल्प है। फाइबर हमारे भोजन को पचाने में सहायक होता है और आंत्र समस्याओं को रोकने में मदद करता है। यह वायरस और संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए हमारे शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह फाइबर कमजोर और बुजुर्गों को स्वस्थ रहने में मदद करता है।
4 ऊर्जा का उत्तम स्त्रोत
लीची ऊर्जा का स्त्रो त है। थकान और कमजोरी महसूस करने वालों के लिए लीची बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद नियासिन हमारे शरीर में ऊर्जा के लिए आवश्यक स्टेरॉयड हार्मोन और हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है, इसलिए काम की थकावट के बावजूद लीची खाने से आप दोबारा ऊर्जावान हो जाते हैं।
5 पानी की कमी नहीं होने देती
लीची का रस एक पौष्टिक तरल है। यह गर्मी के मौसम से संबंधित समस्याओं को दूर करता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है। लीची हमारे शरीर में संतुलित अनुपात में पानी की आपूर्ति करती है और निर्जलीकरण से बचाती है।
6 पेट और अन्य बीमारियों की रोकथाम में असरदार
लीची शरीर की अम्लता के उच्च स्तर को कम करके पाचन संबंधी विकारों को दूर करती है। गैस्ट्रो आंत्र विकार, हल्के दस्त, उल्टी, पेट की खराबी, पेट के अल्सर और आंतरिक सूजन से उबरने में लीची का सेवन फायदेमंद है। यह कब्ज या पेट में हानिकारक टोक्सिन के प्रभाव को कम करती है। गुर्दे की पथरी से होने वाले पेट दर्द से आराम पहुंचाती है। मधुमेह के रोगियों के तंत्रिका तंत्र को होने वाली क्षति को रोकने में मदद करती है।
7 सर्दी-जुकाम के वायरस के संक्रमण से बचाव
लीची विटामिन सी का बहुत अच्छा स्त्रोत होने के कारण खांसी-जुकाम, बुखार और गले के संक्रमण को फैलने से रोकती है। यह संक्रामक एजेंटों के खिलाफ प्रतिरोधक के रूप में काम करती है और हानिकारक मुक्त कणों को हटाती है।
गंभीर सूखी खांसी के लिए तो लीची रामबाण है। ऑलिगनॉल नामक रसायन की मौजूदगी के कारण लीची एन्फ्लूएंजा के वायरस से आपका बचाव करती है।
8 त्वचा के निखार के लिए
लीची में सूरज की अल्ट्रावॉयलेट यूवी किरणों से त्वचा और शरीर का बचाव करने की खासियत होती है। इसके नियमित सेवन से ऑयली स्किन को पोषण मिलता है। साथ ही मुंहासों के विकास को कम करने में मदद मिलती है। चेहरे पर पड़ने वाले दाग-धब्बों में कमी आ जाती है।
9 बच्चों के विकास में सहायक
लीची में पाए जाने वाले कैल्शियम, फॉसफोरस और मैग्नीशियम तत्व बच्चों के शारीरिक गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये मिनरल्स अस्थि घनत्व को बनाए रखते हैं। ये ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करते हैं।
10 सूजन की दर्द से राहत
लीची तंत्रिका तंत्र की नसों और जननांगों की सूजन के इलाज में फायदेमंद है। इससे दर्द से राहत मिलती है।
11 छिलका भी है फायदेमंद
लीची के छिलके वाली चाय सर्दी-जुकाम, दस्त, वायरल और गले के इंफेक्शन के इलाज में मददगार है। हर्बल चाय में लीची पेड़ की जड़ों, फूल और छाल उबाल कर पीने से चेचक जैसे संक्रामक रोगों में राहत मिलती है।
12 औषधि और अल्कोहल के निर्माण में सहायक
दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने लीची के पल्प और छिलके में मौजूद फिनॉलिक कम्पाउंड से वजन कम करने, ब्लड प्रैशर नियंत्रित करने और हृदय रोगों की सप्लिमेंट्री दवाइयों का निर्माण किया है। इनमें हाईड्रोक्सीकट, लीची-60 सीटी और एक्स्रेडीन प्रमुख हैं। लीची से स्किन क्रीम भी बनाई गई है, जिससे चेहरे की झुर्रियां घटाई जा सकती हैं। इसे अल्कोहल बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
13 रक्तचाप और हृदय रोगों से बचाव
लीची में उपलब्ध पोटेशियम और तांबा दिल की बीमारियों से हमारा बचाव करता है। यह हृदय की धड़कन की अनियमितता अथवा अस्थिरता और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। इससे हृदयाघात का जोखिम काफी कम हो जाता है। लीची में मौजूद लाभदायक रासायनिक तत्व शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करते हैं, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं हो पाती और रक्त का प्रवाह सुचारु ढंग से होता रहता है। इसी वजह से लीची का नियमित सेवन हार्ट अटैक की संभावना 50 प्रतिशत कम कर देता है।
लीची की एलर्जी
बहुत ही कम लोगों लीची से एलर्जी भी होती है। शरीर में खुजली होना, जीभ तथा होंठ में सूजन आना और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं सामने आती हैं। जिन्हें लीची से एलर्जी होती हो, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
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वजन बढाने के उपाय
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