डायबिटीज के लिये गुड़मार - कितना कारगर, कितना नहीं

गुड़मार – कितना कारगर, कितना नहीं

आजकल डायबिटीज के लिये गुड़मार वनस्पति को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.

कोई इसका पावडर बना कर बेच रहा है तो कोई इसके पत्तों की चाय बना कर पीने को कह रहा है.

लेकिन, न तो इसपर कोई तर्कसंगत क्लिनिकल शोध हुए हैं जो इसकी डायबिटीज के लिए प्रमाणिकता सिद्ध करें,

न ही आयुर्वेद में कहीं इसका उल्लेख है.

ऐसी स्थिति में सामान्यजन उसी धारा में बहने पर विवश हो जाते हैं जिसमें सब सवारी कर रहे हों.

और यह सब आयुर्वेद के नाम पर हो रहा है,

जबकि आयुर्वेद की चुनिन्दा मधुमेह नियंत्रक शास्त्रोक्त विधियों में गुडमार का उल्लेख तक नहीं.

मैं इस लेख के लिये गूगल से कुछ चित्र आपकी जानकारी के लिये ढूंढ रहा था.

हैरानी तब और बढ़ी जब भांति भांति की वनस्पतियों को डायबिटीज के लिये गुड़मार के नाम पर दिखाया गया था.

आप भी Gymnema sylvestre गूगल करिए, हैरान हो जायेंगे.

और तो और, ऐसा ही विरोधाभास विकिपेडिया के चित्रों में भी मिला, जहाँ गुडमार के नाम पर अन्य कई वनस्पतियों के चित्र लगे हुए मिले (1)

गुड़मार क्या है

गुड़मार (वानस्पतिक नाम: Gymnema sylvestre ) भारत सहित श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, कोरिया, ताइवान का देशज है.

यह बेल (लता) के रूप में पनपने वाला पौधा होता है, जिसे गुड़मार पेड़ अथवा गुड़मार पौधा भी कहा जाता है.

गुड़मार का पौधा गुडमार के पत्ते

आयुर्वेद में इसे मेष श्रृंगी कहा जाता है

क्योकि इसकी फलिया मेंढे के सीगों की तरह घुमावदार होती है.

गुड़मार का प्रयोग

इसमें कोई शक नहीं कि गुडमार मीठे और कड़वे स्वाद को दबाने वाली वनस्पति है.

ये योगवाही भी होती है जिसका का अर्थ है;

ऐसी वनस्पति या औषधि जो अन्य आहारों या औषधियों के पाचन (Digestion) को बढ़ाये

(A substance that increases the bio availability of food).

तीसरा, ये मूत्रल (diuretic) भी होती है.

जिस कारण गुडमार का उपयोग उच्च रक्तचाप और पथरी इत्यादि रोगों में भी किया जाता है.

इसकी जड़ों को विषहर बताया गया है.

मुख्यत:, गुडमार का उपयोग औषधियों में योगवाही क्षमता बढ़ाने

और उनके कड़वेपन को कम करने के लिये ही होता है.

यदि मैं कोई लिवर टॉनिक बनाऊंगा तो उसमें गुडमार ज़रूर रखूँगा जिससे कडवापन कम लगे.

गुडमार नाम संभवतः इसलिए बना होगा कि इसे खाने के बाद यदि आप मीठा खाते है

तो आपको मीठे  स्वाद की अनुभूति नहीं होती.

ये  गुडमार के सक्रिय तत्व (Gymnemic acid) के कारण होता है

जो जीव्हा के उन तंतुओं को थोड़े समय के लिये शिथिल कर देता  हैं जो हमें मिठास या कड़वाहट की अनुभूति कराते हैं.

इसकी पत्ती खा लेने पर किसी भी मीठी चीज का स्वाद कुछ मिनटों के लिए समाप्त हो जाता है

और गुड़ या चीनी की मिठास पानी के समान स्वादहीन लगती है.

इसी प्रकार, इसे खाने के बाद कड़वी चीज़ें भी कड़वी नहीं लगती.

आयुर्वेद में गुडमार

आयुर्वेद ग्रंथों में ऐसा कोई सन्दर्भ उपलब्ध नहीं है

जो गुड़मार को डायबिटीज के लिये कारगर बताता हो.

हाँ, कुछेक एंटी डायबिटिक योगों में इसे देखा जा सकता है

जो संभवतः इसके योगवाही गुण के कारण होना चाहिए.

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गुडमार का वास्तविक उपयोग अन्य वनस्पतियों के कड़वेपन को कम करने और योगवाही क्षमता को बढाने का ही है.

जिस कारण इसे लिवर व डायबिटीज इत्यादि के योगों में समावेश किया जाता है.

आयुर्वेद के “भावप्रकाश” नामक ग्रन्थ में एक छोटा सा उल्लेख है

जिसमें इसे अन्य गुणों के साथ साथ डायबिटीज के लिये भी गुणकारी बताया है.

लगता है ये उल्लेख भी किसी टीकाकार ने 40-50 साल पहले ही डाला होगा;

नहीं तो आयुर्वेद के अन्य ग्रंथों ने (जिनमें डायबिटीज की दवाओं की निर्माण विधियां हैं) गुडमार को भी शामिल किया होता।

क्या गुडमार से शुगर वाकई कम होती है

आजतक ऐसी कोई भी प्रमाणिक रिसर्च नहीं हुई है, जिसने गुडमार को डायबिटीज के लिये उतना ही गुणकारी पाया हो,

जितनी कि अन्य डायबिटीज हितकारी वनस्पतियाँ जैसे रसौंत, गिलोय, तेजपत्ता, मेथीदाना, विजयसार इत्यादि हैं.

चूहों पर हुए कुछ एक असपष्ट शोध ये कहते हैं कि इसे खिलने से चूहों की डायबिटीज में सुधार पाया गया.

इस प्रकार के शोध परिणाम आपको हर उस वनस्पति के लिए मिल जायेंगे

जो खाने में कसैली हो या फिर जिसमें टेनिन मिलते हों

जैसे की आंवला, बहेड़ा, कचनार, हरड इत्यादि.

डायबिटीज के लिये गुड़मार- क्या कहते हैं शोध

योगवाही होने के कारण गुडमार का अन्य डायबिटिक दवाओं (विशेषकर इन्सुलिन) के साथ उपयोग;  ब्लड शुगर को अत्यंत कम कर सकता है. इसलिए सावधान रहें (2)

गुडमार पर कोई भी कारगर शोध ये नहीं दर्शाता कि इसे अकेले लेने पर डायबिटीज में कितना लाभ होता है.

सब शोधों में या तो पशुओं पर हुए आधे अधूरे निष्कर्षों का हवाला दिया गया है;

या फिर ये लिखा गया है कि गुडमार नाम होने से ये डायबिटीज में कारगर माना जाता है.(3, 4, 5)

अकेले गुडमार डायबिटीज के लिये उतना सार्थक नहीं जितनी कि अन्य वनस्पतियाँ हैं.

गिलोय, तेजपत्ता, जामुन, बेलपत्र, कढ़ीपत्ता, तुलसी, शिलाजीत,विजयसार, मेथीदाना, दालचीनी इत्यादि बेहतर विकल्प हैं. (6, 7, 8)

अभी तक, अमेरीका के फूड्स एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने गुडमार के डायबिटीज में उपयोगी होने की अनुमति नहीं दी है.

अनुमति नहीं देने का कारण मुख्यतः ठोस, उपयोगी, क्लिनिकल ट्रायल्स का अभाव ही होता है.

सारशब्द

गुडमार का नाम इसके मीठे को स्वादहीन बनाने के गुण के कारण बना लगता है

न कि डायबिटीज कम करने के कारण.

डायबिटीज में अन्य दवाओं के साथ  गुडमार का उपयोग  ब्लड शुगर को अत्यंत घटाकर मुसीबत पैदा कर सकता है.

डायबिटीज के लिये अन्य कई शोध प्रमाणित वनस्पतियां उपलब्ध हैं जो कारगर भी हैं और लाभकारी भी.

इस कारण ठोस सबूत  आने तक गुडमार का उपयोग तर्कसंगत नहीं लगता,

खासकर तब जब आप अलोपथिक दवाएं भी ले रहे हों.

गुडमार एक उत्तम योगवाही वनस्पति ज़रूर है.





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2 thoughts on “गुड़मार – कितना कारगर, कितना नहीं”

  1. लोगों को सावधान करने का प्रशंसन्य कार्य किया आपने.धन्यवाद.

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