पारिजात, हरसिंगार parijat harsingar ke gun labh fayde upyog in hindi

पारिजात, हरसिंगार – आर्थराइटिस, दर्द निवारण की बेजोड़ औषधि

पारिजात, हरसिंगार (Night Jasmine) यह दोनों नाम एक ही वनस्पति के हैं.

यह एक दिव्य पौराणिक औषधीय वृक्ष है जिसका उद्भव समुद्रमंथन से हुआ बताया जाता है।

पारिजात देवराज इन्द्र की संपत्ति थी, जिसे  इंद्र ने अपनी वाटिका नंदनवन में लगा रखा था।

लेकिन भगवान श्रीकृष्ण, अपनी पत्नी सत्यभामा के आग्रह पर, इसे इन्द्र से जीतकर पृथ्वी लोक पर ले कर आ गये।

पारिजात व हरसिंगार एक ही वनस्पति है जिसके अन्य संस्कृत आयुर्वेदिक व  स्थानीय नाम- शेफालिका, शेफाली, प्राजक्ता, हारशंगार, कूरी, पकर, पविग्यमल्ली इत्यादि हैं.

अंग्रेजी में Night Flowering Jasmine, Queen of the Night, Tree of Sorrow इत्यादि इसके अन्य नाम हैं.

पारिजात, हरसिंगार की पहचान

हरसिंगार (Botanical name- Nyctanthes arbor-tristis) एक मध्यम आकार का सुंदर वृक्ष होता है।

इस पर सुंदर, सुगन्धित पुष्प लगते हैं, जो रात को ही खिलते हैं।

पूरी रात सुगंध बिखेरता हुआ पारिजात, हरसिंगार भोर होते ही अपने सभी फूल धरती पर बिखेर देता है.

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रासायनिक संगठन

इसमें Nyctanthine नामक सक्रिय अवयव रहता है जो गुणों में केशर के अवयव achrosetin से काफी मेल खाता है.

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इसमें tannins, methyl salisylate, mannital, Nyctanthine, glucose, glycerides of linoleic acid, oleic acid, lignoceric acid, stearic acid, palmitic acid and myristic acids, f3-stiosterol व vitamin A & C पाए जाते हैं. (1)

आयुर्वेदीय गुण, रस विवेचना

गुण– लघु,रुक्ष

रस -तिक्त

विपाक–  कटु

वीर्य  – उष्ण

उपयोगी हिस्से

पारिजात के फूल, पत्र, बीज और छाल का औषधार्थ उपयोग करते हैं।

पारिजात के गुण और लाभ फायदे

हरसिंगार वातविकारों जैसे आर्थराइटिस, गाउट, जोड़ों के दर्द (arthritis, gout, joint pain) इत्यादि के लिये लाभकारी है। (2)

गृध्रसी(sciatica) रोग की भी उत्तम औषध है।

आमवात में शुण्ठी चूर्ण के साथ पारिजात पत्र क्वाथ अतिशय लाभकर है।

इसके पत्तों का काढ़ा अकेले भी दिया जाता है. (3)

आर्थराइटिस (arthritis) व जोड़ों के दर्द के अन्य उपाय इस लिंक पर देखें.

कास-श्वास कफ रोग जैसे दमा और पुराने जुकाम (Cough and asthema) में पत्र या त्वचा का चूर्ण पान के रस में देते हैं। ( 4)

सर्पविष में पत्र स्वरस देते हैं।

पुराने, जीर्णज्वर में पारिजात, हरसिंगार प्रयुक्त होता है।

मूत्रकृच्छृ अथवा मूत्र त्यागने की परेशानी में लाभकर है।

इसमें भी पारिजात, हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा पिलाने से लाभ मिलता है.

पारिजात, हरसिंगार के बीजों के तेल को गंजेपन के लिये उत्तम औषधि मानते हैं.

बीजों का लेप खालित्य रोग में भी करते हैं।

गंजेपन के अन्य उपाय इस लिंक पर देखें.

बाल झड़ने के कुछ उपाय इस लिंक पर देखें.

सारशब्द

पारिजात, हरसिंगार वृक्ष अपने गृहप्रांगण में अवश्य लगायें, इसकी सुन्दरता व सुगंध का आनंद लें.

इसके विभिन्न अंगों का औषधीय उपयोग भी करें.





 

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