घटायें पेट का मोटापा motapa ghatane ka nuskha upay ilaj in hindi

घटायें पेट का मोटापा और बढ़ाएं कार्यकुशलता इस नुस्खे से

हर कोई अपनी  कार्य क्षमता बढ़ा कर सफलता पाना चाहता है. उर्जावान रहना चाहता है व मोटापे की चर्बी, वसा (fat) घटा कर सुडौल काया चाहता है. घटायें पेट का मोटापा और बढ़ाएं कार्यकुशलता – आईये जानते हैं एक ऐसे आयुर्वेदिक टॉनिक के नुस्खे के बारे में जो ये दोनों काम करता है.

घटायें पेट का मोटापा चूर्ण की सामग्री 

इस नुस्खे की सामग्री में केवल तीन वनस्पतियाँ उपयोग होती हैं.

मेथी 100 ग्राम

अजवायन 40 ग्राम

काली जीरी 20 ग्राम

काली जीरी का botanical name Centratherum anthelminticum है.

यह वन्यजीरक, अग्निजीरक, जंगली जीरा, वनजीरा, सोमराज, कट्टुजिरकम, कडूजीरा, कड़वा जीरा इत्यादि नामों से भी जाना जाता है.

यद्यपि इस पर बहुत अधिक शोध नहीं हुए हैं, लेकिन कुछेक शोध इसे डायबिटीज के लिये उत्तम मानते हैं, व इसके उपयोग से इन्सुलिन संवेदनशीलता में सुधार होने को प्रमाणित करते हैं. (1, 2 )

बनाने की विधि

मेथी, अजवाइन तथा काली जीरी को बताई गई मात्रा में खरीद कर साफ कर लें।

फिर प्रत्येक वस्तु को तवे के उपर धीमी आंच में हल्का सेकें।

सेकने के बाद प्रत्येक को मिक्सर-ग्राइंडर में पीसकर चूर्ण बना लें।

तीनों के चूर्ण को मिला करडिब्बे में भर ले।

आपकी दवाई तैयार है।

उपयोग विधि

तैयार दवाई को रात्रि में खाना खाने के बाद सोते समय 1 चम्मच गर्म पानी के साथ ले।

याद रखें, इसे कुनकुने गर्म पानी के साथ ही लेना है।

इस दवाई को रोज लेने से शरीर के किसी भी कोने में अनावश्यक चर्बी व रुके जमे विषतत्व मल मूत्र द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते है, तथा शरीर सुन्दर स्वरूपमान बन जाता है।

दवाई को 30 दिन से 90 दिन तक लेना चाहिए।

घटायें पेट का मोटापा चूर्ण के लाभ फायदे

इस योग को लेने से शरीर से अनावश्यक चर्बी ख़त्म  हो जाती है.

शरीर में रक्त का परिसंचरण तीव्र होता है।

ह्रदय रोग से बचाव होता है तथा बुरा कोलेस्ट्रोल घटता है।

पुरानी कब्जी से होेने वाले रोग दूर होते है।

पाचन शक्ति बढ़ती है।

गठिया वादी हमेशा के लिए समाप्त होती है।

दांत मजबूत बनते है। हडिंया मजबूत होगी।

आॅख का तेज बढ़ता है

कानों से सम्बन्धित रोग व बहरापन दूर होता है।

शरीर में अनावश्यक कफ नहीं बनता है।

कार्य क्षमता बढ़ती है, शरीर स्फूर्तिवान बनता है। घोड़े के समान तीव्र चाल बनती है।

चर्म रोग दूर होते है, शरीर की त्वचा की सलवटें दूर होती है, टमाटर जैसी लालिमा लिये शरीर क्रांति-ओजमय बनता है।

स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा कदम आयु भी बढ़ती है, यौवन चिरकाल तक बना रहता है।

यह पहले ली गई एलोपेथिक दवाईयों के साइड इफेक्ट को कम करती है।

शुगर (डायबिटिज) नियंत्रित रहती है।

बालों की वृद्धि तेजी से होती है।

शरीर सुडौल, रोग मुक्त बनता है।

घटायें पेट का मोटापा चूर्ण में परहेज

इस योग को लेने के बाद रात्रि में कोई दूसरी खाद्य-सामग्री नहीं खाएं।

शाम का भोजन करने के कम-से-कम दो घण्टे बाद दवाई लें।

(आभारः मानव सेवा केन्द्र, सादड़ी जिला पाली)


विशेष टिप्पणी : यद्यपि मूल लेख में यह दावा किया गया है कि यह आजमाया हुआ है और अनेक लोगों ने इसका प्रयोग कर सफलता पाई है।

लेकिन इस बारे में कोई निजी अनुभव नहीं है.

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