मार्जारी आसन एक बहुत ही सरल आसन है जो कि खासतौर पर रीढ़ को लचीला बनाने के लिये किया जाता है। रीढ़ हमारे शरीर का स्तंभ होता है, अगर यह ठीक नहीं रहेगा तो आप ठीक से काम नहीं कर पाएंगे। मार्जारी आसन करने में बहुत ही आसान है।
अगर आपको पीठ दर्द रहता है तो आप के लिये यह मार्जारी आसन बहुत लाभकारी होगा। पीठ दर्द की वजह से शरीर के अन्य भाग जैसे, कंधों में दर्द, मांसपेशियों में लोच की कमी, वजन का घटना, गर्दन में दर्द, कमजोरी और कभी-कभी सिरदर्द की भी शिकायत हो सकती है।मार्जारी आसन महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभदायक है। गर्भावस्था के दौरान पहले तीन महीने तक मार्जारी आसन का अभ्यास किया जा सकता है। यह आसन शरीर को ऊर्जावान बनाता है! आइये जानते हैं मार्जारी आसान करने की विधि और इसका लाभ।
मार्जारी आसन की विधि
दोनों घुटनों और दोनों हाथों को जमीन पर रखकर घुटरूं खड़े हो जाएं।
हाथों को जमीन पर बिलकुल सीधा रखें। ध्यान रखें कि हाथ कंधों की सीध में हों और हथेली फर्श पर इस तरह टिकाएं कि उंगलियां आगे की तरफ फैली हों।
हाथों को घुटनों की सीध में रखें, बांहें और जांघें भी फर्श से एक सीध में होनी चाहिए।
घुटनों को एक-दूसरे से सटाकर भी रख सकती हैं और चाहें तो थोड़ी दूर भी। यह इस आसन की आरंभिक अवस्था है।
इसके बाद रीढ़ को ऊपर की तरफ खींचते हुए सांस अंदर खींचें। इसे इस स्थिति तक लाएं कि पीठ अवतल अवस्था में पूरी तरह ऊपर खिंची हुई दिखे।
सांस अंदर की ओर तब तक खींचती रहें जब तक कि पेट हवा से पूरी तरह भर न जाए। इस दौरान सिर का ऊपर उठाए रखें। सांस को तीन सेकंड तक भीतर रोक कर रखें।
इसके बाद पीठ को बीच से ऊपर उठाकर सिर नीचे झुकाएं।
अपनी दृष्टि नाभि पर टिकाएं।
सांस धीरे-धीरे बाहर छोड़ें और पेट को पूरी तरह खाली कर दें और नितंबों को भी भीतर की तरफ खींचें।
सांस को फिर तीन सेकंड तक रोकें और सामान्य दशा में वापस आ जाएं। इस तरह इस आसन का एक चक्र पूरा होता है।
मार्जारी आसन ke लाभ
1.मार्जारी आसन पीठ और कमर की मांसपेशियों के तनाव को कम करने में सहायक है।
2.यह गर्दन, कंधें और रीढ़ की कोशिकाओं पर विशेष प्रभाव डालता है।
3.इसके नियमित अभ्यास से रीढ़ की कोशिकाओं के बीच दबाव कम होता है।
4.इससे रीढ़ की तंत्रिकाओं में स्फूर्ति आती है।
5.इसके अतिरिक्त मासिक धर्म की समस्या और ल्यूकेरिया से छुटकारा दिलाने में भी मार्जारी आसन असरदार साबित होता है।
6. मार्जारी आसन मानसिक तनाव दूर करने में सहायक है ।
7. शरीर को ऊर्जावान व चुस्त बनाए रखने में सहायक है ।
8. मार्जारी आसन से गैंस एसिडिटी व कब्ज जैसे रोग ठीक होते है ।
9. यह आसन गर्दन के खिचाव को ठीक करता है ।
10. गले के लिए बहुत अच्छा आसन है ।
सावधानियां
1. किसी तरह की सर्जरी हुई हो तो यह आसन न करें ।
2. गर्भवती महिलांए तीसरे महिने बाद इस आसन का अभ्यास न करें ।
3. मासिक धर्म में न करें ।
4. हर्नीयों के रोगी भी न करें ।
5. दिल के रोगी डाक्टर की सलाह से ही करें ।
Regards .
JAIDEV YOGACHARYA ( THERAPIST & AYURVEDA ) .
MOB. +917837139120 .(Whatsaap)