वैरिकोज़ वेन्‍स (Varicose veins)

वैरिकोज़ वेन्‍स ( Varicose veins) का घरेलू उपचार

पैरों, टांगों की नसों शिराओं (veins) में वाल्‍व रहते हैं, जो रक्त को वापिस ऊपर हृदय की ओर ले जाने में मदद करते है। लेकिन जब ये  वॉल्‍व कमज़ोर हो जाएँ या खराब हो जाएँ तो नसों में विकृति आ जाती है जिसे वैरिकोज़ वेन्‍स (Varicose veins) कहा जाता है.

वैरिकोज़ वेन्‍स (Varicose veins) रोग में रक्त ऊपर की ओर सही तरीके से नहीं चढ़ पाता और पैरों टांगों की नसों में ही रुकने लग जाता है।

इससे नसें कमजोर होकर फैलने लगती हैं, टेढ़ी मेढ़ी मुड़ जाती हैं, और इनका नीले रंग का उभार त्वचा पर दिखने लगता है.

इसे ही वैरिकोज़ वेन्‍स (Varicose veins) की समस्‍या कहते हैं।

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस के अनुसार, वैरिकाज वेन्‍स 25 प्रतिशत महिलाओं और 10 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करता हैं।

इससे पैरों, घुटनों के आसपास व टांगों में; दर्द, सूजन, बेचैनी, खुजली, भारीपन, थकान या छाले जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

वैरिकोज़ वेन्‍स (Varicose veins) समस्या के कारण

वेरीकोज़ के सामान्य कारक कब्‍ज, गर्भावस्‍था, मोटापा और उम्र का बढ़ाव होते हैं.

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दर्द निवारक दवायें, गर्भनिरोधक गोलियां, रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाले हार्मोंनल परिवर्तन आदि भी वेरीकोज़ वेन्‍स में योगदान करते है।

वैरिकोज वेन्स के घरेलू उपाय

वैरिकोज वेन्‍स के लिए मेडिकल और सर्जिकल उपचार बहुत महंगा हो सकता है।

इसलिए आप वैरिकोज वेन्‍स की गंभीरता और असुविधा से बचने के लिए कुछ घरेलू उपचारों को आजमा सकते हैं।

यहां वैरिकोज वेन्‍स से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय दिये गये हैं।

सेब साइडर सिरका ( Apple Cider Vinegar)

एप्पल साइडर विनेगर वैरिकोज वेन्‍स के लिए एक अद्भुत उपचार है।

यह शरीर का शोधन (Cleansing) करने वाला प्राकृतिक उत्‍पाद है और रक्त प्रवाह और रक्‍त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है।

जब प्राकृतिक रूप से रक्त बहने शुरू होता हे तो वैरिकोज वेन्‍स में भारीपन और सूजन काफी हद तक कम हो जाती है।

समस्‍या होने पर सेब के सिरके से प्रभावित हिस्‍से की मालिश करें।

साथ ही एक गिलास पानी में दो चम्‍मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पियें।

उपाय को नियमित रूप से सोने से पहले और सुबह फिर से करें।

कुछ ही सप्ताह या महीनों में वैरिकोज वेन्‍स का आकार कम होने लगता है।

लाल शिमला मिर्च

लाल शिमला मिर्च को वैरिकोज वेन्‍स के इलाज लिए एक चमत्‍कार की तरह माना जाता है।

विटामिन सी और capsenthin बायोफ्लेवोनॉयड्स का समृद्ध स्रोत होने के कारण इसे रक्त परिसंचरण को बढ़ाने और संकुलित और सूजी हुई नसों के लिए कारगर माना जाता है।

गर्म पानी में एक चम्‍मच लाल शिमला मिर्च के छिलके का चूर्ण या पेस्ट मिलायें, और पी जायें.

इसे एक से दो महीने के लिए दिन में तीन बार सेवन करें।

जैतून का तेल

वैरिकोज वेन्‍स के इलाज के लिए रक्त परिसंचरण को बढ़ाना आवश्‍यक होता है।

जैतून के तेल की मालिश से रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद मिलती है,

इससे दर्द और सूजन भी कम होती है।

जैतून के तेल और विटामिन ई तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर उसे थोड़ा सा गर्म कर लें।

इससे नसों की मालिश एक से दो महीने तक करें.

जैतून के तेल में आप कर्पूर और सत अजवायन की दो चार बूंदें मिलाकर भी मालिश कर सकते है।

लहसुन

लहसुन, सूजन और वैरिकोस वेन्‍स के लक्षणों को कम करने के लिए एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी है।

यह भी रक्त वाहिकाओं में हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करती है।

छह लहसुन की कली लेकर उसे एक साफ जार में डाल लें।

तीन संतरे का रस लेकर उसे जार में मिलाये।

इसमें जैतून का तेल लगभग 50 ग्राम भी मिलायें और 12 घंटे के लिए रख दें।

इस मिश्रण की कुछ बूंदों को हाथों पर लेकर 15 मिनट के लिए सूजन वाली नसों पर मालिश करें।

सूती कपड़ा लपेट कर रातभर के लिए छोड़ दें।

उपाय को कुछ महीनों के लिए नियमित रूप से दोहाराये।

इसके अलावा अपने आहार में ताजे लहसुन को भी शामिल करें।

बुचर ब्रूम

बुचर ब्रूम (english name: Butcher’s broom; botanical name: Ruscus aculeatus) वैरिकोज वेन्‍स की असुविधा से राहत देने में बहुत ही उपयोगी होता है।

इस जड़ी बूटी में रुसोगेनिन्स नामक गुण सूजन को कम करने में मदद करता है

इसका एंटी-इफ्लेमेंटरी और एंटी-इलास्‍टेज गुण नसों की बाधा को कम करता है।

इसके लिए बुचर ब्रूम की दैनिक खुराक को 100 मिलीग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार लें।

उच्‍च रक्तचाप वाले लोग इस जड़ी-बूटी के सेवन से पहले चिकित्‍सक से परामर्श अवश्‍य ले लें।

अखरोट

अखरोट रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाने के लिए बहुत ही प्रभावी जड़ी-बूटी है,

इसलिए यह वैरिकोज वेन्‍स के लक्षणों को आसानी से कम कर सकती है।

इसमें एस्ट्रिंजेंट के अलावा गल्लिक एसिड और कई प्रकार के आवश्‍यक तेल भी होते हैं

जो सूजन के साथ-साथ दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

अखरोट के तेल में एक साफ कपड़े को डूबाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाये।

ऐसा एक या दो महीने के लिए दिन में दो से तीन बार करें।

अजमोद

अजमोद एक शक्तिशाली एंटीऑक्‍सीडेट है, जो सेल की मरम्‍मत और कोलेजन के उत्‍पादन को प्रोत्‍साहित करता है।

साथ ही इसमें शामिल रुटीन नामक तत्‍व, केशिकाओं को मजबूत बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है

और इसलिए वैरिकोज वेन्‍स के लक्षणों को कम करने में बहुत उपयोगी होता है।

एक मुठ्ठी ताजा अजमोद की एक मुठ्ठी लेकर उसे एक कप पानी में पांच मिनट के लिए उबाल लें।

फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें।

इस मिश्रण में गुलाब और गेंदे की तेल की एक-एक बूंद मिला लें और फ्रिज में रख दें।

इसे कॉटन पर लगाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगायें।

अच्‍छे परिणाम पाने के लिए इस उपाय को कुछ महीनों तक करें।

Regards .

JAIDEV YOGACHARYA ( THERAPIST & AYURVEDA )

MOB. +917837139120 SARAV DHARAM YOG ASHRAM





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