हींग (Ferula assa-foetida) कोई फल या फूल नहीं होती ,यह पेड़ के तने व जड़ों से निकली हुई गोंद होती है।
इसका पेड़ 3 से 5 फीट उंचा होता है, जो इरान, अफगानिस्तान के सूखे मरुस्थलों में अधिक पाया जाता है.
यह अपच, पेट दर्द, जी मिचलाना, दांत दर्द, जुकाम, खांसी, सर्दी के कारण सिरदर्द, बिच्छू, मधुमक्खी, बर्र आदि के जहरीले प्रभाव और जलन को कम करने में काम आती है।
इसके इतने गुण फायदे है जो शायद ही कुछ ही लोगों को पता होंगे।
इसे हम रोज खाने का जायका बढ़ाने के लिए सब्जियों में डालते हैं।
इससे खाने का तो स्वाद बढ़ता ही है साथ ही ये पेट के लिए भी गुणकारी रहता है।
English name: Asafoetida के नाम से जाने जले वाले हींग का प्रयोग हम मुख्यत: मसाले के रूप में ही करते है.
स्वाद बढाने के साथ साथ हींग कई तरह के घरेलू नुस्खों में भी प्रयोग किया जाता है।
हींग – पेट के लिए लाभकारी
1 यदि अचानक से पेट दर्द होने लगे तब थोड़ी सी मात्रा पानी में घोलकर हल्का सा गर्म करके नाभि तथा इसके आसपास लेप लगायें,
पेट दर्द में तुरंत ही आराम मिल जायेगा।
नाभि के आसपास गोलाई में इस पानी का लेप करने से पेट दर्द, पेट फूलना व पेट का भारीपन दूर हो जाता है।
2 छाछ में या भोजन के साथ हींग का सेवन करने से अजीर्ण वायु, हैजा, पेट दर्द, अफारा में आराम मिलता है।
3 एसिडिटी की समस्या होने पर थोड़ी सी हींग को गुड़ में मिलाकर गरम पानी के साथ खा लें,
गैस से होने वाले दर्द में आराम मिल जायेगा।
4 दाल, कढ़ी और सब्जियों में इसे उपयोग करने से खाना सुपाच्य हो जाता है।
5 पेट में दर्द व ऐंठन होने पर अजवाइन और काले नमक नमक के साथ इसका सेवन करने से तुरंत लाभ मिल जाता है।
6 उल्टी आने पर हींग को पानी में पीसकर पेट पर लगाने से फायदा होता है।
रोग निवारक भी है हींग
7 हींग की मदद से शरीर में ज्यादा इन्सुलिन बनता है और ब्लड शुगर का स्तर नीचे गिरता है।
ब्लड शुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग के साथ पकाया हुआ कड़वा कद्दू खाना चाहिए।
8 हींग में Umbelliferone होता है जिसे एक उत्तम दर्जे का एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है।
9 यह बढ़े हुए ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है.
10 इसके उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता है।
11 हींग में वह शक्ति होती है जो कर्क रोग (कैंसर) को बढ़ावा देने वाले सेल्स को पनपने से रोकता है।
12 इसके चूर्ण में थोडा सा नमक मिलाकर पानी के साथ लेने से लो ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है।
13 कामेच्छा की कमी होने पर इस का उपयोग बढाने से लाभ मिलता है.
14 पसलियों में दर्द होने पर यह रामबाण की तरह काम करता है।
इसे गरम पानी में घोलकर लेप लगाएं, सूखने पर प्रक्रिया दोहराएं।
आराम मिलेगा।
कृमिनाशक
15 बच्चों के पेट में कीडे होने पर इसकी जरा सी मात्रा एक चम्मच पानी में घोलकर रूई के फाहे को उसमें डुबोकर बच्चे के गुदा में रख दें.
जब बच्चा पॉटी करेगा तो सारे कीड़े मर कर पॉटी के साथ निकल जाएंगे।
यदी बड़ों के पेट में कीड़े हो जाए तो यही उपाय वे भी अपना सकते हैं।
16 यदि शरीर के किसी जगह पर कांटा चुभ गया हो तो उस जगह इसका घोल लगा दें ,
ऐसा करने से काँटा चुभने का दर्द भी कम होगा और कांटा अपने आप ही निकल जायेगा।
17 भुनी हुई हींग को रूई के फाहे में लपेटकर दाढ़ पर रखने से राहत मिलती है।
दांत में कीडा लगने पर भी इससे आराम मिलता है।
18 हींग का धुआं सूंघने से हिचकियां बंद हो जाती हैं।
19 दांत दर्द की समस्या होने पर इसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाने से दांत में दर्द होना बंद हो जाता है।
20 अगर किसी जख्म पर कीडे पड़ गए हों तो, उस जगह पर इसका चूर्ण लगाने से कीड़े मर हो जाते हैं।
अन्य उपयोग
21 कान में दर्द होने पर तिल के तेल में इसे पकाकर उस तेल की बूंदों को कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है।
22 प्रसव के उपरांत हींग का सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है और उस महिला को पेट संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है।
23 जोडों के दर्द में इसका नियमित सेवन बहुत ही लाभदायक रहता है।
24 माइग्रेन और सिरदर्द में आधा कप पानी में हींग मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
25 दाद, खाज, खुजली जैसे त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह बहुत फायदेमंद होती है।
चर्म रोग होने पर इसे पानी में घिसकर प्रभावित स्थानों पर लगाने से फायदा होता है।
26 अफीम का नशा उतारने के लिए इसे पानी में घोलकर पिला दें, नशा जल्दी उतर जाता है।
27 यदि नासूर हो गया है और घाव सडने लगता है.
नीम के पत्तों के साथ इसे पीसकर घाव पर लगाने से कुछ ही दिनों में आराम आ जाता है।
श्वास रोग, एलर्जी में
28 जुकाम होने पर नाक बंद हो जाती है जिससे साँस लेने में काफी तकलीफ हो जाती है,
इसे सूंघने से बंद नाक खुल जाती है।
थोडी सी हींग पीसकर पानी में घोल लें और शीशी में भर लें।
इसे सूंघने से सर्दी-जुकाम, सिर का भारीपन व दर्द में आराम मिलता है।
29 पीठ, गले और सीने पर इसका पानी मलने से खांसी, कफ, निमोनिया और श्वास कष्ट में आराम मिलता है।
30 एलर्जी वाले जुकाम की शुरुआत में अगर आपको कफ बने तो इसका सेवन संक्रमण को तुरंत खत्म कर देता है।
इसके लिए चौथाई चम्मच हींग के पाउडर में आधा चम्मच सोंठ (सूखा अदरक) का पाउडर मिलाएं
इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में थोड़ी-छोड़ी देर पर सेवन करें।
31 अगर सूखी खांसी हो रही है, इसके लिए आधा चम्मच अदरक के रस में चुटकी भर हींग और एक चम्मच शहद मिलाएं।
दिन में तीन इसका सेवन करें।
गले की खराश में आराम मिलेगा।
32 सीने में अगर कफ जकड़ जाए तो इसके तेल की दो बूंदे गर्म पानी में डालकर भाप लेने से आराम मिलेगा।
इसके तेल से सीने, गर्दन और कमर पर मालिश करने से भी ठंड से शरीर की जकड़न या दर्द में राहत होगी।
JAIDEV YOGACHARYA ( THERAPIST & AYURVEDA ) SARAV DHARAM YOG ASHRAM
ये घरेलू नुस्खे कारगत होते हैं इन में से कही हमार नीजी अनुभव है.धन्यवाद।
बिल्कुल सहमत, विमला गोहिल जी। धन्यवाद ।