दुनिया भर में तुलसी (Holy Basil, botanical name: Ocium sanctum) की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं.
जिनकी अपनी अपनी विशेष सुगंध होती है, लेकिन गुण धर्म सामान्यत: एक जैसे ही पाये जाते हैं.
भारत में रामा, श्यामा तुलसी के अतिरिक्त वनतुलसी और लौंग तुलसी का उपयोग अधिक किया जाता है.
इसके गुणों के चलते इसे हर घर में देवीतुल्य माना जाता है.
आईये जानते हैं, इस बेजोड़ औषधीय वनस्पति के 21 महत्वपूर्ण अनुभूत उपयोगों के बारे में…
1 यदि आप नित्य इसके पत्ते चाय या दूध में मिला कर पीते हैं तो खांसी जुकाम से बच सकते हैं।
इसके पत्तों का काढ़ा पीने से फेफड़ों की बलगम साफ़ हो जाती है.
2 प्रातःकाल ख़ाली पेट 2-3 चम्मच तुलसी के रस का सेवन करें तो शारीरिक बल एवं स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
3 इसके रस का सेवन पसीने की बदबू में भी लाभकारी होता है.
4 वजन को नियंत्रित रखने में तुलसी परम गुणकारी है.
इसके नियमित सेवन से वजन घटता है एवं दुबले व्यक्ति का वजन बढ़ता है.
अर्थात यह शरीर का वजन आनुपातिक रूप से नियंत्रित करती है.
रोज़ उपयोग कीजिये, तुलसी
5 चाय बनाते समय यदि इसके कुछ पत्ते साथ में उबाल लिए जाएँ तो बुखार एवं मांसपेशियों के दर्द में राहत मिलती है।
6 तुलसी में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं।
शोध बताते हैं कि यह तनाव से बचाती है।
तनाव से बचने के लिए इसके 10-12 पत्तों का सेवन नित्य दो बार करें।
7 इसके उपयोग से अनिद्रा रोग में लाभ मिलता है.
सोते समय दूध में इसकी 8-10 पत्तियां डालने से नींद अच्छी आती है।
8 यह प्रदूषण जन्य रोगों जैसे अस्थमा, एलर्जी से भी सुरक्षित रखती है।
9 एक मान्यता है कि तुलसी की माला पहनने से टांसिल नहीं होता।
10 नियमित थोड़े दिनों तक इसके रस में शहद मिलाकर लेते रहने से मेधा शक्ति बढ़ती है.
भूलने की प्रवृति में लाभ मिलता है.
11 समभाग तुलसी, ब्राह्मी व मंडूकपर्णी का उपयोग किया जाए तो बच्चों का बेहतर मानसिक विकास होता है.
रोग निवारक भी होती है तुलसी
12 पानी में इसके पत्ते डालकर रखने से पानी बैक्टीरिया रहित हो जाता है और सुगन्धित भी.
परिणामस्वरूप अधिक पानी पीने की चाह होती है
जो शरीर के विषद्रव्यों की निकासी में सहायक रहती है.
13 मान्यता यह भी है कि यह भोजन को शुद्ध करती है.
इसके पत्तों को ग्रहण लगने के पहले भोजन में डाल देते हैं जिससे सूर्य या चंद्र की विकृत किरणों का प्रभाव भोजन पर नहीं पड़ता।
14 सब्जी पुलाव इत्यादि में इसके पत्ते डालने से खाने की पौष्टिकता व महक बढ़ जाती है।
15 तुलसी रक्त अल्पता के लिए उपयोगी है।
इसके नियमित सेवन से हीमोग्लोबीन से बढ़ता है व स्फूर्ति बनी रहती है।
16 तुलसी के रस को त्वचा पर मल कर कील मुहांसों से निजात पाई जा सकती है।
17 ज्वर, वमन में इसके पत्र कालीमिर्च के साथ पीसकर पिलाने से वमन तथा ज्वर में शीघ्र लाभ मिलता है।
18 तुलसी वातावरण को शुद्ध रखती हैं।
इसके रस में प्रोटोजोआ और मच्छर को नष्ट करने की शक्ति पाई जाती हैं।
घर के आगे तुलसी का पौधा लगाने से मच्छरों का प्रकोप कम हो जाता है।
19 बच्चों की सर्दी, बुखार, उल्टी दस्त आदि में तुलसी का रस लाभदायक है।
यदि चिकनपॉक्स (माता) हो जाये तो केसर के साथ तुलसी पत्र लेने से शीघ्र लाभ मिलता है।
20 इसके पत्तों का उपयोग पक्षाघात अथवा लकवा (Paralysis) में भी लाभ कारी रहता है।