अंजीर एक अत्यंत गुणकारी और लाभकारी वनोपज है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ, फायदे होते हैं।
आयुर्वेदीय मतानुसार अंजीरफल मन को प्रसन्न करनेवाला और स्वभाव को कोमल बनाने वाला है।
यकृत और प्लीहा (तिल्ली) के लिए लाभकारी होता है, कमजोरी दूर करता है तथा खांसी का नाश करता है।
अंजीर की पहचान व गुण
पेपरी, पेयारा, दौगला, अंजी, मेडीपंडू इत्यादि अंजीरफल के अन्य भारतीय नाम हैं.
इसका English name: common fig तथा botanical name: Ficus carica है,
लेकिन बाज़ार में मिलने वाला सूखा अंजीर कई बार गूलर की प्रजाति का अंजीर भी होता है जो गहरे रंग का न होकर हल्का सुनहरे रंग का होता है.
भारत भर में अंजीरफल के पेड़ लगभग हर जगह पैदा होते हैं। यह जंगलों में अक्सर पाया जाता है और इसे शौकिया उगाया भी जाता है।
केवल ऊंचे हिमालय के क्षेत्रों में इसका पेड़ पनप नहीं पाता है।
इसका पेड़ लगभग 4.5 से 5.5 मीटर ऊंचा होता है।
पत्ते और शाखाओं पर रोएं होते हैं तथा कच्चे फल हरे और पकने पर लाल-गहरे आसमानी रंग के हो जाते हैं जिन्हें सुखा लिया जाता है.
सूखे अंजीरफल हमेशा उपलब्ध होते हैं।
कच्चे फलों की सब्जी भी बनती है, जिसे पेट रोगों और त्वचा रोगों के लिए उपयोगी मानते हैं।
आईये जानते हैं क्या हैं अंजीर के गुण और लाभ फायदे और उपयोग…
अंजीरफल का रंग हल्का लाल जामुनी से लेकर गहरा काला नीला लाल मिश्रित होता है।
यह खाने में मीठा होता है।
अंजीर गूलर के समान ही होता है लेकिन दोनों के पेड़, पत्ते, और फलों में कई भिन्नताएं भी होती हैं।
कई जगह पर इसे बनगूलर के नाम से भी पुकारते हैं।
अंजीर के पोषक तत्व
अंजीर हल्की गर्म प्रकृति का होता है।
वैज्ञानिक मतानुसार अंजीरफल में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, आहारीय फाइबर 39%
प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई एक प्रतिशत,
खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है।
इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लोहा, विटामिन K 19%, प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फॉस्फोरस और कॉपर भी पाया जाता है। (1)
1. वज़न संतुलन में उपयोगी
अंजीरफल में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है।
अंजीरफल की एक खुराक में 47 कैलोरी उर्जा होती है और फैट 0.2 ग्राम होता है।
इसलिए कम वज़न वालों के लिए यह एक आदर्श आहार है।
2. देह को स्वस्थ रखता है
उच्च मात्रा में एन्टीऑक्सडेंट होने के कारण अंजीरफल शरीर से फ्री-रैडिकल्स को मिटाने में मदद करता है
जिससे कोशिकाएं स्वस्थ रह पाती है
और बीमारियों का खतरा एक हद तक कम हो जाता है।
3. कामक्रीड़ा व प्रजनन (reproductive) उपयोगी
चिरकाल से ही सेक्स उत्तेजना प्रदान करने के लिए अंजीरफल का सेवन किया जाता रहा है।
अंजीर फर्टिलटी (fertility) में सहायता भी करता है।
इसमें पाए जाने वाले जिन्क, मैंगनीज, और मैग्नेशियम जैसे अवयव प्रजनन स्वास्थ्य को उन्नत करने में बहुत सहायता करते है।
पके अंजीरफल को बराबर की मात्रा में सौंफ के साथ चबा-चबाकर सेवन करें।
इसका सेवन 40 दिनों तक नियमित करने से शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है।
अंजीर को दूध में उबालकर-उबाला हुआ अंजीर खाकर वही दूध पीने से शक्ति में वृद्धि होती है तथा खून भी बढ़ता है।
4. उत्तम पाचन शक्ति के लिये
इसमें फाइबर उच्च मात्रा में होता है जो रोज की 39% ज़रूरत को पूरा करने में पर्याप्त होता है।
इसके नियमित सेवन से कब्ज़ की बीमारी और पेट संबंधी समस्या से राहत मिलती है।
प्रतिदिन 5-7 अंजीर खाने से पुरानी कब्जियत में पूरा लाभ मिलता है।
5. उच्च रक्तचाप से बचाता है
अगर आप आहार में नमक ज़्यादा लेते हैं तो वह शरीर में सोडियम के स्तर को बढ़ाने का कारक होता है।
इस कारण शरीर में सोडियम-पोटाशियम का संतुलन भी बिगड़ जाता है और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।
अंजीर इस संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है क्योंकि इसमें 680 मिलीग्राम पोटाशियम और केवल 10 मिलीग्राम सोडियम होता है।
6. एन्टीऑक्सिडेंट्स (antioxidants) से भरपूर होता है-
अन्य एन्टीऑक्सडेंट प्रदान करने वाले खाद्द पदार्थों की तुलना में अंजीर में अधिक एन्टीऑक्सिडेंट होते हैं।
सूखे फल में एन्टीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते जबकि ताज़े अंजीरफल में इनकी मात्रा कम मिलती है।
7. कैंसर से रक्षा
एन्टीऑक्सिडेंट गुण से भरपूर अंजीर फ्री-रैडिकल्स के क्षति से डी.एन.ए. की रक्षा करता है जिससे कैंसर होने की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है।
शोधों ने इसे गर्भाशय कैंसर के खतरे को कम करने वाला फल पाया है.
8. हड्डियों के स्वास्थ्य में लाभदायक
एक सूखे फल में 3% कैल्सियम होता है जो शरीर के लिए कैल्सियम के ज़रूरत को पूरा करने में सहायता करता है।
दूसरे कैल्सियम युक्त खाद्द पदार्थों जैसे कि दूध के साथ इसे लेने पर हड्डियों को शक्ति प्रदान करता है।
9. दमा और श्वास रोग
दमा रोग में इसे खाना लाभकारी है।
इससे कफ बाहर आ जाता है तथा रोगी को शीघ्र ही आराम भी मिलता है।
2 से 4 सूखे फल सुबह-शाम दूध में गर्म करके खाने से कफ की मात्रा घटती है,
शरीर में नई शक्ति आती है और दमा (अस्थमा) रोग मिटता है।
10. प्रदर रोग
कच्चे अंजीर का रस 2 चम्मच शहद के साथ प्रतिदिन सेवन करने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग (श्वेत और रक्त) नष्ट हो जाते हैं।
11. दांतों का दर्द
इसका दूध जो पत्ते और फल तोड़ने पर निकलता है, को रुई में भिगोकर दुखते दांत पर रखकर दबाएं।
इससे मसूड़ों के बैक्टीरिया नष्ट होते हैं तथा दांतों का दर्द मिट जाता है।
12. बहुमूत्र रोग में उपयोगी
अंजीरफल बहुमूत्र रोग में भी लाभकारी होता है.
3-4 अंजीर खाकर, 10 ग्राम काले तिल चबाने से यह कष्ट दूर हो जाता है।
13. मुंहासे और त्वचा रोग
कच्चे अंजीरफल का दूध समस्त त्वचा सम्बंधी रोगों में लगाना लाभदायक होता है।
कच्चे फल या अंजीर के पत्तों का दूध मुंहासों पर 3 बार लगाएं।
मुहांसे बैठ जाते हैं और दाग भी नहीं छोड़ते.
अंजीर का दूध लगाने से दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और दाद मिट जाते हैं।
बादाम और छुहारे के साथ अंजीर खाने से दाद, दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और चमड़ी के सारे रोग ठीक हो जाते है।
14. रक्तवृद्धि और शुद्धि कारक
10 मुनक्के और 5 अंजीर 200 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें।
फिर ऊपर से उसी दूध का सेवन करें।
इससे रक्तविकार ठीक हो जाता है और रक्तवृद्धि भी होती है।
15. सामान्य स्वास्थ्यवर्धक
सूखे अंजीर के टुकड़े और छिली हुई बादाम गर्म पानी में उबालें।
इसे सुखाकर इसमें दानेदार शक्कर, पिसी इलायची, केसर, चिरौंजी, पिस्ता और बादाम बराबर मात्रा में मिलाकर 8 दिन तक गाय के घी में पड़ा रहने दें।
बाद में रोजाना सुबह 20 ग्राम तक सेवन करें।
छोटे बालकों की शक्तिक्षीण के लिए यह औषधि बड़ी हितकारी है।
सारशब्द
अंजीर एक उत्तम स्वास्थ्यवर्धक और रोगनिवारक वनफल है।
इसके नित्य सेवन व उपयोग से कई रोगों से बचाव किया जा सकता है व बेहतर स्वास्थ्य पाया जा सकता है।