आमलकी, धात्री अथवा आंवला – बेहतरीन रोग प्रतिरोधक फल है.
यह एक ऐसा वनोपज का फल है जिसमें अम्ल, क्षार, लवण, तिक्त, मधु और कषाय सभी छे गुण समाहित होते हैं।
यह पूरे के पूरे छे रसों की पूर्ति कर रोग प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है।
इसीलिए आंवला वात, पित्त, कफ़; तीनों दोषों (त्रिदोष) से बचाता है।
(Indian gooseberry) वानस्पतिक नाम (botanical name: Emblica officinalis)
इसके 100 ग्राम रस में 921 मिलीग्राम विटामिन सी और शरीर के लिए आवश्यक अन्य तत्व पाए जाते हैं।
स्वाभाविक है , जब इतनी प्रचुरता में Vitamin C मिलेगा तो रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मिलेगी.
एक आँवले में विटामिन- सी की मात्रा 4 मौसमी या 8 टमाटर या 4 केले के बराबर मिलती है।
फलों के अतिरिक्त, इसकी पत्तियां, छाल और और बीज का उपयोग भी विविध उद्देश्य से किया जाता है।
इसके ताजे फल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, रेशा (फाइबर), वसा, विटामिन सी, विटमिन डी, विटामिन बी-1, थायोमिन, रिबोफ्लोविन, नियासिन, एस्कार्बिक एसिड, निकोटेनिक एसिड, टैनिन्स, ग्लूकोज, फ्लेविन, गेलिक एसिड, इलैजिक एसिड और कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटिन के अतिरिक्त 80 प्रतिशत पानी पाया जाता है।
आंवला में गैफिक एसिड भी प्रचुरता में पाया जाता है जिसमें पोलिफिनोल होता हैं।
इसके बीजों में आलिक एसिड लिनोलिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड पाए जाते हैं।
आंवला के अनुभूत योग
1 रसायन योग
2 बालों का बेहतरीन टॉनिक
आंवला उम्र के बढाव को रोकता है.
आंवले का रस ब्रेन टॉनिक के रूप में भी पचलित है जो स्मरणशक्ति बढ़ाता है व मानसिक ऊर्जा प्रदान करता है।
100 ग्राम आंवले का पावडर और 100 ग्राम काले तिल का पावडर मिलाये।
इसमें 50 ग्राम शहद और 100 ग्राम देसी घी मिलाएं।
एक चम्मच प्रतिदिन सुबह खाएं।
बालों का झड़ना, बेजान व रूखे बाल या बालों का सफेद होना; इन सबमें आंवला बेहद उपयोगी हैं।
बालों के जितने भी उत्पाद बाज़ार में मिलते हैं उन में से कई में आंवले का मुख्यतया से उपयोग किया जाता है।
आंवला रस और नारियल तेल बराबर मात्रा में मिलाकर बालों की जड़ों में हलके हलके मलें।
3 अजीर्ण
ताजा आंवला, अदरक, हरा धनिया मिलाकर चटनी बनाईये।
इसमेंकाला नमक, हींग, जीरा, काली मिर्च मिला लीजिये।
इसके उपयोग से भूख खुलेगी व पाचन शक्ति बढ़ेगी।
खाना खाने से पहले आंवले का पाउडर, सौंठ और शहद मिलाकर खाने से भूख अच्छी लगती है।
4 कब्ज
यदि पेट ख़राब है, तो आंवला खाएं।
वास्तव में, आंवला डायरिया जैसी परेशानियों को दूर करने में बहुत फ़ायदेमंद है।
रात को आँवला चूर्ण का एक चम्मच पानी या दूध के साथ लेने से सुबह शौच सहज आता है, कब्ज़ नहीं रहती।
इससे आंते हलकी और पेट साफ़ रहता है।
5 मूत्र कष्ट
आंवले के 25-30 मिली ताज़े रस में छोटी इलायची का चूर्ण मिला कर पिलाएं।
मूत्र आने लगेगा।
6 बवासीर
बवासीर [मस्से] अथवा piles होने पर आंवले पीस कर गाय के दूध की ताजा छाछ में मिलाकर रोगी को पिलाएं।
7 हिचकी
आंवला, अदरक का रस, छोटी पीपर(Piper nigrum) का चूर्ण, शहद से चटाएं तो हिचकियां मिट जाएंगी।
8 मुंह के छाले और घाव
आंवले के पत्तों के काढे से दिन में 2 से 3 बार कुल्ले कराएं।
9 श्वेत प्रदर
आंवले की गुठली फोड़ कर निकाले बीजों का चूर्ण पानी से पीस कर शहद व मिश्री मिला पिलाएं।
10 दृष्टि दोष- नेत्रों के रोग
यदि आप अपनी आँखों की रोशनी बढ़ाना चाहते हैं, तो आंवले के जूस में शहद मिलाकर पीएं।
यह मोतियाबिंद की परेशानी में भी उपयोगी रहता है।
आंवला कूट कर पानी में भिगोकर रखें।
इसे कपड़े से साफ छान कर दिन में तीन बार 2-2 बूंद आंखों में टपकाएं।
11 अनिद्रा
यदि सोने से पहले आंवला रस का सेवन किया जाए तो बहुत अच्छी नींद आती है।
अनिद्रा के शिकार लोगों को रात में सोने से पहले आधा-एक चम्मच आंवले का रस पीना लाभकारी होता है।
12 नकसीर
नाक से ख़ून आने पर नाक में आंवले के रस की दो बूंद डालें तथा आंवले को पीस कर सिर पर लेप करें।
13 खांसी
सूखे आंवले के एक चम्मच पावडर में थोड़ा घी मिला कर पेस्ट बना लीजिये, दिन में दो बार चाटिये।
सूखी खांसी होने पर आंवले के रस में शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार लेने से काफ़ी आराम मिलता है।
14 मधुमेह
मधुमेह (diabetes) में आंवला और हल्दी का पावडर बराबर मात्रा में अच्छी तरह मिला लीजिए।
जितनी बार भी भोजन करें उसके बाद एक चम्मच पावडर पानी से निगल लीजिये, लाभ मिलेगा।
शरीर में पैनक्रियाज का ब्लड ग्लूकोज स्तर कंट्रोल न कर पाना मधुमेह (diabetes) होने का संकेत देता हैं।
आंवला इसके लिए प्रभावी दवा है। आंवला, जामुनगिरी और करेले की बराबर मात्रा मिलाकर एक-दो चम्मच हर दिन लें तो काफ़ी फ़ायदा पहुंचता है।
15 हकलाहट के लिए
100 ग्राम गाय के दूध में एक चम्मच आंवले का चूर्ण मिला कर लगातार 15 दिन पियें, हकलाने में लाभ होगा और कंठ सुरीला भी होगा।
16 छाती में जलन के लिए
सूखे आंवले का एक चम्मच पावडर शहद मिला कर सुबह चाटिये। या एक चम्मच पावडर में दो चम्मच चीनी और दो ही चम्मच घी मिलाकर चाटिये।
17 पीलिया
एक गिलास गन्ने के रस में आधा गिलास हरे आंवले का रस और तीन चम्मच शहद मिला कर दिन में दो बार पिलाए।
रोग तीन दिन में ही ख़त्म हो जाएगा; लेकिन इसे 10 दिन तक पिलाते रहे।
18 एसिडिटी
एसिडिटी आजकल की एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। इससे गुस्सा, दु:ख और निराशा भी हो जाती है।
जब पेट में बहुत ज़्यादा जलन हो तो आंवला ले लीजिए।
यदि अत्यधिक एसिडिटी हो तो एक ग्राम आंवला पाउडर में थोड़ी सी चीनी मिलाकर पानी या दूध के साथ ले लें तो इससे काफ़ी आराम मिलता है।
19 ह्रदय स्वास्थ्य
ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए रोज आंवला खाने की आदत डालें।
इससे आपके दिल की मांसपेशियां पुष्ट होंगी, जिससे ये शरीर को निर्बाध रक्त सप्लाई कर पाएगा।
हमारे शरीर कि क्रियाप्रनाली में कॉलेस्ट्राल का काफ़ी महत्व रहता है।
और हमारा यकृत (liver) कोलेस्ट्राल का मुख्य स्रोत माना जाता है।
शरीर में उपयोग न होने वाला कोलेस्ट्राल ख़ून की नलिकाओं में जम जाता है जिससे हार्ट अटैक होने का ख़तरा बन जाता हैं।
आंवले में उपलब्ध विटामिन ‘सी’ कॉलेस्ट्राल को रक्त वाहिनियों से हटाने में मदद करता है।
यही नहीं, आंवला शरीर का ब्लड प्रेशर भी सामान्य करता है।
20 अन्य विकार
आंवले में एंटी-इंम्फ्लामेटरी एजेंट तत्व अर्थराइटिस के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक माने गए हैं।
मौसमी बुखार, सिर दर्द, पित्त शूल, वायु विकार, अनिद्रा, उल्टी आना, बार-बार पेशाब जाना, प्रोस्टेट ग्रंथि के विकार, पेशाब में जलन, ह्वदयशूल (पित्त दोष) आदि रोगों में
पचास-पचास ग्राम आंवला रस और शहद मिलाकर रोजाना सोते समय लेने से रोग विकार दूर होकर शरीर स्वस्थ बन जाता है।
स्वप्न दोष, स्मरण शक्ति का कमज़ोर होना, सोमरोग [बूंद-बूंद पेशाब आना मूत्र पर नियंत्रण नहीं रहना] आदि रोगों में भी पूर्व में बताए अनुसार शहद और आंवला रस का सेवन हितकारी है।
सारशब्द
आंवला बेजोड़ गुणों का भण्डार है।
यदि इसका नित्य सेवन किया जाए तो निस्संदेह कई रोगों से बचा जा सकता है
और उम्र के बढ़ाव को रोका जा सकता है।
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