Rajeev Sharma

Exploring to know who I am

forget the past

Forget The Past

Here is a good reason to forget the past. Past is a drag on New Thoughts Memories of the past are a mix of good and bad experiences. While we always cherish the good ones, But regret and sorrows also stem from the past bad experiences. If we keep our mind clear like a fresh

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तुम ही मैं हूँ, फिर चिन्तन क्या, मैं ही तुम हो, फिर उलझन क्या Dand Dauti Kriya

तुम ही मैं हूँ, फिर चिन्तन क्या – आलौकिक भजन

तुम ही मैं हूँ, फिर चिन्तन क्या, मैं ही तुम हो, फिर उलझन क्या आदरणीय आलोक सहदेव जी द्वारा श्रीरामशरणम् को समर्पित आलौकिक भजन, तुम ही मैं हूँ, फिर चिन्तन क्या आपजी की सेवा में प्रस्तुत तुम ही मैं हूँ, फिर चिन्तन क्या, मैं ही तुम हो, फिर उलझन क्या तुम ही मैं हूँ, मैं ही तुम

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धीरज की महिमा

धीरज की महिमा

सन्त ने धीरज की महिमा पर कहा  . . . “मनुष्य में धैर्य हो तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।।” आलोचक ने प्रश्न किया  . . . “क्या धैर्य से आप छलनी में पानी को ठहरा सकते हो ? क्या यह सम्भव है ?” सन्त ने उत्तर दिया… ‘पानी’ को ‘बर्फ़’

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गुरु में निष्ठा

गुरु में निष्ठा

परमपूज्य डॉ. विश्वामित्र जी महाराज साधक को एक ही मंत्र व एक ही गुरु में निष्ठा होनी चाहिये ! गुरु व मंत्र पर अटूट विश्वास हो उसे विचलित नहीं होना चाहिये ! एक स्थान से मांग पूरी नहीं हुई तुरंत दूसरी जगहमत्था टेकने चले गये ; यह बात नहीं होनी चाहिये ! इधर उधर भटकने

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