मिर्ची अथवा मिर्च (Chilly pepper) यदि खानपान में उपयोग होती है, तो इसके कुछ आयुर्वेदीय कारण हैं.
इसीलिए मिर्ची के बिना भारतीय एवं एशिया के व्यंजनों की कल्पना करना असंभव है.
पिछले कुछ समय में मिर्ची (एवं अन्य मसालों) पर हुए शोधों से पश्चिम जगत में भी इसके प्रति रुझान बढ़ा है.
वे अब मानते हैं कि भारतीय पाकशास्त्र एक अत्यंत गहन शोध से ही विकसित हुआ है, जिसमें मसालों का समावेश भोजन को स्वादिष्टता के साथ साथ पौष्टिकता देने व कई रोगों से बचाव के लिये भी किया जाता है.
आईये जानते हैं मिर्ची के गुणों के बारे में; हरी व लाल मिर्च के लाभ फायदे और नुकसान (benefits and side effects of green and red chilly) के बारे में…
मिर्च के पोषक तत्व
मिर्ची में विटामिन A, विटामिन B6, विटामिन K1, विटामिन C के अतिरिक्त ताम्बा (Copper), पोटैशियम इत्यादि कई पोषक तत्व होते है.
लेकिन क्योंकि मिर्ची का उपयोग अत्यंत कम मात्रा में किया जाता है,
इस कारण इन तत्वों का हमारे दैनिक खान पान में योगदान न के बराबर ही रहता है.
मिर्च में पाए जाने वाले विशेष बायोएक्टिव योग ही इसे विशिष्ट बनाते हैं. ये हैं:
कैप्सैसिन (Capsaicin)
मिर्च के यौगिक घटकों में सब से अधिक शोध इसी पर हुआ है.
कैप्सैसिन के कारण ही मिर्ची में जलनता, तीक्षणता होती है.
कैप्सेंथिन (Capsanthin)
ल्युटीन (Lutein)
सिनापिक एसिड (Sinapic acid)
फेरुलिक एसिड (Ferulic Acid)
वोय्लेक्सेंथिन (Violaxanthin)
हरी या लाल – कौन सी अधिक गुणकारी
मिर्ची विशेष
दुनिया भर में मिर्ची की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं.
रंग, आकार इत्यादि से भिन्न होने के साथ साथ मिर्ची की तीव्रता भी भिन्न भिन्न पाई जाती है.
मिर्च की तीखी ज्वलनशीलता मापने का मानक स्कोविल्ले हीट स्केल है.
नागा जोलोकिया अथवा भूत जोलोकिया संसार की सब से तेज़ मिर्ची है जो भारत में असम, मिज़ोरम, मणिपुर, नागालैंड इत्यादि उत्तर पूर्वी प्रान्तों में पाई जाती है.
जोलोकिया के सब से तेज़ होने के रिकॉर्ड को हाल में कुछ अन्य संवर्धित किस्मों ने तोडा है जो जोलोकिया को अन्य किस्मों से मिलाकर बनाई गयी हैं.
मिर्ची किन्हें नहीं खानी चाहिए
अंत में, मिर्ची में इतने गुण होने के बाद भी इनके उपभोग में कुछ सावधानियां आवश्यक हैं.
कमजोर पाचन शक्ति (याने छोटे बच्चे), एसिडिटी, GERD, पेट के अल्सर, IBS, बवासीर इत्यादि की स्थिति में मिर्ची लेना हानिकारक हो सकता है.
सारशब्द
मिर्च को नुकसानदायक सोचना एक बीते युग की बात है, जो कई शोधों द्वारा नकारी जा चुकी है.
मिर्च का उचित उपयोग हमें कई रोगों से बचने में सहायता कर सकता है.