तुम ही मैं हूँ, फिर चिन्तन क्या, मैं ही तुम हो, फिर उलझन क्या Dand Dauti Kriya

दंङ धौती क्रिया (Dand Dauti Kriya)

कैसे करें

दंङ धौती क्रिया (Dand Dauti Kriya) प्रात:काल खाली  पेट की जाती है.

इस क्रिया में 15 से 18  इंच लम्बी लचीली रबर की पाइप ली जाती है.

पहले इस क्रिया को करने के लिये केले के मृदु भाद के डंडे को लिये जाता था  जिस कारण ही इसका नाम दंड धोती क्रिया पड़ा होगा.

इस पाइप को पहले गरम पानी में उबाल लें.

अब एक उंगल तक इस पाइप को गले के नीचे उतारें.

इसी तरह ये अभ्यास 6-7 दिन तक करते रहें और थोडा थोडा पाइप को और अंदर लेने का अभ्यास करते रहें.

ऐसा करने से उल्टी आने की सम्भावना नहीं रहती.

जब 6-7 दिन बाद आप पाइप को पूरा अंदर ले जाने में सफल हो जाएँ तब इस क्रिया को पानी के साथ  प्रारंभ कर सकते हैं.

इसमें 1 लीटर तक या जब तक कि पेट पूरा न भर जाए, पानी पिया जाता है.

फिर इस पाइप को धीरे धीरे गले के रस्ते पेट में लिया जाता है.

अब थोडा सा आगे झुक कर पेट पर दबाब डालते हुए पानी को पाइप के द्वारा बहार निकालें.

आप देखेंगे कि एक बार जब पानी निकलना आरंभ हो जाता है तो syphon क्रिया से स्वत: ही निकलने लगता है, व पेट बिलकुल एसिड मुक्त हो जाता है.

जब सारा पानी निकल जाये तो धीरे धीरे पाइप को बहार निकाल दें.

दंङ धौती क्रिया (Dand Dauti Kriya) के लाभ

इस क्रिया से रात भर का बना एसिड बाहर निकल जाता है व शरीर में स्फूर्ति का अनुभव होता है.



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