मारिच अथवा काली मिर्च या मरिच सुगंधित, उत्तेजक और स्फूर्तिदायक वनस्पतीय बीज है।
आयुर्वेद और यूनानी चिकित्साशास्त्रों में इसका उपयोग…
कफ, वात, श्वास, अग्निमांद्य उन्निद्र जैसे कई रोगों के लिये बताया गया है.
भूख बढ़ाने और ज्वर की शांति के लिए दक्षिण में तो इसका विशेष प्रकार का ‘रसम’ भोजन के साथ पिया जाता है।
काली मिर्च की तासीर तर गर्म बताई गई है.
भारतीय भोजन में मसाले के रूप में इसका न्यूनाधिक उपयोग सर्वत्र होता है।
काली मिर्च – 16 बेमिसाल गुण लाभ
आईये जानते हैं काली मिर्च के औषधीय गुण और 16 नुस्खों से मिलने वाले फायदे लाभ के बारे में:
1 समभाग कालीमिर्च व हल्दी का योग सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देता है।
2 आधा चम्मच पिसी काली मरिच थोड़े- से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
3 भूख में कमी आने पर काली मिर्च के 5-7 दाने या चूर्ण को अदरक के साथ मिला कर देने से भूख बढ़ जाती है.
4 गले में खराश या खांसी है,
काली मरिच के 3-4 बीज मुहं में रख लें.
तुरंत लाभ मिलेगा.
एलर्जी सम्बंधित रोगों में लाभकारी
5 काली मिर्च बेहतरीन एंटी एलर्जिक औषधि है.
शरीर पर किसी कारण एलर्जी होने पर और जुकाम में काली मिर्च और शहद का उपयोग तुरंत लाभ देता है.
एलर्जिक खुश्क खांसी में काली मिर्च और घी का सेवन करना चाहिये.
6 दांतों में होने वाले रोग पायरिया से परेशान हैं या दांत कमजोर हैं
काली मिर्च को नमक के साथ मिलाकर दांतों पर लगाएं.
जल्द ही लाभ होगा।
7 गठिया के रोगियों के लिए काली मिर्च काफी फायदेमंद होती है।
काली मरिच को तिल के तेल में जलने तक गर्म करें।
उसके बाद ठंडा होने पर उस तेल को मांसपेशियों पर लगाएं, दर्द में आराम मिलेगा।
8 यदि आपका ब्लड प्रेशर कम (Low) रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने काली मरिच के साथ 5 दाने किशमिश का सेवन करे।
9 मलेरिया होने पर काली मिर्च के चूर्ण को तुलसी के रस में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
10 कब्ज होने पर काली मिर्च के चार-पांच साबुत दाने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज में लाभ मिलता है।
11 पानी में तुलसी, काली मिर्च, अदरक, लौंग और इलाइची उबाल लें.
इस पेय को पीने से जुखाम और बुखार में लाभ होता है.
बंद नाक तुरंत खुल जाती है.
12 काली मरिच को किशमिश के साथ मिला कर 2 से 3 बार चबा कर खाने से पेट के कीडे दूर होते हैं.
छाछ में काली मिर्च पाउडर मिला कर पीने से पेट के कीडे मर जाते हैं.
रोग निवारक भी है काली मरिच
13 नींबू के टुकडों से बीज निकालकर इसमें पिसा काला नमक और काली मरिच पाउडर भर कर गर्म कर लें
इसे चूसने से बदहजमी में लाभ मिलता है.
एक कप कुनकुने गर्म पानी में ३-४ पिसी काली मिर्च और नीम्बू का रस मिला लें.
इसे पीने से भी गैस की शिकायत दूर होती है.
14 काली मरिच 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट-पीस कर मिला लें।
इसे सुबह -शाम पानी के साथ फांक लें।
बवासीर रोग में लाभ होता है।
15 त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर
काली मरिच पानी के साथ पत्थर पर घिस कर लेप बना लें.
इस लेप को अनामिका अंगुली से फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
16 पेट में कीड़े की समस्या से ग्रस्त हैं तो काली मिर्च को किशमिश के साथ 2-3 बार चबाकर खा जाएं।
एक गिलास छाछ में थोड़ी सा काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पीने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं।
सफ़ेद मिर्च, काली मिर्च
पाश्चात्य देशों में मरिच का विशिष्ट उपयोग विविध प्रकार के मांसों की डिब्बाबंदी में,
खाद्य पदार्थो के परिरक्षण के लिए और मसाले के रूप में भी किया जाता है।
हालाँकि वे सफ़ेद मिर्च का अधिक उपयोग करते हैं, काली मिर्च का नहीं.
इस लेख में जानिये क्या फर्क है सफ़ेद और काली मिर्च में.
इतना ज़रूर है,
काली मिर्च का उपयोग पूरे विश्व में किया जाता है
और सभी चिकित्सा पद्धतियों में भी इसे अपनाया जाता है.
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