पोषण विशेषज्ञ हमें आहार सम्बन्धी कई विरोधाभासी परामर्श देते रहे हैं.
ऐसा ही एक परामर्श पिछले 40 सालों से दिया जा रहा था कि घी, मक्खन मत खाओ नहीं तो कोलेस्ट्रॉल बढ़ जायेगी,
मोटे हो जाओगे और पता नहीं क्या क्या.
आईये खोलते हैं इन सब भ्रामक परामर्शों की पोल और जानते हैं;
क्या हैं, घी, मक्खन खाने के फायदे.
जब से बताया जाने लगा कि घी मक्खन नहीं खाना चाहिए,
तब से ही मोटापा, डायबिटीज, थाइरॉयड समस्या, ओस्टेओपोरोंसिस, दिल के रोग हमारी पीढ़ी (जनरेशन) के अभिन्न अंग बन गए हैं.
घी, मक्खन खाने के फायदे
घी, मक्खन को हानिकारक बताने वाले परामर्श सच्चाई से मीलों परे एवं तथ्यों से सर्वदा भिन्न रहे हैं.
1970 के दशक के यह शोध अब असत्य साबित हो गए हैं और, पूरे के पूरे नकारे भी जा चुके हैं.
आयुर्वेद में भी घी, मक्खन खाने के फायदे गिनाये गए हैं. हमारे बुज़ुर्ग भी घी मक्खन की महता बताते रहे हैं.
उनका हमेशा यह मत रहा है कि घी मखन खाने से शरीर में उर्जा बनी रहती है, जोड़ों मांसपेशियों में लचक रहती है और दीर्घायु मिलती है.
उनकी इस सलाह में दम भी है.
क्योंकि 30-40 साल पहले तक जोड़ों के दर्द, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसे रोग कम ही दिखते थे.
और मोटे आदमी को ढूँढना भी एक कठिन काम था.
1 ह्रदय रोग नहीं होते
पिछले कुछ दशकों के आधे अधूरे शोधों से हमारी ऐसी धारणा बनाई गयी कि मक्खन, घी का हर चम्मच सीधे हमारे ह्रदय में पहुँच कर कोलेस्ट्रॉल जमा कर देता है
और हमारी धमनिया सिकुड़ जाती हैं, ब्लॉक हो जाती हैं.
हमें बताया गया कि ह्रदय रोग का मुख्य कारण अधिक तेलयुक्त आहार का होना है
विशेषकर तृप्त वसा (Saturated fat) वाले आहार, जैसे घी, मक्खन, तेल इत्यादि.
भोजन में वसा को मोटापे का मुख्य कारण माना जाने लगा.
परिणामस्वरूप तेल घी का उपयोग एक खलनायक के रूप में स्थापित हो गया.
लेकिन अब शोधों ने यह साबित कर दिया है कि तृप्त वसा से कोई ह्रदय रोग नहीं होता.
2010 में जब इस प्रकार के शोधों का (जिसमें 347747 लोगों के अध्ययन किये गए थे) पुनरावलोकन किया गया तो पता चला कि
घी, तेल, चर्बी जैसी तृप्त वसा एवं ह्रदय रोग का आपस में कोई सम्बन्ध होता ही नहीं है. (देखिये 1)
2 डायबिटीज से बचाव
जब हम घी मक्खन युक्त आहार लेते हैं तो लम्बे समय तक हमें उर्जा मिलती रहती है.
ऐसा कार्बोहायड्रेट युक्त आहारों में नहीं होता.
जब भोजन का चयापचय धीरे धीरे और लम्बे समय तक होगा तो शरीर में शुगर भी अचानक नहीं बढ़ पायेगी.
याद कीजिये, जब आप मक्खन परांठे या ब्रेड बटर का नाश्ता लेते हैं तो लम्बे समय तक पेट भरा रहने का आभास मिलता रहता है.
ऐसा मीठे और कार्बोहाइड्रेट्स युक्त आहारों में नहीं होता.
यह आहार आपको एकदम से तृप्ति देंगे और जल्दी ही दोबारा भूख भी लग जायेगी.
हाल ही में हुए कई शोधों ने पाया है कि घी, मक्खन का उपयोग डायबिटीज से बचाव करने में लाभकारी है जबकि कार्बोहाइड्रेट्स और वनस्पति तेल हानिकारक रहते हैं.(देखिये 2)
3 मोटापे से बचाव
मोटापा घटाने के लिए भी पिछले 40 सालों से यही सलाह मिलती थी कि घी, मक्खन खाने से शरीर में चर्बी बढ़ जाती है.
शोधों नें पाया है कि ऐसा कुछ भी नहीं है.
घी मक्खन कभी भी सीधे शरीर की चर्बी में परिवर्तित नहीं होते.
आपका लिवर ही वसा को उर्जा में बदलता है और यह इतना ही होता है जितनी उर्जा की आपको आवश्यकता होती है.
मोटापे का मुख्य कारण घी तेल जैसी वसा का कम उपयोग ही है
जिस कारण हमारा लिवर प्रत्येक भोजन से कोलेस्ट्रॉल निकालकर अनावश्यक मोटापे को बढ़ावा देने लग जाता है;
तथा जैसे ही कभी कभार हम वसा युक्त खानपान करते हैं तो उसका मुख्य भाग भी वसा में तब्दील हो जाता है।
जब हम घी या मक्खन खाते हैं तो भोजन का मेटाबोलिज्म धीरे धीरे होता है,
और आपको लम्बे समय तक उर्जा मिलती रहती है.
इसके विपरीत कार्बोहाइड्रेट्स से प्राप्त उर्जा पहले शुगर में परिवर्तित होती है.
और यदि इसका पूरा उपयोग न हो पाये तो यह चर्बी में बदल जाती है.
इन्हीं शोधों से प्रेरित होकर डायटीशियन लोग आजकल मोटापा घटाने के लिए ketogenic diet की सलाह देते हैं
जिसमें घी, मखन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है और कार्बोहाइड्रेट्स कम दिए जाते हैं.
4 कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ती
हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का एक एहम योगदान होता है.
सच्चाई यह है कि कोलेस्ट्राल हमारे दिमाग़ और नरवस प्रणाली का एक अति महत्वपूर्ण एवं मुख्य आधार है,
जिसके बिना हम जिन्दा नहीं रह सकते.
शरीर की ज़रूरत के लिये कोलेस्ट्रॉल का निर्माण हमारा लिवर स्वयं करता है.
ऐसा कभी नहीं होता कि लिवर किसी कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार से कोलेस्ट्रॉल निकाल कर हमें दे.
सच्चाई ये भी है कि घी, मक्खन, तेल से युक्त भोजन हमारे शरीर में HDL ( अच्छी कोलेस्ट्रोल) को बढाने में सहायक होते है.
साथ ही यह सूक्ष्म VLDL (हानिकारक कोलेस्ट्रोल) को बड़ी LDL (जो कि हानिरहित है) में बदलने का काम भी करते है ( देखिये 3, 4).
साथ ही वसा युक्त आहार डायबिटीज, आर्थराइटिस, मोटापा, थाइरोइड इत्यादि रोगों से बचाने का काम भी करते हैं.(देखिये 5, 6, 7, 8).
कोलेस्ट्रॉल पर हुए शोधों के चलते, 2015 में, अमेरिका ने कोलेस्ट्रॉल को ह्रदय की सेहत पर प्रभाव डालने वाली लिस्ट में से हटा दिया है.
ये तब जाकर हुआ है जब दवा कम्पनियां अरबों खरबों की दवाईयां कोलेस्ट्रॉल कण्ट्रोल करने के नाम पर बेच चुकी हैं.
5 पेट की क्रियाशीलता बढ़ती है
प्रसिद्ध कथन है कि सब रोग पेट और मन से ही उत्पन्न होते हैं.
नीरोग रहने के लिए पेट का सही रहना बेहद ज़रूरी है.
और पेट की गतिशीलता बनाये रखने के लिए यदि घी, मक्खन खाने के फायदे की बात न हो तो नाइंसाफी होगी.
आज भी बच्चों और बुजुर्गों को कब्ज़ निवारण के लिए रात को एक दो चम्मच घी के दिए जाते हैं.
यह एक सौम्य योग है जो आँतों की गतिशीलता तो बढ़ता ही है साथ ही शुष्क आँतों को तरावट भी देता है.
आयुर्वेद में विरेचन कर्म (पेट की सफाई) के लिए घी का ही उपयोग किया जाता है जिसकी उपयोगिता को अब शोधों ने भी प्रमाणित कर दिया है. (देखिये 9)
सारशब्द
घी, मक्खन खाने से ह्रदय रोग, मोटापा, डायबिटीज जैसी समस्याएं नहीं होती.
घी, मक्खन युक्त आहार तंदुरुस्त रहने के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है. इनका उपयोग पेट की क्रियाशीलता के लिए भी लाभकारी रहता है.
अब जब आप घी, मक्खन खाने के फायदे जान गए हैं, इनका भरपूर उपयोग कीजिये और स्वास्थ्य लाभ लीजिये.
लेख का मुख्य चित्र साभार : Kourtney Kardashian, प्रसिद्ध मॉडल और अमेरिकन टीवी कलाकारा,
जो रोज़ घी का एक बड़ा चम्मच लेती हैं,
और घी खाने को अपनी सुडौल काया और सेहत का राज़ बताती हैं.