उद्यानों व घरों कि शोभा बढ़ाने वाले चम्पा (Plumeria) के पेड़ बड़े सुन्दर लगते है.
यह एक अति लाभकारी आयुर्वेदिक औषधि भी है.
आयुर्वेद में चंपा को ह्रदय, मस्तिष्क के लिए लाभकारी और सौन्दर्यवर्धक वनस्पति बताया है.
इसकी कई किस्में भी होती हैं जिन्हें नाग चम्पा, कनक चम्पा, सोन चम्पा इत्यादि नामों से जाना जाता है.
चंपा के 17 गुण, उपयोग
जानते हैं, क्या हैं इस अदभुत, मनभावन, प्रसन्नतादायक पेड़ के औषधीय गुण, उपयोग, लाभ और फायदे…
शीतल प्रकृति
1 चम्पा शीतल प्रकृति का और ह्रदय के लिए लाभकारी होता है.
इसे सूंघने से दिल और दिमाग शक्ति शाली बनता है.
2 चम्पा के फूलों को पीसकर शरीर में लेप करने से जलन में आराम मिलता है.
शक्तिवर्धक
3 शरीर की शक्ति को बढ़ाने के लिए चम्पा के फूलों का चूर्ण बना लें.
इसे शहद मिलाकर खाने से शरीर शक्तिशाली बन जाता है और वीर्य तथा ओज की वृद्धि होती है।
दर्द निवारक
4 हाथ-पैरों पर चम्पा के फूलों का तेल बनाकर मालिश करने से ऐंठन वाला दर्द ठीक हो जाता है।
5 चम्पा के फूलों को तिल के तेल में पीसकर सिर पर बांध लें और पलकों पर लेप करें।
इससे माथे, सिर और आंखों का दर्द दूर हो जाता है।
6 गठिया के रोगी को चम्पा के फूलों से बने हुए तिलतेल से मालिश करने से लाभ मिलता है।
पेट के लिए उत्तम
7. चम्पा के पत्तों का रस 10 मिलीलीटर लेकर 20 ग्राम शहद के साथ मिलालें.
इसका सुबह और शाम सेवन करने से पेट के दर्द में लाभ होता है।
8. चम्पा की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से दस्त आकर कब्ज की शिकायत मिट जाती है।
9. चम्पा के फूलों को पीसकर प्राप्त हुए रस को निकालकर लें.
इसकी 3 मिलीलीटर की मात्रा लेकर शहद के साथ चाटने से आंतों के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
10. चम्पा की छाल के 3 ग्राम चूर्ण को दिन में 2 बार पानी के साथ खाने से दूषित रक्त (खून की खराबी) साफ हो जाता है।
11. चम्पा के 20 मिलीलीटर ताजे पत्तों के रस को पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और पेट के दर्द में लाभ होता है।
12. चम्पा भूख को रोकता है. इसलिए इसका उपयोग वज़न कम करने के लिए भी किया जाता है.
13. चम्पा के फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से आमाशय का घाव एवं दर्द ठीक हो जाता है।
सौन्दर्यवर्धक एवं उत्तम रक्त शोधक
14. चम्पा के फूलों को पीसकर पानी या निम्बू के रस के साथ लगाने से चेहरा दाग धब्बे रहित और चमकदार हो जाता है.
15. दाद खाज या त्वचा के अन्य विकारों में चम्पा के फूलों को पीसकर लगाने से लाभ होता है।
16. चम्पा की जड़ की छाल को दही में पीसकर पिम्पल, फोड़ों पर लगाने से उनकी सूजन ठीक हो जाती है।
माहवारी उपयोगी
17. चम्पा की जड़ का चूर्ण 600 मिलीग्राम से 1.80 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम देने से रुकी हुई माहवारी जारी हो जाती है।