थायराइड समस्या thyroid ke lakshan ilaj

पुरुषों में थायराइड समस्या और कारगर घरेलू उपचार

थायराइड समस्या एक गंभीर समस्या है।

महिलाओं के साथ साथ शहरी पुरुष भी इस रोग से ग्रसित हो रहे हैं.

पुरूषों में थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है।

थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है।

इस रोग में काफी परेशानी होती है।

आयुर्वेद में थायराइड को बढ़ने से रोकने के बेहद सफल प्रयोग बताएं गए हैं।

थायराइड समस्या का रोग

थाइराइड ग्रंथि गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है।

ये तितली के आकार की होती है।

इसका कार्य विशेष प्रकार के होरमोंस का निर्माण करना है जो हमारी चयापचय क्रिया को नियंत्रित करते हैं.

थाइरोइड रोग में या तो ये कम बनते हैं या फिर सामान्य से अधिक.

इसी कारण इस रोग के दो प्रकार होते हैं:

  1. हाइपरथायराइडिज्म (Hyperthyroidism)और
  2. हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism)

हाइपरथायराइडिज्म में होर्मोंस का निस्सारण सामान्य से बहुत अधिक होता है

जबकि हाइपोथायराडिज्म में ये बहुत ही कम हो जाता है.

पुरूषों में थायराइड के सामान्य लक्षण (Thyroid Symptoms in men)

वैसे तो हाइपर थायराइडिज्म और हाइपो थायराडिज्म दोनों ही थायराइड रोग के प्रकार हैं।

लेकिन दोनों के लक्षण एक दूसरे से काफी अलग होते हैं।

कुछ लक्षण दोनों में पाए जाते हैं जो इस प्रकार से हैं:

  • पुरूषों में थायराइड की समस्या के कुछ लक्षणों में सबसे पहला लक्षण है अचानक से वजन का बढ़ना या फिर अचानक से वजन का कम होना।
  • दूसरा मुख्य लक्षण है जल्दी ही थकान का लगना।
  • तीसरा लक्षण गर्दन में दर्द या सूजन का होना।
  • चौथा लक्षण है भूख न लगना और पसीना अधिक आना आदि।

थाइराइड रोग के मुख्य कारण

  • बेवजह की दवाओं का सेवन करना और उनका प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से थाइराइड हो सकता है।
  • टोंसिल्स, सिर और थाइमस ग्रंथि की एक्स रे कराना भी थाइराइड का कारण बन सकता है।
  • अधिक तनाव या टेंशन लेने का असर थायराइड ग्रंथि पर पड़ता है। जिस वजह से हार्मोन निर्माण या तो बाधित होने लगता है या अत्यधिक बढ़ जाता है।
  • परिवार में किसी को पहले से ही थायराइड की समस्या हो तो यह भी एक मुख्य कारण बन सकता है।
  • अन्य लक्षण जैसे नींद अधिक आना, आंखों में सूजन होना, जोड़ों में दर्द बने रहना, आवाज का भारी होना और लगातार कब्ज बने रहना आदि।
  • थायराइड की वजह से हड्डियां सिकुडने लगती हैं और मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में खून की नियमित जांच करवानी चाहिए। अपने खाने में जितना हो सके हरी सब्जियों का सेवन करें।

हाइपो थायरायडिज्म के प्रमुख लक्षण

  • चेहरे का फूल जाना।
  • त्वचा का शुष्क होना।
  • डिप्रेशन।
  • वजन का अचानक बढ़ना।
  • थकान का आना।
  • शरीर में पसीने की कमी।
  • दिल की गति का कम होना।
  • अनियमित या अधिक माहवारी का होना।
  • कब्ज का बनना आदि।

हाइपर थायराइडिज्म के लक्षण

  • बालों का झड़ना।
  • हाथ में कंपन होना।
  • अधिक गर्मी व पसीना आना।
  • वजन का घटना।
  • खुजली व त्वचा का लाल होना।
  • दिल का धड़कनों का बढ़ना।
  • कमजोरी महसूस होना। आदि।

थायराइड समस्या के प्राचीन आयुवेर्दिक उपाय

अदरक

पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि अदरक में मौजूद गुण थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं।

अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।

दही और दूध का सेवन

थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए।

दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।

मुलेठी का सेवन

थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है

और वे जल्दी ही थक जाते हैं।

एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है।

मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं।

और थकान को उर्जा में बदल देते हैं।

मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।

गेहूं के ज्वारे

थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का सेवन कर सकते हो।

गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है।

इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

WheatGrass एक ऐसा ही सप्लीमेंट है जिसे नित्य लेने से thyroid समस्या सहित कई अन्य विकारों से भी राहत पाई जा सकती है.

साबुत अनाज

जौ, गेहूं, बाजरा और ज्वार आदि साबुत अनाज का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है

क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होता है

जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।

फलों और सब्जियों का सेवन

थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए।

फल और सब्जियों में एंटीआक्सिडेंटस होता है।

जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं देता है।

सब्जियों में टमाटर, हरी मिर्च आदि का सेवन करें।

आयोडीन का प्रयोग

हाल ही में हुए नए शोध में यह बात सामने आई है कि आयोडिन थायराइड ग्रंथी की कार्यप्रणाली को ठीक रखता है।

थायराइड एक गंभीर समस्या है सही समय पर पता चलने से इसका बचाव किया जा सकता है।

पुरूषों के पास समय का आभाव कम होता है लेकिन वे थायराइड के लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

द्वारा:
जयदेव योगाचार्य (थेरापिस्ट एवं आयुर्वेदाचार्य)

error: Content is protected !! Please contact us, if you need the free content for your website.
×

नमस्ते

चैट के लिए नीचे टच कीजिये। Click below to chat

× WhatsApp Us