जैसे सब्जिओं में आलू है; वैसे ही दलहन में चने का स्थान है. जी हाँ, यदि आप चना खाएंगे तो सेहत पाएंगे.
शायद ही कोई अन्य दलहन या अनाज होगा जिसका उपयोग चने (Bengal Gram या Chickpea) की भांति नाना प्रकार से किया जाता हो.
चने से बने पकवान, भारतीय पाकशास्त्र संस्कृति का अभिन्न अंग हैं,
फिर चाहे वे नमकीन हों, मिठाइयाँ हों, या फिर रसोई के अनगिनत व्यंजन.
चना सेहत के लिए भी अत्यंत लाभकारी दलहन है।
आयुर्वेद में उल्लेख है कि चना और चने की दाल दोनों के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है।
चना खाने से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है साथ ही अनेक रोगों का निवारण व चिकित्सा भी हो जाती है।
वैज्ञानिक शोध भी चने को उच्च कोटि का आहार मानते हैं.
आईये जानते हैं क्या हैं चना खाने के स्वास्थ्य लाभ, फायदे, गुण और उपयोग…
दुनिया भर के आहार विशेषज्ञ चना खाने की सलाह देते हैं
वे इसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स का भण्डार बताते हैं।
चने के पोषण तथ्य
मात्रा प्रति 100 g |
कैलोरी (kcal) 364 |
कुल वसा 6 g |
संतृप्त वसा 0.6 g |
बहुअसंतृप्त वसा 2.7 g |
मोनोअसंतृप्त वसा 1.4 g |
कोलेस्टेरॉल 0 mg |
सोडियम 24 mg |
पोटैशियम 875 mg |
कुल कार्बोहायड्रेट 61 g |
आहारीय रेशा 17 g |
शक्कर 11 g |
प्रोटीन 19 g |
विटामिन ए | 67 IU | विटामिन सी | 4 mg |
कैल्सियम | 105 mg | आयरन | 6.2 mg |
विटामिन डी | 0 IU | विटामिन बी6 | 0.5 mg |
विटामिन बी१२ | 0 µg | मैग्नेशियम | 115 mg |
- अंकुरित चना – बेहद पोषक आहार
बलवर्धक चना
1 चने के बेसन का हलवा नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
यह हलवा पुष्टिकारक होता है और वात से होने वाले रोगों व अस्थमा में फायदेमंद होता है।
2 अंकुरित देसी काले चने लेकर उनमें स्वादानुसार त्रिफला चूर्ण, तुलसी के पत्ते, कालीमिर्च, अदरक, सेंधा नमक मिला लें।
सुबह नाश्ते के रूप में इन्हे खाएं तो यह रसायन का काम करता है.
बल एवं बुद्धि दोनों को बढाता है।
3 चीनी के बर्तन में रात को चने भिगोकर रख दे। सुबह उठकर खूब चबा-चबाकर खाएं.
इसके लगातार सेवन करने से वीर्य बढ़ता है.
पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
4 भीगे हुए चने खाकर दूध पीते रहने से वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है।
5 दस ग्राम चने की भीगी दाल और 10 ग्राम शक्कर दोनों मिलाकर 40 दिनों तक खाने से धातु पुष्ट हो जाती है।
6 चने को पानी में भिगो दें उसके बाद चना निकालकर पानी को पी जाएं।
इसे शहद मिलाकर पीने से किन्हीं भी कारणों से उत्पन्न नपुंसकता समाप्त हो जाती है।
शारीरिक सुडौलता
7 चने के नियमित सेवन से सुंदरता बढ़ती है साथ ही मस्तिष्क भी तेज हो जाता है।
8 मोटापा घटाने के लिए 30 दिन तक चने के छिलके खाएं, अप्रत्याशित लाभ मिलेगा
9 प्रतिदिन नाश्ते में चना लेने से भी मोटापा कम करने में सहायता मिलती है.
10 चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है।
चने खाने से रक्त साफ होता है जिससे त्वचा निखरती है।
11 चना दाल के बेसन को हल्दी, दही व सरसों तेल मिला कर उबटन बनायें.
इस उबटन को लगाने से त्वचा निखर जाती है व कील मुहांसे नहीं होते.
रोगनाशक चना
12 काले चने रात में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज में लाभ मिलता है। यदि जौ चने की समान मात्रा में रोटी दोनों समय खाई जाए तो मधुमेह ( Diabetes) में फायदा होगा।
13 यदि उच्च रक्त चाप (High BP) की समस्या ज्यादा परेशान कर रही हो तो चने के उपयोग से लाभ मिलता है.
14 पीलिया में चने की दाल लगभग 100 ग्राम को दो गिलास जल में भिगोकर रख लें.
दो घंटे बाद दाल पानी में से निकालकर 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4-5 दिन तक खाएं राहत मिलेगी।
15 रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाती है।
16 अंकुरित चना 3 साल तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है।
17 गर्भवती को उल्टी हो तो भुने हुए चने व जौ के सत्तू पिलाएं।
18 रात को चने की दाल भिगों दें सुबह पीसकर चीनी व पानी मिलाकर पीएं। इससे मानसिक तनाव व उन्माद की स्थिति में राहत मिलती है।
19 चने की 50 ग्राम मात्रा उबालकर मसल लें जिससे यह शोरबा (Soup) बन जाये।
इसे एक महीने तक सेवन करने से जलोदर रोग दूर होता है।
20 चने के बेसन की नमक रहित रोटी 40 से 60 दिनों तक खाने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होती है।
जुकाम नज़ला में लाभकारी
21 गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।
22 जुकाम से बंद नाक के लिये भुना चना खाएं. नाक तुरंत खुल जाएगी.
23 रात में सोते समय भुने हुए चने चबाकर फिर गर्म दूध पीने से सांस रोग व कफ दूर हो जाता हैं।
मूत्र रोग
24 बार-बार पेशाब जाने की बीमारी में भुने हूए चनों का सेवन करना चाहिए।
25 गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्या में राहत मिलती है।
चना खाएंगे तो सेहत पाएंगे
चने के लाभ व औषधीय गुण पाने के लिये इसे कई प्रकार से उपयोग किया जा सकता है.
अंकुरित चना (चने के sprouts) सर्वाधिक गुणकारी होते हैं.
भुना चना (कभी कभी गुड के साथ), चने का पानी अथवा सूप, चने की दाल, चने के बेसन से बने विभिन्न पकवान; सभी लाभकारी होते हैं.
उबटन के रूप में बेसन का उपयोग त्वचा के निखार के लिये भी किया जाता है.
सारशब्द
चना एक उत्तम पोषक आहार है.
चने के सेवन से कई रोगों से बचा जा सकता है व सेहतमंद काया पायी जा सकती है.
इसके कई रूप हैं जिनसे कई व्यंजन बनाये जाते हैं.
चने के व्यंजनों को अपनी नित्य आहार शैली में अपना कर विपुल स्वास्थ्य लाभ लिये जा सकते हैं.
बहुत सटीक जानकारी दी है आपने, धन्यवाद
Mujhe besan khane se gas banti hai, mujhe kya karna chahiye
आयुर्वेद में चने के कई उपयोग बताए गए हैं । इसे बल्य, रसायन बताया गया है । आपका लेख सराहनीय है और ज्ञानवर्धक भी ।
Good information. Thank you.