विटामिन B12 शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी विटामिन है. लेकिन, भारतीयों में विटामिन B12 की कमी एक प्रमुख व्यापक समस्या है.
यह अधिकतर भारतीयों में कम मात्रा में पाया जाता है जिसका मूल कारण शाकाहार है।
आहार के अतिरिक्त, B12 की कमी, कुछ आधुनिक चिकित्सा दवाओं के कारण भी हो जाया करती हैं.
हालांकि B12 कमी को दूर किया जा सकता है.
लेकिन इसकी कमी के कारण यदि नर्वस तंत्र में कोई नुकसान हो गया हो, तो वह आजीवन सहना पड़ सकता है.
क्यों है विटामिन B12 इतना ज़रूरी
विटामिन B12 का वैज्ञानिक नाम Cobalamin है। यह इकलौता ऐसा विटामिन है जिसमे Cobalt धातु पायी जाती है।
Cobalamin शरीर की संतुलित कार्य प्रणाली के लिए बेहद आवश्यक विटामिन है।
सभी विटामिन्स में यह एक ऐसा विटामिन है जिसकी संरचना सबसे विशाल और जटिल है, हालाँकि शरीर को इसकी बहुत ही कम मात्रा की ज़रूरत होती है.
B12 इतना ज़रूरी विटामिन है कि इसकी कमी से कई गंभीर रोग पैदा हो सकते हैं.
यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओ (Red Blood cells) के निर्माण हेतु जरुरी होता है। कमी के कारण शरीर में रक्त की कमी (Anaemia) हो सकती है।
B12 शरीर के नाड़ी तंत्र (Nervous System) को स्वस्थ बनाये रखता है। इसकी कमी के कारण मस्तिष्क आघात (Brain damage) भी हो सकता है।
इस की कमी के कारण शरीर में Folic acid का अवशोषण नहीं हो पाता है।
विटामिन B12 की कमी से ह्रदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
इसकी कमी से कैंसर और Alzheimer’s जैसे रोगों का खतरा भी बना ही रहता है।
B12 शरीर में उर्जा का संचार करता है, और बुढापे के आगमन को विलंबित करता है।
विटामिन B12 शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढाता है और साथ ही तनाव से निपटने में मदद भी करता हैं। इसीलिए B12 को ” Anti-Stress Vitamin ” भी कहा जाता है।
हमारी कई महत्वपूर्ण क्रियाओं के लिये विटामिन B12 चाहिए होता है. यह DNA बनाने में भी सहायता करता है.
विटामिन बी12 की कमी स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं को कम कर सकती है, जिससे एनीमिया जैसे विकार हो जाते हैं और हमारा तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो सकता है.
विटामिन B12 की कमी – एक बड़ा कारण
यह एक ऐसा विटामिन है जिसे आपका शरीर स्वयं नहीं बनाता, इसलिए आपको इसे आहार से ही प्राप्त करना होता है.
B12 का मुख्य स्रोत मांसाहार है. जिसमें दूध और दूध के उत्पाद भी शामिल माने जाते हैं.
लेकिन क्योंकि भारतीय आहारशैली मुख्यतः शाकाहार पर निर्भर है, इस कारण भारतियों में B12 की कमी भी अधिक पायी जाती है.
2014 में हुए एक अध्ययन के अनुसार लगभग 16.3% उत्तर भारतीय इससे ग्रसित पाए गये हैं. (देखिये लेख)
एक अन्य लघु सर्वेक्षण शोध ने पुणे के आसपास के 10 में से 8 भारतीयों को B12 की कमी से जूझते पाया. (देखिये शोध पत्र)
विशेषज्ञ मानते हैं कि B12 की कमी का सम्बन्ध विटामिन D3 से भी जोड़ा जा सकता है, क्योकि जब B12 की कमी रहती है तो D3 भी कम मात्रा में अवशोषित होता है.
विटामिन B12 की कमी के अन्य कारण
डायबिटीज की आधुनिक दवाएं जैसे कि Metformin, विटामिन B12 की कमी का एक बड़ा कारण बनी हैं. यदि आप इस दवा का सेवन कर रहे हैं तो आपको अपने B12 पर भी गहरा ध्यान देने की ज़रूरत है.
यदि आप अम्लपित्त (Acidity) से पीड़ित रहते है और उसके लिए PPI दवा लेते हैं. तो आप में B12 की कमी की सम्भावना अधिक है.
Pantoprazole, Omeprazole इत्यादि एसिडिटी की दवाओं को PPI (Proton Pump Inhibitor) कहा जाता है.
जो व्यक्ति केवल शाकाहार लेते हैं लेकिन कम मात्रा में दुग्ध पदार्थ लेते हैं।
यदि पाचन शक्ति कमजोर है या IBS संग्रहणी जैसे पेट के रोग से पीड़ित हैं, तो भी B12 की कमी हो जाया करती है।
यदि पेट में घाव या ulcer हैं, तो भी विटामिन B12 की कमी हो जाती है।
किसी वजह से यदि operation कर आमाशय या छोटी आंत का कुछ हिस्सा निकाला गया हो तो भी विटामिन B12 की कमी पनप जाती है।
परनीशिअस अनेमिया (Pernicious Anemia)
इस रोग में शरीर B12 को सही ढंग से अवशोषित नहीं कर पाता जिसकी वजह से रक्त में लाल कोशिकाओं की कमी (Anemia) हो जाती है.
हमारे शरीर में Intrinsic Factor नामक प्रोटीन, विटामिन B12 के अवशोषण के लिए जरुरी होता है।
जब इस प्रोटीन की कमी होती है तो विटामिन B12 का भी शरीर में अवशोषण नहीं हो पाता है. और परिणामतः, विटामिन B12 की कमी हो जाती है।
Intrinsic Factor की कमी से उत्पन्न B12 की कमी को परनीशिअस अनेमिया कहा जाता है.
यह भी एक ऐसा मुख्य रोग है जिसे विटामिन B12 की कमी से जोड़ा जाता है, हालांकि इसके लिए अकेले B12 को दोषी नहीं माना जा सकता.
विटामिन B12 की कमी के लक्षण
विटामिन B12 की कमी के निम्नलिखित लक्षण हैं :
मुंह में छाले आते रहना
कमजोरी, जल्दी थक जाना
आलस
रक्त की कमी
कमजोर पाचन शक्ति
सिरदर्द होते रहना
भूख की कमी
हाथ-पैरों में झुनझुनी होना
कान में आवाज आना / घंटी बजना या बधिरता
त्वचा में पीलापन
अचानक सांस फूलना, धड़कन तेज होना
स्मृति (याददाश्त) कम होना, भूलने की प्रवृति
आँखों में कमजोरी
अवसाद, चिडचिडापन, भ्रम
अनियमित मासिक धर्म
रोग अवरोधक शक्ति में कमी
विटामिन B12 की कमी की जांच
विटामिन B12 की कमी का निदान करने के लिए निम्नलिखित परिक्षण / जांच किये जाते हैं :
Serum विटामिन B12 Test
यह एक प्रकार की रक्त जांच है जिसमे रक्त में लाल कोशिकाओं का गणमान और विटामिन B12 की मात्रा का पता चलता है।
Bone marrow biopsy
इस परिक्षण में अस्थि मज्जा का परीक्षण किया जाता हैं और विटामिन B12 की मात्रा पता लगाई जाती है।
Antibody Test
इस परिक्षण में intrinsic factor के antibodies की जांच की जाती है जिससे फिर Pernicious Anaemia का निदान किया जाता है।
Schilling Test
इस जांच में शरीर में radio-active B12 देकर intrinsic factor की जांच की जाती है।
यह जांच तभी की जाती है जब B12 देने पर भी रक्त में लाल कोशिकाएं न बढ़ती हों.
विटामिन B12 की कमी का इलाज
इसके इलाज उपचार में बी 12 के शॉट्स अथवा इंजेक्शन्स, या सप्लिमेंट की सलाह दी जाती है.
विशेष आहारीय परिवर्तन भी सुझाये जा सकते हैं.
इंजेक्शन
विटामिन B12 की कमी को करने के लिए Hydroxycobalamin, Cynocobalamin या Methylcobalamin के इंजेक्शन दिये जाते हैं।
इनमें से पहले दो कृत्रिम रसायन हैं जबकि Methylcobalamin प्राकृतिक विकल्प है. Methylcobalamin महंगा भी होता है.
रोगी में B12 की कमी अनुसार यह इंजेक्शन एक या दो दिन छोड़कर एक महीने तक दिये जा सकते हैं।
जरुरत पड़ने पर 3 महीने बाद बूस्टर डोज दिया जाता है।
समय-समय पर रोगी की रक्त जांच की जाती है और इंजेक्शन का कोर्स बढाया या घटाया जा सकता है।
विटामिन सप्लीमेंटस
B12 की कमी बेहद ज्यादा न होने पर डॉक्टर आपको विटामिन B12 के supplements की गोलियां (Tablets) सुझा सकते हैं।
आहार
इंजेक्शन और दवा के अतिरिक्त आहार में B12 युक्त आहार का समावेश करने की भी सलाह दी जाती है.
जैसे कि शाकाहारी होने पर कम से कम एक लीटर दूध रोज़, या दूध के उत्पाद जैसे दही, पनीर इत्यादि.
मांसाहारी होने पर सप्ताह में कम से कम दो बार मांसाहार जिसमें कलेजी, गुर्दे इत्यादि का समावेश हो.
सारशब्द
विटामिन B12 की कमी कई गंभीर रोगों को जन्म दे सकती है.
यदि आप में इसके लक्षण हैं तो तुरंत उपचार करना ही समझदारी है.
बेशक, B12 की कमी एक बड़ी समस्या है, लेकिन समय रहते इसका निदान करने पर पूर्ण स्वस्थ रहा जा सकता है.