आहारीय फाइबर - अहमियत, किस्में और 6 लाभ Fiber ke gun labh fayde

आहारीय फाइबर की अहमियत और 6 प्रमाणित स्वास्थ्य लाभ

प्राय: हम आहारीय फाइबर (Dietary fibre) के बारे में पढ़ते सुनते रहते हैं. हमें बताया जाता है कि आहारीय फाइबर शरीर की क्रियाओं और स्वास्थ्य के लिये आवश्यक होता है.

अमेरिकन डाइटेटिक एसोसिएशन (American Dietetic Association) के अनुसार,  किसी भी आहार में फाइबर्स जटिल प्रकार के कार्बोहाइड्रेट (Complex carbohydrates) होते हैं, जिन्हें हमारा पाचन तंत्र बिलकुल भी पचा नहीं पाता.

आईये, जानते हैं क्या होता है फाइबर, इसके गुणों, किस्मों और अहमियत के बारे में.

आहारीय फाइबर – क्यों ज़रूरी है

एक वाजिब प्रश्न उठता है.

जब फाइबर को  हम पचा कर उपयोग ही नहीं कर पाते, तो फिर इसकी हमारे स्वास्थ्य में क्या अहमियत हो सकती है.

वास्तव में, चाहे हम फाइबर को पचा नहीं पाते हैं लेकिन आहारीय फाइबर के दोनों प्रकार हमारे अस्तित्व के लिये इतने आवश्यक हैं कि इनके बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती.

सर्वप्रथम, खाए हुए भोजन को छोटी आंत के अंत तक धकेलने का काम फाइबर ही करता है.

जब खाया हुआ फाइबर छोटी आंत से बड़ी आंत में पहुँचता है तो इसका कुछ हिस्सा वहां पर उपस्थित एक विशेष प्रकार के बैक्टीरिया का भोजन बन जाता है.

ये जानना भी दिलचस्प होगा कि हमारी बड़ी आंत में बैक्टीरिया का अनंत भंडार रहता है

जिनकी संख्या लगभग 3 लाख करोड़ (यानि 3 के साथ 12 शून्य) होती है.

बैक्टीरिया द्वारा खाए गए फाइबर से – जिसे खमीरीकरण (Fermentation) कहते हैं – कई उत्पाद जैसे छोटी चेन के फेटि एसिड्स, गैस इत्यादि बनते हैं.

ये क्रिया वैसे ही है जैसे दूध का दही बनना या गुंथे हुए आटे का खमीर बनना.

आहारीय फाइबर – किस्में और लाभ

ये मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं,

घुलनशील व अघुलनशील.

इन दोनों को कुल आठ किस्मों में बांटा गया है.

घुलनशील फाइबर

ये दालों, फलों व अन्य कई आहारों में मिलता है.

 हमें भर पेट होने का एहसास यही फाइबर दिलाता है.

अघुलनशील फाइबर

ये हमारे पाचन तंत्र की सही कार्यशैली में सहायक होता है.

इसके बिना कब्ज़, गैस व अपचन जैसी विकृतियाँ हमें घेर लेती हैं.

ये मल को भार प्रदान करता है.

 इस प्रकार का फाइबर हमें अनाज, सब्जिओं व ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, पिस्ता, अखरोट, काजू, इत्यादि में मिलता है.

नीचे की तालिका में कुछ मुख्य फाइबरस के स्रोत व लाभ दिए गए हैं, जिसे एक सेहतमंद जीवन के लिये अपनाया जा सकता है

 
फाइबर की किस्म घुलनशील या अघुलनशील स्रोत स्वास्थ्य लाभ
सेल्युलोज व अर्ध सेल्युलोज अघुलनशील हर प्रकार के नट्स, अनाज, बीज के छिलके जैसे गेहूं चना चावल इत्यादि की चोकर प्राकृतिक मलवाही होता है. कब्ज़ निवारक है व वज़न को बढ़ने नहीं देता.
इन्युलिन ओलिगोफ्रक्टोज

(Inulin oligofructose)

घुलनशील प्याज़, चुकंदर, खजूर, गन्ने का शीरा आंत में अच्छे बैक्टीरिया का पालक, इम्यून तंत्र के लिये लाभकारी
लिग्निन (Lignin) अघुलनशील अलसी, कुछ सब्जियां, राई इत्यादि ह्रदय के लिये लाभकारी.
म्युसिलेज, बीटा-ग्लुकन (Mucilage, beta-glucans) घुलनशील कई प्रकार की चोकर, ओट्स, जौ, मटर, अलसी, सोयाबीन, केले, संतरे, सेव, गाजर इत्यादि. कोलेस्ट्रॉल घटाता है. दिल के रोगों व डायबिटीज में उपयोगी.
पेक्टिन व गोंद (Pectin & gums) घुलनशील (कुछ पेक्टिन अघुलनशील भी होते हैं) फल, बेरी, बीज, संतरे का छिलका आंतो में भोजन की गतिशीलता घटाता है. कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है
सिल्लियम (Psyllium) घुलनशील इसबगोल कोलेस्ट्रॉल कम करता है, कब्ज़ निवारक है.
अवरोधी स्टार्च (Resistant starch) घुलनशील कच्चे केले, कच्चे फल, ओट, दालें भरपेट होने की अनुभूति दिलाता है. रक्त शुगर व मोटापा नियंत्रण में उपयोगी.
गेहूं डेक्सट्रिन (Wheat dextrin) घुलनशील गेहूं व अन्य कुछ अनाज. कोलेस्ट्रॉल घटाने में सहायक, ह्रदय रोग व डायबिटीज में लाभकारी.

आहारीय फाइबर के स्वास्थ्य लाभ

ऊपर बताई गयी खमीरीकरण की क्रिया व फलस्वरूप बने उत्पादों से, फाइबर द्वारा हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं.

1 कब्ज़, एसिडिटी से निजात

आहारीय फाइबर विशेषकर अघुलनशील, हमारी आंतो को गति प्रदान करता है.

ये खाए गए भोजन की बेहतर व सुचारू ढंग से परिवहन करता है.

जिससे हम कब्ज़ ब एसिडिटी इत्यादि रोगों से बचे रहते हैं.

इस क्रिया को और अधिक बल मिलता है जब हम पानी का भी बराबर खुला सेवन करें.

क्योकि फाइबर में पानी को सोखने की अदभुत क्षमता रहती है.

आपने इसबगोल या कतीरा गोंद को देखा ही होगा कि कैसे उनका एक चम्मच आधे से अधिक गिलास पानी को सोख लेता है.

2 बवासीर व गुदा के कैंसर की रोकथाम

बड़ी आंत में खमीरीकरण की क्रिया से उत्पन्न छोटे चेन के फैटी एसिड हमारे गुदा की कोशिकाओं के लिये उर्जा का स्रोत बनते हैं

जो हमें बवासीर और आंत, गुदा के कैंसर इत्यादि रोगों से बचा कर रखते हैं.

3 उत्तम पाचन तंत्र के लिये

फाइबर से आंतो की गतिशीलता बढ़ती है, जिससे भोजन खाने से मलत्याग तक की क्रियाये एक निश्चित समय में पूर्ण हो जाती है.

कोई अवरोध नहीं रहता.

फलस्वरूप, फाइबर हमें पेट के अधिकतर रोगों से बचा सकता है.

4 डायबिटीज में लाभकारी

घुलनशील फाइबर कार्बोहाइड्रेट्स के विघटन को धीमा करते हैं जिस कारण भोजन के बाद शुगर लेवल एकदम अचानक नहीं बढ़ती.

यदि आप डायबिटीज से ग्रस्त हैं तो ध्यान रखिये कि आप फाइबर का अधिक उपभोग करें.

5 कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण

शोधों से सिद्ध हो चुका है कि फाइबर कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है.

चावल, गेहूं, ओटस व कई अन्य अनाजों की चोकर (छिलका) व पेक्टिन इत्यादि किस्म के फाइबर, कुल कोलेस्ट्रॉल (Total cholesterol) व घटिया कोलेस्ट्रॉल (VLDL व LDL अथवा bad cholesterol) से बढ़ने से रोकते हैं.

ये भी सामने आया है कि इस प्रकार के फाइबर ह्रदय रोगों में भी लाभकारी होते हैं.

6 अन्य लाभ

फाइबर के कारण ही हम भोजन की तृप्ति भी अनुभव करते हैं.

इसलिए उच्च फाइबर युक्त आहार हमें मोटा होने से भी बचाते हैं.

कितना फाइबर चाहिए

National Academy of Sciences Institute of Medicine के  अनुसार पुरुषों व महिलाओं की दैनिक फाइबर आवश्यकता भिन्न होती है, जो आयु बढ़ने के साथ साथ बदलती भी रहती है.

ये 50 वर्ष से कम व्यस्क महिलाओं  के लिये 25 ग्राम तथा पुरुषों के लिये 38 ग्राम रहती है जो 51 वर्ष बाद क्रमशः 21 व 30 रह जाती है. (1)

फाइबर के सप्लीमेंट्स

यदि आपके खानपान अनिश्चित हैं या आप डायबिटीज, IBS संग्रहणी, मोटापे, कब्ज़, बवासीर इत्यादि से ग्रस्त हैं, तो फाइबर लेना बेहद ज़रूरी हो जाता है.

आहार में फाइबर की अहमियत को समझते हुए इसके सप्लीमेंट्स लेना एक बेहतर विकल्प भी है.

हमारा उत्पाद पी बी एफ (PBF) एक बेहतरीन प्रीबायोटिक फाइबर है जिसका उपयोग कर कईयों ने लाभ पाया है.

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शब्द्सार

निरोग रहने के लिये, आहारीय फाइबर हमारे भोजन का अहम हिस्सा होना चाहिए.

फाइबर पाने के लिये हमें हर प्रकार के आहर जैसे अनाज, फल, दालें, सब्जीयां यथारूप में लेनी चाहिए.

यदि आपके आहार में फाइबर की कमी है या फिर यदि कब्ज़, डायबिटीज जैसे रोग हों..

तो फाइबर के सप्लीमेंट्स ज़रूर लेने चाहिये.

प्रोसेस्ड आहार जैसे कि मैदा, मैग्गी, पैकेज्ड जूस इत्यादि में फाइबर नहीं के बराबर होता है.





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