बढ़ती आयु में कैल्शियम की कोई भी दवा या सप्लीमेंट शरीर मे जल्दी नही घुलती, लेकिन चूना तुरन्त घुल व पच जाता है.
यह शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने का एक सस्ता, सुलभ उपाय है.
चूना कई बीमारीयों और कमजोरियों को ठीक कर देता है; विशेषकर तब, जब आयु 50 से अधिक हो गयी हो.
आईये जानते हैं, क्या हैं चूना उपयोग करने के लाभ.
चूना तैयार करने की विधि
चूने का लगभग 50 ग्राम का एक टुकडा छोटे से मिट्टी के बर्तन मे डालकर लगभग दो लीटर पानी से भर दें.
दो तीन घंटे में चूना गल जायेगा. इस क्रिया में अत्यधिक ऊष्मा (गर्मी) पैदा होती है, इसलिए कभी भी प्लास्टिक के बर्तन का उपयोग न करें, और न ही इसे हाथ लगाएं.
क्रियाशीलता के बाद अनघुले चूना के कण नीचे बैठ जायेंगे और गुले हुए चूने वाला पानी ऊपर होगा जो बिलकुल पारदर्शी होगा.
इसी पारदर्शी पानी का एक चम्मच किसी भी खाने की वस्तु के साथ लेना है.
अकेले कभी नहीं.
तीन चार दिन बाद चूने का वह भाग जो नीचे बैठ गया है, उसे भी उपयोग किया जा सकता है.
इसे या तो सीधे ही या फिर किसी अन्य खाद्यान के साथ लिया जा सकता है.
गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिला के खाईये, दाल नही है तो पानी में मिला के पीजिये; सब प्रयोग उचित हैं.
चूने 12 उपयोगी नुस्खे
1 पीलिया (jaundice) की स्थिति में गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक हो जाता है.
2 बिद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत अच्छा है क्योंकि शरीर लम्बाई बढ़ने के वर्षों में कैल्शियम अधिक चाहिए होता है.
इसका उपयोग लम्बाई बढाता है.
3 यह नपुंसकता की एक सस्ती व अच्छी दवा है.
यदि किसी के शुक्राणु नही बनता उसे अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे; और जिन माताओं बहनों के शरीर में अन्डे नही बनते उनके लिये भी बहुत अच्छी दवा है.
4 जिन बच्चों की बुद्धि कम काम करती है उन मतिमंद बच्चों के लिये सबसे अच्छी दवा है चूना.
जो बच्चे बुद्धि में क्षीण है, जिनके दिमाग देर में काम करते है, देर में सोचते है; उनको चूना खिलाईये; अच्छे हो जायेंगे.
इससे स्मरण शक्ति भी बहुत बढ़ती है.
5 बहनों को अपने मासिक धर्म के समय अगर कुछ भी तकलीफ होती हो तो उसका अच्छी दवा है चूना. उन्हें भी चुना खाने पर लाभ मिलेगा.
6 वे माताएं जिनकी उम्र पचास वर्ष हो गयी हो, जिनका मासिक धर्म बंद हो गया हो, चूना उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस व बुढ़ापे के अन्य रोगों जैसे आर्थराइटिस से बचा सकता है.
7 गर्भावस्था में इसे रोज खाना चाहिए क्योंकि गर्भवती माँ को केल्शियम की अत्यधिक जरुरत होती है.
गर्भवती माँ को किसी फल के रस में या भोजन के साथ चूना नित्य लेना चाहिए.
कैल्शियम की भरपाई करता है चूना
8 यह घुटने का दर्द ठीक करता है , कमर का दर्द ठीक करता है, कंधे का दर्द ठीक करता है;
विशेषकर तब यदि ये रोग कैल्शियम की कमी से हों.
9 Spondylitis एक खतरनाक बीमारी है.
इसमें हमारे रीढ़की हड्डी में जो मनके होते है उसमे घिसाव के कारण दूरी बढ़ जाती है Gap आ जाता है.
इन सब में चूना ही उपयोगी रहता है.
10अन्य हड्डियों के विकार में चूना अत्यधिक लाभ कारी होता है.
ऐसे रोगों में इसे सुबह को खाली पेट पानी में मिलाकर.
11 मुंह में अगर छाले हो गए है तो चूने का पानी पीजिये, तुरन्त ठीक हो जाते है.
12 घुटने में घिसाव आ गया हो और डॉक्टर कहे के घुटना बदल दो तो भी जरुरत नही.
चूना खाते रहिये और हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीजिये, घुटने बहुत अच्छे काम करेंगे.
सारशब्द
प्रकृति ने हमें कई सुलभ व सस्ते उपाय उपलब्ध किये हुए हैं, जिनमें से चूना भी एक है.
यदि आप इसका नियमित उपयोग करते हैं तो कई रोगों से बचा जा सकता है.