गाय को गोमाता कहने के पीछे कई कारण हैं. इसके घी में अदभुत गुण रहते हैं जो रोग निवारक भी हैं और पौष्टिकता भी देते हैं. जानिये, देशी गाय के घी के 21 गुण उपयोग जो लोकज्ञान परम्पराओं (folklore) पर आधारित हैं.
आयुर्वेद में गाय के घी को रुचिकारक, आरोग्यवर्धक, स्निग्ध और रसायन बताया गया है.
देशी गाय के घी के 21 गुण उपयोग
वैसे तो सभी देशी घी लाभकारी होते हैं.
लेकिन गाय का घी बेहतर माना गया है.
क्योंकि देशी गाय की नस्ल में दूध बढ़ाने के लिए कोई अनुवांशिक बदलाव नहीं किये गए होते हैं,
इसलिए देशी गाय का घी ही सर्वोत्तम होता है.
साथ ही देशी गाय अधिकतर चारा ही खाती हैं (grass fed) न कि उन्हें कोई दूध बढ़ाने वाली कोई विशेष खुराक दी जाती है.
इनके दूध में घी की मात्रा भी अधिक मिलती है, साथ ही घी का रंग भी सुनहरा और सुगन्धित होता है.
देशी गाय के घी के 21 गुण उपयोग लोकप्रचलित मान्यताओं से लिए गए हैं जिन्हें गाँव देहातों में सदियों से उपयोग किया जाता है.
आप भी इन्हें अपनाईये और स्वास्थ्य लाभ लीजिये.
शक्तिवर्धक योग
1 गाय का घी, छिलका सहित भुना-पिसा काला चना और शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बना लें।
प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से
महिलाओं को कमजोरी और प्रदररोग में आराम मिलता है, जबकि पुरुषों का शरीर सुडौल और बलवान बनता है।
2 गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है. शारीरिक और मानसिक ताकत में भी वृद्धि होती है.
3 यदि अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
तुरंत उर्जावान महसूस करेंगे.
रोग निवारक
4 हिचकी के न रुकने पर काली गाय का आधा चम्मच घी खायें, हिचकी रुक जाएगी।
5 घी (20-25 ग्राम) और मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है।
6 गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
7 देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है।
8 इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है
बल्कि, इस बीमारी के फैलने से भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।
9 यदि हार्ट अटैक की तकलीफ है
और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
10 सांप, बिच्छू के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें
उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें
जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन विष कम हो जायेगा।
11 जलने से बने फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
12 गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत ठीक हो जाती है।
मालिश में उपयोगी
12 हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम मिलता है।
गाय के घी से तलवो में मालिश करने से शरीर की खुश्की भी कम होती है।
13 गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
यह बच्चो के बलगम को बाहर निकालने मे सहायक होता है।
14 गाय के पुराने घी से घुटनों की मालिश करने से घुटनों के दर्द में लाभ मिलता है.
दर्द निवारण के इस योग की मालिश के लिए घी में पहले अजवायन, निर्गुन्डी या लहसुन जैसी वनस्पतियाँ भी मिलायी पकाई जा सकती हैं.
नस्य उपयोग
घी की नस्य का मतलब है सबसे छोटी ऊँगली के अग्रभाग में घी लगाकर ऊँगली को नाक में डालकर हलके से अंदर सांस लेना,
ताकि घी नाक के अंदर चला जाये.
15 गाय का घी नाक में डालने अथवा नस्य लेने से एलर्जी में राहत मिलती है।
16 नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाताहै।
17 गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
18 गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
बाल झड़ने केअन्य समाधान इस लेख में देखें.
19 गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
20 गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
21 गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
सारशब्द
गाय का घी खाने या इसे अन्य तरीकों से उपयोग करने के कई फायदे लाभ है, जो हमारे जीवन को रोगमुक्त रख सकते है.
घी का आहार में उपयोग कीजिये,
इससे मालिश कीजिये,
नस्य लीजिये;
सभी उपयोग लाभकारी ही होते हैं.