थायरॉयड रोग को साइलेंट किलर माना जाता है – क्योंकि इस बीमारी के लक्षण बहुत धीरे-धीरे पता चलते हैं।
असंतुलित थायरॉयड के ये सफल उपाय आपको इस रोग से बचाने में मदद कर सकते हैं.
थायरॉयड हमारे शरीर में पाई जाने वाली अन्तःस्रावी ग्रन्थियों (एंडोक्राइन ग्लैंडस) में से एक है।
गले में तितली जैसे आकार वाली यह ग्लैंड थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाती है
जो शरीर की ऊर्जा खर्च करने की क्षमता और कई अन्य क्रियाओं पर प्रभाव डालता है।
इस ग्रंथि (ग्लैंड) की सक्रियशीलता जब एक मानक से कम हो तो हम इसे हाइपो-थायराइडिज्म कहते हैं;
जबकि अत्यंत क्रियाशीलता जो मानक सीमा से ऊपर हो तो उसे हाइपर-थायराइडिज्म कहा जाता है.
थायरॉयड क्षमता में कमी – हाइपो-थायराइडिज्म
उपाय 1
काली मिर्च से वजन और हाइपोथायरॉयड दोनो ठीक करें.
पिपेराईन (Piperene) – एक खास रसायन है जो काली मिर्च में खूब पाया जाता है और ये कमाल का फ़ैट बर्नर है।
अक्सर महिलाओं में थायरॉक्सिन लेवल कम होने से तेजी से वजन बढ़ता है, और पेपेराईन इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है।
जिन्हें हाईपोथायरॉइड की समस्या है- सिर्फ 21 काली मिर्च पीसकर 15 दिनों तक रोज सुबह एक बार में एक साथ खा लें,
सकारात्मक परिणाम आना निश्चित है।
उपाय 2
25 ग्राम शुद्ध दालचीनी लें, यह जितनी तीखी हो उतना अच्छा रहेगा।
इसे पीस कर चूर्ण बना एक चुटकी चूर्ण को प्याज के रस में मिला कर सेवन करें।
यह प्रयोग बासी मुंह 21 दिन करें।
3 महीने बाद में प्रयोग दोहराइए- अचूक लाभ होगा।
उपाय 3
अगर थाईराईड रोग से मुक्ति पानी है तो रसाहार थैरापी प्रयोग से लाभ लिया जा सकता है,
जिसमें मुख्यत: जूस व सूप दिए जाते हैं.
थायरॉयड की अतिक्रियाशीलता – हाईपर-थाईरॉयडेज्म
उपाय 1
हाईपर थाईरोडीजम मे अगर ग्रीन टी का प्रयोग दिन मे 4 बार 2-2 कप लिया जाऐ
तो 4-6 महिने मे तो थाईरोयड से मुक्ति मिल सकती है।
उपाय 2
रोज रात को 2 कप लौकी का रस मे 2 चम्मच अदरक का रस डालकर रोज रात को सोने से एक धंटे पहले ले।
उपाय3
धनिया 1 चम्मच + सौंफ 1 चम्मच + जीरा 1 चम्मच लेकर सुबह 3 ग्लास पानी मे उबाले।
जब 1 ग्लास पानी बचे तब छानकर सुबह पी लें और 30 मिनिट तक कुछ भी ना खाऐ।
उपाय4
रोज सुबह सहजन की फली (ड्रमस्टिक) 20 ग्राम लेकर 2 ग्लास पानी मे उबाले
जब आधा बचे तब ठंडा होने पर छानकर पीऐ।