Swasti Yog

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स्वस्ति योग (Swasti Yog) एक ऐसा उन्नत उत्पाद है जिसके उपयोग से लाखों देवियाँ और सज्जन जोड़ों, हड्डियों, शरीर के दर्द विकारों से निजात पाकर, बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

नियमित सेवन से उम्र जनित घुटने, रीढ़ इत्यादि की सर्जरी से बचा जा सकता है।

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स्वस्ति योग (Swasti Yog) एक ऐसा उन्नत उत्पाद है जिसके उपयोग से लाखों देवियाँ और सज्जन जोड़ों, हड्डियों, शरीर के दर्द विकारों से निजात पा, स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

आधुनिक जीवनशैली और उम्र का बढ़ाव अक्सर जोड़ों, मांसपेशियों के दर्द के कारक होते हैं। 

आवश्यकता है कि ऐसी वनौषधियों का निरंतर सेवन किया जाये जो जीवन भर हमें इन परेशानियों से निजात दिलाकर बेहतरीन स्वस्थय लाभ दें।

स्वस्ति योग (Swasti Yog) है उत्तम विकल्प

स्वस्ति योग (Swasti Yog) में ऐसी वनौषधियों का सम्मिश्र है जिन्हें आयुर्वेद और वैज्ञानिक शोध दोनों ही सर्वोत्तम मानते हैं।

इसमें  निम्नवर्णित घटकों का समायोजन है:

हड़जोड़ (Cissus quadrangularis)

यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में उपयोगी मानी जाती है।

इसे आयुर्वेद में “अस्थिसंधानक” (हड्डियों को जोड़ने वाला) और वज्रांगी के रूप में जाना जाता है।

हड़जोड़ का उपयोग हड्डियों की मजबूती, जोड़ों के दर्द, और हड्डियों के फ्रैक्चर के उपचार में किया जाता है।

इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे तत्व होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होते हैं।

यह बोन डेंसिटी को बढ़ाकर ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) से बचाव करता है।

हड़जोड़ में एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन-रोधी) गुण होते हैं, जो गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी समस्याओं में दर्द और सूजन को कम करते हैं।

यह मांसपेशियों और लिगामेंट (मांसपेशियों और हड्डियों को जोड़ने वाले बंधन) को मजबूती प्रदान करता है।

इसे खेल-कूद या अधिक शारीरिक मेहनत करने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी माना जाता है।

इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कोशिकाओं की मरम्मत और पुनर्निर्माण में सहायता करते हैं।

शालाकी (Boswellia serrata)

इसे “सालई” या “फ्रेंकिंसेंस” भी कहा जाता है। यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्रभावी औषधि है।

इसमें सूजन-रोधी (Anti-inflammatory) और दर्दनाशक (Analgesic) गुण होते हैं, जो विशेष रूप से गठिया (arthritis) और अन्य जोड़ों की समस्याओं में लाभकारी पाये गए हैं।

शालाकी में उपलब्ध बोसवेलिक एसिड सूजन को कम करने में सहायता करता है।

शोधों में यह ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) और रूमेटाइड आर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) में जोड़ों के दर्द और कठोरता को कम करने में प्रभावी पाया गया है।

शालाकी जोड़ों के लुब्रिकेशन (स्नेहन) को बढ़ाती है, जिससे जोड़ों की कठोरता और जकड़न कम होती है।

यह जोड़ों के लचीलेपन और गतिशीलता को बेहतर बनाती है।

शालाकी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके जोड़ों की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।

यह कार्टिलेज (जोड़ों की गद्दी) को पुनर्निर्मित करने में भी सहायता करती है।

आधुनिक हानिकारक दर्दनाशक दवाओं के खतरनाक साइड इफेक्ट होते हैं जैसे कि किडनी, लिवर इत्यादि के नुकसान। 

शालाकी का सेवन प्राकृतिक रूप से जोड़ों के दर्द को कम करता है, बिना किसी साइड इफेक्ट के।

गठिया के अतिरिक्त, शालाकी स्पॉन्डिलाइटिस, गाउट और अन्य सूजन-जनित बीमारियों में भी राहत देती है।

केवांच (Mucuna pruriens)

इसे “कौंच बीज” के नाम से भी जाना जाता है, जो एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है।

यह न केवल जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि संपूर्ण शारीरिक शक्ति और तंदुरुस्ती को बढ़ाने में भी मदद करता है।

इसमें प्रोटीन, अमीनो एसिड, और एल डोपा (L-DOPA) जैसे प्राकृतिक यौगिक पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के साथ-साथ जोड़ों की समस्याओं में भी फायदेमंद होते हैं।

केवांच का सेवन जोड़ों को मजबूत बनाता है और उनकी लचीलेपन (Flexibility) को बढ़ाता है।

यह जोड़ के लुब्रिकेशन (स्नेहन) में सुधार करके गतिशीलता को बेहतर करता है।

इसके प्राकृतिक दर्दनाशक गुण जोड़ों के पुराने दर्द, जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस में राहत प्रदान करते हैं।

यह हड्डियों के नुकसान (Bone degradation) को रोकने में मदद करता है।

गठिया और स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्याओं में जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में केवांच उपयोगी पाया जाता है।

केवांच तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाकर जोड़-तंत्रिका (Joint nerves) के दर्द और कमजोरी को कम करता है।

अश्वगंधा (Withania somnifera)

असगंध ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे “भारतीय जिनसेंग” भी कहा जाता है।

यह संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और विशेष रूप से जोड़ों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के इलाज में उपयोगी मानी जाती है।

इसके अद्भुत गुण शरीर की सूजन को कम करने, जोड़ों की ताकत बढ़ाने, और मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक होते हैं।

अश्वगंधा में उपलब्ध एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में सहायता करते हैं।

यह गठिया (Arthritis), ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी स्थितियों में राहत प्रदान करती है।

अश्वगंधा तनाव और चिंता को कम करके कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को नियंत्रित करती है।

कोर्टिसोल के उच्च स्तर से जोड़ों की सूजन और दर्द बढ़ सकता है, जिसे अश्वगंधा प्रभावी रूप से कम करती है।

यह प्रतिरक्षा तंत्र (Immune system) को मजबूत करती है, जिससे शरीर सूजन और दर्द से लड़ने में सक्षम होता है।

यशद भस्म (Zinc Oxide Ash)

एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो विशेष रूप से जोड़ों और हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उपयोग की जाती है।

यह जस्ता (Zinc) का शुद्ध और औषधीय रूप है, जिसे आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है।

जोड़ों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं में इसका उपयोग व्यापक रूप से होता है।

यह हड्डियों की घनत्व (Bone Density) को बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) को रोकने में मदद करता है।

यशद भस्म जोड़ों के लुब्रिकेशन (स्नेहन) को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे जोड़ों की कठोरता और जकड़न कम होती है।

यह जोड़ों की गति और लचीलेपन को बेहतर बनाती है, जोड़ों के कार्टिलेज (गद्दीदार ऊतक) को संरक्षित रखती है और उनकी मरम्मत में सहायक है।

Composition

Each Capsule Contains High Potency Certified Organic Extracts of

अस्थिसंधानक (Cissus quadrangularis) 125mg

शालाकी (Boswellia serrata) 125mg

केवाँच (Mucuna pruriens) 125mg

अश्वगंधा (Withania somnifera) 125mg

यशद भस्म (Zinc calx) 30mg

त्रिकटु (Trikatu ext) 20mg, योगवाही के रूप में

सेवन मात्रा, विधि (Dosage)

दो कैपस्यूल प्रतिदिन (Two capsules) once or twice daily

प्रस्तुति (Packing)

90 Capsules in virgin grade HDPE jar

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