अश्वगंधा अथवा असगंध आयुर्वेद की उन प्रमुख वनौषधियों में से एक है, जिन्हें अति विशिष्ठ स्थान प्राप्त है.
3000 से भी अधिक वर्षों से इसका उपयोग वाजिकरण टॉनिक, बलवर्धक, उत्तम रसायन, तनाव निवारण, मस्तिष्क क्रिया सुधार इत्यादि के लिये किया जाता रहा है (1).
कई आधुनिक शोधों ने भी, अश्वगंध में डायबिटीज, मोटापा, नपुंसकता, सूजन, कैंसर, चिंता व डिप्रेशन इत्यादि रोगों के निवारण के लिए लाभकारी पाया है.
आईये जानते हैं, अशवगन्धा के 10 ऐसे ही गुण लाभ, जिन्हें कई वैज्ञानिक शोधों ने प्रमाणित किया गया है.
अश्वगंधा की पहचान
संस्कृत में अशवगन्धा (Ashvagandha) का मतलब है…
घोड़े जैसी गंध जो इसकी विशेष गंध व शक्ति वर्धक गुणों को इंगित करती है.
इसका वानस्पतिक नाम (botanical name) Withania somnifera है.
यह इंडियन जिनसेंग, विंटर चेरी इत्यादि अन्य नामों से भी दुनिया भर में जानी जाती है .
अश्वगंधा के पौधे के विभिन्न हिस्से ऐसे होते हैं:
अश्वगंधा एक छोटा झाड़ीनुमा नारंगी पीले फूलों वाला पौधा होता है जिसका मूल भारत व उत्तरी अफ्रीका माना गया है.
इसकी जड़ों का चूर्ण या सत्व मुख्यता उपयोग में लाया जाता है.
अश्वगन्धा के स्वास्थ्य लाभ गुण अथवा फायदे इसमें उपलब्ध विदनोलोइद्स (withanolides) के कारण होते हैं.
जिन्हें कैंसर रोधी, बलवर्धक व सूजन निवारक पाया गया है. (1).
अशवगन्धा अत्यंत सवास्थ्यवर्धक औषधि है जिसे adaptogen अथवा तनावरोधी के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है;
अर्थात इसमें तनाव नियंत्रक गुण होते हैं.
अशवगन्धा तन व मस्तिष्क के लिये कई प्रकार के अन्य फायदे भी देती है.
अश्वगंधा के शोध आधारित 10 गुण लाभ फायदे
1 चिंता निवारक (Reduces Depression)
दो शोधों के अनुसार, अश्वगंधा चिंता, भय का निवारण करने में सक्षम है. (2, 3).
तनाव ग्रसित वयस्कों पर 60 दिन तक चले एक नियंत्रित शोध के अनुसार,
जिन्हें 600mg अश्वगंधा रोज़ खिलाई गई, उनमें तनाव की 79% तक की कमी पाई गई.
जबकि सांत्वना समूह (placebo group) जिन्हें अश्वगंधा नहीं दी गई थी, उनके तनाव में 10 % की बढ़ोतरी देखने को मिली. (2).
2 पुरुषों के लिये लाभकारी (Increases Fertility in Men)
अश्वगंधा पुरुषों की हॉर्मोन सम्बन्धी सभी क्रियाओं के लिये एक बेजोड टॉनिक व औषधि है (4, 5, 6, 7).
75 नपुंसकता से ग्रसित पुरुषों पर हुए एक शोध ने पाया कि इसके उपयोग से वीर्य में शुक्राणु गिनती व गतिशीलता में सुधार होता है.
इस शोध में एक उत्साहवर्धक तथ्य यह भी निकला कि इसके उपयोग से शुक्राणु निर्माण क्रिया में काफी बढ़ोतरी पाई गयी (8).
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अश्वगंधा का उपयोग करने वाले समूह नें रक्त में उच्च एंटीऑक्सीडेंट क्रिया का अनुभान किया.
एक अन्य शोध में, अश्वगंधा लेने वाले तनावग्रस्त पुरुषों में, बेहतर शुक्राणु गिनती व गुणवत्ता देखने को मिली. तीन महीने के उपयोग के बाद 14% पुरुषों की पत्नियाँ गर्भ धारण करने में कामयाब रहीं (9).
3 ताकत व मांसपेशी वजन बढ़ाये (Increases Strength and Muscle Mass)
शोध प्रमाणित करते हैं कि अश्वगंधा के उपयोग से शरीर की सुडौलता बेहतर बनती है, साथ ही ताकत भी बढ़ती है (10, 11, 12).
एक शोध जिसका उद्देश्य अश्वगंधा की प्रभावकारी व सुरक्षित मात्रा का पता लगाना था, ने पाया की पुरुष जिन्होंने 750–1250 mg की मात्रा प्रतिदिन 30 दिन तक ली, उनकी चर्बी घट गयी थी व मांसपेशियों का वजन बढ़ गया था (13).
एक अन्य अध्ययन में अश्वगंधा लेने पर मांसपेशियों का वजन व आकारमें बढ़ोतरी हुई पाई गई.
और लगभग दोगुना कमी चर्बी (14).
4 डायबिटीज नियंत्रक (Reduces Blood Sugar Levels)
कई शोधों में, अशवगन्धा को रक्त शर्करा को कम करने के प्रमाण मिले हैं.
एक test-tube शोध ने पाया की यह इन्सुलिन के स्राव व कोशिकाओं में इन्सुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाती है.
(increased insulin secretion and improved insulin sensitivity) (15).
कई मानव शोधों में अश्वगंधा को शुगर लेवल कम करने वाली औषधि पाया गया.
उनकी जो diabetic थे व उनकी भी जिन्हें डायबिटीज नहीं थी (16, 17, 18, 19).
भ्रममति (schizophrenia) रोगियों पर हुए एक 4 हफ्ते के शोध में यह निष्कर्ष निकला कि उनके खाली पेट शुगर में 13.5 mg/dL तक की कमी आयी (20).
सब से अधिक उत्साहवर्धक परिणाम उस शोध के माने जाते हैं जिसमें 30 दिन तक दी गयी अश्वगंधा के परिणाम ठीक वैसे ही पाए गए जैसे कि डायबिटीज नियंत्रक किसी खाने वाली दवा से मिलते हैं (21).
5 कैंसर रोधी गुण (Anti-Cancer Properties)
जानवरों पर हुए शोधों नें यह पाया है कि अश्वगंधा बेकार हो चुकी कोशिकाओं, जो कैंसर के कारण पनपती हैं; का संहार करने में सक्षम है (helps induce the apoptosis or “programmed cell death” of cancer cells) (10).
यह कई तरीकों से, नयी कैंसर कोशिकाओं को बनने व पनपने से भी रोकती है (11).
इन कई तरीकों में से एक को reactive oxygen species (ROS), के निर्माण का कारक माना जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं के लिये तो घातक होता है लेकिन सामान्य कोशिकाओं के लिये नहीं (12).
शोध प्रमाणित करते हैं कि अश्वगंधा कई प्रकार के कैंसर से बचाने में कारगर हो सकती है जिनमें से फेफड़ों, गुदा, मस्तिष्क, महिलाओं के वक्ष व अंडाशय (ovary) के कैंसर मुख्य हैं (9, 10, 11, 12, 13).
चूहों पर हुए एक शोध में पाया गया कि अश्वगंधा के उपयोग से अंडाशय के कैंसर में 70–80% तक की कमी एक महीने में मिली.
उपचार में यह भी पाया गया कि इसका उपयोग कैंसर को अन्य अंगों में फैलने से भी रोकता है (13).
यद्यपि जानवरों पर हुए कुछेक शोध अभी तक मानवों पर नहीं दोहराए गए हैं,
फिर भी अभी तक के प्रमाण काफी उत्साहजनक प्रतीत होते हैं.
6 कोर्टिसोल नियंत्रक (Reduces Cortisol Levels)
कोर्टिसोल को एक तनाव हॉर्मोन के रूप में जाना जाता है.
इसे आपकी एड्रेनल ग्रंथियां (adrenal glands) तब बनाती है जब
कोई तनाव हो या फिर रक्त में शुगर की मात्रा बहुत ही कम हो जाए.
दुर्भाग्यवश, कुछ लोगों में, कोर्टिसोल का स्तर हमेशा ही बढ़ा रहना आरंभ हो जाता है.
जो डायबिटीज व पेट की चर्बी बढ़ने के कारण होने वाले मोटापे को बढ़ावा देता है.
शोधों में पता चला है कि अश्वगंधा कोर्टिसोल स्तरों को कम करने में सहायक हो सकती है (3, 14, 15).
चिता तनाव ग्रस्त रोगियों के एक समूह पर हुए एक नियंत्रित शोध ने पाया कि अश्वगंधा के उपयोग से कोर्टिसोल स्तर में 30% तक की औसत कमी दर्ज हुई (3).
7 स्मरणशक्ति व मस्तिष्क क्रिया सहायक (Improves Brain Function & Memory)
जानवरों पर हुए शोध दर्शाते हैं कि अश्वगंधा चोट के कारण कम हुई मस्तिष्क क्रियाओं व स्मरणशक्ति को बलवान बनाने में सहायक होती है (16, 17, 18, 19).
विज्ञानियों ने यह भी निष्कर्ष निकाला है कि यह एंटीऑक्सीडेंट क्रिया को बढ़ावा देकर नसों की कोशिकाओं को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाती है.
एक शोध में, मिर्गी रोग (Epilepsy) से ग्रसित चूहे, अश्वगंधा से उपचारित किये गए थे.
और रोग के लगभग पूरा ठीक होने के प्रमाण पाए गए.
इसे oxidative तनाव कम होने के कारण माना गया. (19).
सदियों से यद्यपि, आयुर्वेद में अश्वगंधा का उपयोग स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिये किया जाता है.
फिर भी, इसके इन गुणों पर शोध कम ही हुए हैं.
लेकिन जो भी शोध हुए हैं, वे सभी उत्साहवर्धक हैं.
एक नियंत्रिक शोध में, जिसमें पुरुषों को 500mg अश्वगंधा रोज़ खिलाई गई.
उनके प्रतिक्रियात्मक समय व कार्य दक्षता (reaction time and task performance) में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला.
बनिस्बत उनके, जिन्हें केवल सांत्वना खुराक दी गयी थी(20).
8 तनाव नियंत्रक (Reduces Stress and Anxiety)
तनाव निवारण के लिये अश्वगंधा सब से बेहतर औषधि के रूप में जानी जाती है.
अश्वगंधा के इन गुणों को परखने के लिये शोध कर्ताओं ने चूहों के दिमाग में शोध किये.
और पाया कि यह नर्वस प्रणाली के उन रसायन तंत्रों को रोकने का काम करती है जो तनाव बढाने का काम करते हैं (21).
कई मानव शोधों में ये निष्कर्ष निकले हैं कि यह तनाव व चिंता रोंगों को प्रभावकारी तरीके से निपटने में कारगर रहती है (14, 22, 23).
64 लोगों पर 60 दिन तक चले एक शोध ने पाया कि अश्वगंधा के उपयोग से चिंता व तनाव में औसत 69% तक की कमी आयी (14).
एक अन्य शोध जो 6 सप्ताह तक चला, नें 88% लोगों में अश्वगंधा के उपयोग से तनाव व चिंता में आश्चर्यजनक सुधार पाया (18).
9 कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक (Lowers Cholesterol)
अश्वगंधा ह्रदय रोग के लिये भी हितकारी मानी जाती है क्योकि इसमें कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के गुण पाए जाते हैं.
शोधों ने पाया है कि यह रक्त में वसा (fats) को कम करती है.
एक शोध ने पाया कि यह चूहों की कुल कोलेस्ट्रॉल को 53% व कुल triglycerides को लगभग 45% तक कम करने में कारगर रही (24).
मानव शोधों में हालाँकि इतने उत्साह वर्धक परिणाम नहीं मिले हैं, जीतने कि चूहों में, लेकिन फिर भी नतीजे उत्साह वर्धक ही कहे जायेंगे (3, 4, 5, 6).
व्यस्क तनावग्रस्त पुरुषों पर 60 दिन तक चले एक शोध नें, अशवगन्धा के उपयोग से 17% की कमी LDL कोलेस्ट्रॉल व 11% की कमी triglycerides के स्तरों में पाई(3).
10 सूजन में कमी लाये (Reduces Inflammation)
कई शोधों ने पाया है कि अश्वगंधा के उपयोग से सूजन में कमी आती है (23, 24, 25).
कई अध्ययनों ने जाना है कि इसका उपयोग मानव शरीर के रोगप्रतिरोधक कोशिकाओं की गतिविधि बढाकर इन्फेक्शन से होने वाली सूजन को कम करने में सहायक है.
ये कोशिकाएं विषाणुओं को मारने में मदद करती हैं (26, 27).
यह सूजन पैदा करने वाले अन्य कारको जैसे C-reactive protein (CRP) को भी कम करती है.
CRP को ह्रदय रोग के कारक के रूप में देखा जाता है..
एक नियंत्रित अध्ययन ने पाया कि उस समूह ने, जिसे नित्य 250 mg अश्वगंधा खलाई गई थी, अपने CRP में 36% तक की औसत कमी पाई (3).
क्या अश्वगंधा सुरक्षित है (Is Ashwagandha Safe)
अश्वगंधा लगभग सबके लिये सुरक्षित पाई गई है.
फिर भी शोध पूरे न होने के कारण कुछ एक रोगों या लक्षणों में तथा दूध पिलाती महिलाओं द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
आर्थराइटिस, थाइरॉयड के कुछ रोगों (हाइपर थाइरॉयड) व autoimmune रोगों में अश्वगंधा हानिकारक हो सकती है.
यह शुगर लेवल व blood pressure को कम करती है,
इस कारण इसे लेते समय डॉक्टर से सलाह कर अपनी अन्य दवाओं की मात्रा में सुधार करवा लेना चाहिए.
कितनी मात्रा
असगंध की सामान्य खुराक की मात्रा 250mg से 1250mg तक सुरक्षित मानी गयी है.
रोग निवारण के लिए, अधिक मात्रा से अधिक लाभ भी मिलते देखे गए हैं,
जबकि टॉनिक के रूप में 500mg पर्याप्त है.
आयुर्वेद सेंट्रल के उत्पाद अमृतयोग में अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है.
अमृतयोग एक जांचा परखा लोकप्रिय टॉनिक है जिसे उपयोग कर ताकत बढती है और रोगप्रतिरोधक क्षमता भी.
इसके उपयोग से कमज़ोर इम्युनिटी ठीक होती है और मन और शरीर उर्जावान बने रहते हैं.
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सारशब्द
अश्वगंधा एक पारम्परिक आयुर्वेदिक वनस्पति है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं.
यह तनाव, चिंता, डिप्रेशन का निवारण करती है, डायबिटीज, ह्रदय रोग, कोलेस्ट्रॉल, सूजन इत्यादि में गुणकारी है.
उत्तम आयुर्वेदिक बलवर्धक टॉनिक है, वीर्य एवं धातु वर्धक है. दुबले शरीर को पुष्ट करने में भी अश्वगंधा हितकारी है.
अश्वगंधा के नित्य उपयोग से कई रोगों से बचा जा सकता है व उर्जावान जीवन जिया जा सकता है.