भूमि आंवला सेवन विधि

भूमि आंवला के गुण लिवर, किडनी, डायबिटीज और पेट के लिये श्रेष्ट माने जाते हैं.

भुंई आमला का सम्पूर्ण पंचांग (जड़, तना, पत्ती, पुष्प, फल) औषधीय उपयोग का होता है।

आयुर्वेद व लोक परंपराओं के अनुसार इसे लिवर संबंधित विकारों विशेषतया पीलिया तथा हैप्टीटाइटस-बी के उपचार हेतु प्रयुक्त किया जाता है।

भूमि आंवला सेवन विधि (Bhumi amla dosage) 

1 लगभग आधा किलो भूमि आंवला के पौधे जड़ समेत उखाड़ लें.

2 पानी से अच्छी तरह धो लें जिससे मिटटी इत्यादि निकल जाए.

3 इन पौधों को इस प्रकार थोडा मोटा मोटा काट लें कि प्रेशर कुकर में डाल सकें.

कृपया ध्यान रखें, आपने इसे जड़ तने समेत ही काटना है, जिसे पंचांग कहते हैं

4 इस शाक नुमा भूमि आंवला को प्रेशर कुकर में तीन लीटर पानी के साथ डाल दें.

5 एक चम्मच हल्दी, एक दो चम्मच पिसा अदरक और स्वादानुसार नमक भी डाल दें.

यदि पीलिया में उपयोग करना है तो नमक की जगह चीनी डालें.

6 एक सीटी लगायें व चूल्हे से हटा दें.

बिना ढक्कन खोले करीब दस मिनट पड़ा रहने दें.

फिर एक सीटी लगाएं व थोडा ठंडा होने दें.

इस प्रकार तीन सीटी लगाने के बाद कुकर की भाप बैठ जाने पर खोल लें.

7 इस काढ़े अथवा क्वाथ (Decoction) को छान लें.

बोतल में भर कर फ्रिज में रख लें.

8 भूमि आंवला का बेहतरीन लिवर टॉनिक तैयार है.

तीन सप्ताह तक खराब नहीं होगा.

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भूमि आंवला सेवन मात्रा

इस काढ़े का लगभग आधा कप ले कर उतना ही पानी मिलाकर थोडा dilute कर लें.

चाहें तो नीम्बू मिला सकते हैं.

दिन में दो या तीन बार लें.

परिणाम एक दिन बाद ही महसूस होने लग जायेंगे.

आपको हल्केपन, शीतलता और आनंद की अनुभूति होगी.

Jaundice या लिवर के अन्य रोगों में इसकी मात्रा दोगुनी कर देनी चाहिए और लेना भी चार से पांच बार चाहिए.

आपके सन्दर्भ के लिये, घर पर बनाए गए भूमि आंवला के काढ़े (Decoction) का चित्र नीचे दिया है.

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