सुहागा का अर्थ है Borax अथवा टंकण, जोकि एक सस्ता, गुणकारी और उपयोगी compound है.
सदियों से सुहागा का प्रयोग कई घरेलू उपयोगों व औषधि के रूप में होता आया है.
इसका रासायनिक नाम sodium borate, sodium tetraborate, या disodium tetraborate होता है.
यह बोरोन (boron) का एक महत्वपूर्ण योगिक रूप है और बोरिक एसिड का एक लवण. (1)
सुहागा का मतलब है टंकण, रसघ्न, कनक क्षार, धातु द्रावक, सुहागाचौकी, सौभाग्य आदि सुहागा के अन्य नाम है।
आयुर्वेद के अनुसार, सुहागा पेट की जलन, बलगम, वायु तथा पित्त को नष्ट करता है और धातुओं को द्रवित करता है।
आईये जानते हैं सुहागे के 13 घरेलू उपयोगों और नुस्खों के फायदे लाभ के बारे में…
1. सुहागा करे सिर की रूसी और फंगस का इलाज
50 ग्राम कच्चा सुहागा को तवे पर भूनकर पीस लें।
इसे सुहागे की खील या भुना हुआ सुहागा या सुहागे का फूला कहा जाता है.
1 चम्मच सुहागे की खील, 1 चम्मच नारियल का तेल और 1 चम्मच दही को मिलाकर सिर में मलने और आधे घंटे के बाद सिर को धोने से सिर की रूसी (dandruff) और फंगस समाप्त हो जाती है। (2)
2. खांसी- जुकाम नजला
सुहागा की डली को लोहे के तवे पर सेंक कर पीस ले।
इस में से चुटकी भर 1 घूंट गर्म पानी में घोलकर रोजाना 4 बार पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
आधा ग्राम गर्म पानी से सुबह-शाम लेने से नजला भी ठीक हो जाता है।
सुहागा और शहद मिलाकर लेने से भी यही लाभ मिलता है.
3. सुहागा मिटाये पसीने की दुर्गन्ध
एक चम्मच पिसा हुआ सुहागा एक बाल्टी पानी में मिला लें.
इस पानी से नहाने से अधिक पसीना आना और शरीर की दुर्गन्ध बंद हो जाती है।
4. अपचन अजीर्ण
बच्चा सोते-सोते रोने लगे, दही की तरह जमे दूध की उल्टी करे, हरे रंग का अतिसार (दस्त) हो..
तो समझे कि बच्चे को खाया हुआ पचता नहीं है।
बच्चे की पाचन शक्ति (भोजन पचाने की क्रिया) ठीक करने के लिए भुना सुहागा चुटकी भर दूध में घोलकर 2 बार पिलाने से लाभ होता है।
5. गले का बैठना अथवा स्वरभंग
सुहागा को पीसकर चुटकी भर चूसने से बैठी हुई आवाज खुल जाती है।
6. अफारा से पेट फूलना, दूध उलटना
तवे पर सुहागे को सेंक लें.
इसे बच्चों को चटाने से पेट फूलना और दूध पीकर वापिस निकाल देने का रोग दूर हो जाता है।
7. तिल्ली का बढ़ना (Spleen enlargement)
30 ग्राम भुना हुआ सुहागा और 100 ग्राम राई को पीसकर मैदा की छलनी से छान लें।
इसे आधा चम्मच रोजाना 7 सप्ताह तक 2 बार पानी से फंकी लें।
तिल्ली सिकुड कर अपनी सामान्य अवस्था में आ जायेगी,
भूख अच्छी लगेगी और शरीर में शक्ति का संचार होगा।
8. त्वचा रोग
भुना हुआ सुहागा को तेल में मिलाकर त्वचा पर लगाने से चमड़ी के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
9. बच्चों की खांसी में
लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शुद्ध सुहागा शहद के साथ मिलाएं.
इसे बच्चों को दिन में 2-3 बार देने से बच्चों की खांसी और सांस के रोग दूर होते हैं।
10. अंडकोष की वृद्धि
6 ग्राम भुने सुहागे को गुड़ में मिलाकर इसकी 3 गोलियां बना लें.
यह 1-1 गोली 3 दिन सुबह हल्के गर्म घी के साथ सेवन करने से अंडकोष की वृद्धि रुक जाती है।
11. गुप्तांग क्षेत्र की खुजली
लगभग एक गिलास पानी में आधा चम्मच सुहागा घोल लें.
इससे रोजाना 2-3 बार गुप्तांग क्षेत्र धोने से खुजली मिट जाती है।
12. आंख आना
सुहागा और फिटकरी (प्रत्येक 2 ग्राम) को एक लीटर पानी में घोल लें.
इससे आंख धोने और बीच-बीच में बूंद-बूंद (आई डरोप्स) की तरह आंखों मे डालने से बहुत जल्दी लाभ होता है।
13. दमा
30 ग्राम पिसे हुए सुहागे को 60 ग्राम शहद में मिलाकर रख दें।
कुछ दिनों तक 3 अंगुली भर चाटते रहने से श्वास रोग (दमा) खत्म हो जाता है।
सुहागे का फूला और मुलहठी को अलग-अलग पकाकर या पीसकर कपड़े में छानकर बारीक चूर्ण बना लें.
फिर इन दोनों औषधियों को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी शीशी में सुरक्षित रख लें।
आधा ग्राम से 1 ग्राम तक इस चूर्ण को दिन में 2-3 बार शहद के साथ चाटने से या गर्म पानी के साथ लेने से दमा के रोग में लाभ मिलता है।
बच्चों के लिए लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा या आयु के अनुसार कुछ कम या अधिक दें।
इसका सेवन करने से श्वास (दमा), खांसी तथा जुकाम नष्ट हो जाता है।
विशेष
सुहागे का औषधि के रूप में सेवन काल में दही, केला चावल तथा ठंडे पदाथों का सेवन नहीं करना चाहिए।
सारशब्द
सुहागे के कई घरेलू उपयोग हैं.
यदि आप घर में थोडा सा सुहागा रखते हैं तो कई रोगों में इसका उपयोग कर लाभ लिया जा सकता है.