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गैस्ट्राइटिस : किस्में, लक्षण, कारण

गैस्ट्राइटिस एक आम पाचन विकार है, जिसमें पेट की परत (गैस्ट्रिक म्यूकोसा) में सूजन या जलन हो जाती है।

यह समस्या हल्की असुविधा से लेकर गंभीर पेट दर्द तक हो सकती है।

गैस्ट्राइटिस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें

एसिडिटी, एंट्रल गैस्ट्राइटिस, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD), एसिड रिफ्लक्स, फंक्शनल डिस्पेप्सिया, एनोरेक्सिया, ब्लोटिंग (पेट फूलना), फ्लैटुलेन्स (गैस बनना), सिरदर्द और हृदय की जलन (हार्टबर्न) जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं।

इस लेख में, हम गैस्ट्राइटिस की किस्में, लक्षण, कारण और उपचार पर चर्चा करेंगे।


1. एसिडिटी (Acidity)

अम्लपित्त को एसिडिटीया हाइपरएसिडिटी भी कहा जाता है। 

यह तब होती है जब पेट में सामान्य से अधिक मात्रा में एसिड का निर्माण होता है।

यह अम्ल पेट की भीतरी परत को नुकसान पहुंचा सकता है और जलन का कारण बनता है।

एसिडिटी के लक्षण

  • सीने में जलन
  • पेट में जलन
  • खट्टा डकार आना
  • मुंह में खट्टा या कड़वा स्वाद
  • पेट दर्द

एसिडिटी के कारण

  • तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन
  • अत्यधिक चाय, कॉफी, या शराब पीना
  • धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन
  • तनाव और चिंता
  • देर रात भोजन करना
  • अनियमित, असमय खान-पान

2. एंट्रल गैस्ट्राइटिस (Antral Gastritis)

यह गैस्ट्राइटिस का एक विशेष प्रकार है, जिसमें पेट के निचले हिस्से, जिसे एंट्रम कहा जाता है, में सूजन होती है।

यह पेट की अम्लीयता के साथ जुड़ा हुआ होता है और अक्सर बैक्टीरिया हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. Pylori)के संक्रमण के कारण होता है।

यद्यपि ये जरूरी नहीं कि एंट्रल गैस्ट्राइटिस में केवल H. Pylori का संक्रमण ही होता हो। 

यह दर्द निवारक दवाओं और तम्बाकू, मदिरा के अत्यधिक सेवन से भी हो सकता है।

एंट्रल गैस्ट्राइटिस के लक्षण

  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
  • भूख न लगना
  • उल्टी या मतली
  • हल्का बुखार भी हो सकता है

एंट्रल गैस्ट्राइटिस के कारण

  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण
  • एसिडिटी का लंबे समय तक अनियंत्रित बने रहना
  • अल्कोहल का अत्यधिक सेवन
  • दर्द निवारक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) अथवा दवाओं का उपयोग

3. गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD)

जब पेट का एसिड खाने की नली एसोफेगस में वापस जाता रहता है, तो उस रोग को GERD कहते हैं।

GERD से एसोफेगस में जलन होती है और कई बार तेजाब या भोजन के साथ खट्टापन मुहँ तक आ जाता है। 

यह एक दीर्घकालिक स्थिति हो सकती है, जिसमें एसोफेगस का मुहँ चौड़ा हो जाता है।

GERD के लक्षण

  • सीने में जलन (हार्टबर्न)
  • खांसी
  • खट्टी डकार
  • निगलने में कठिनाई
  • गले में खराश

GERD के कारण

  • पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों (LES) का कमजोर होना
  • अधिक भोजन करना
  • मसालेदार और अम्लीय खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन
  • मोटापा
  • गर्भावस्था
  • अत्यधिक धूम्रपान , तम्बाकू और शराब का सेवन

4. एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux)

एसिड रिफ्लक्स एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट का एसिड भोजन नली में ऊपर की ओर चला जाता है।

इससे जलन और असुविधा होती है।

यह GERD का प्रारंभिक रूप भी हो सकता है।

एसिड रिफ्लक्स के लक्षण

  • खट्टी डकार
  • पेट में जलन
  • सीने में दर्द
  • गले में खट्टा स्वाद

एसिड रिफ्लक्स के कारण

  • अत्यधिक एसिडिक या तैलीय भोजन
  • भारी भोजन करना और तुरंत लेटना
  • धूम्रपान तम्बाकू और शराब का सेवन
  • ज्यादा वजन

5. फंक्शनल डिस्पेप्सिया (Functional Dyspepsia)

जब पेट अमाशय की क्रियात्मक क्षमता कमजोर हो जाती है तो इसे फंक्शनल डिस्पेप्सिया कहा जाता है।

फंक्शनल डिस्पेप्सिया से पेट में भारीपन, असुविधा और अपच जैसी समस्याएं होती हैं।

हालांकि इसमें किसी स्पष्ट संरचनात्मक गड़बड़ी का पता नहीं चलता।

फंक्शनल डिस्पेप्सिया के लक्षण

  • भूख में कमी
  • पेट में भारीपन
  • जी मिचलाना
  • अपच
  • पेट में दर्द

फंक्शनल डिस्पेप्सिया के कारण

  • तनाव और चिंता
  • अनियमित भोजन
  • अत्यधिक अम्लीय खाद्य पदार्थ
  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण
  • तैलीय और मसालेदार भोजन

6. एनोरेक्सिया (Anorexia)

भूख की कमी को एनोरेक्सिया कहते हैं, जो पाचन समस्याओं से उत्पन्न हो सकती है।

यह एक मानसिक विकार का भी संकेत हो सकता है, जहां व्यक्ति जानबूझकर भूख दबा लेता है।

एनोरेक्सिया के लक्षण

  • भूख न लगना
  • वजन में कमी
  • शरीर में कमजोरी
  • सुस्ती

एनोरेक्सिया के कारण

  • पेट में अम्लता का बढ़ना
  • तनाव और चिंता
  • फंक्शनल डिस्पेप्सिया
  • गलत आहार की आदतें

7. ब्लोटिंग (Bloating) और फ्लैटुलेन्स (Flatulence)

ब्लोटिंग अथवा अफ़ारा पेट के फूलने की स्थिति है, जिसमें व्यक्ति पेट में भारीपन और असहजता महसूस करता है।

फ्लैटुलेन्स गैस बनने की प्रक्रिया है, जो गैस्ट्रिक परेशानियों का परिणाम हो सकती है।

अफ़ारा के लक्षण

  • पेट में भारीपन और फुलाव
  • बार-बार डकार आना
  • पेट में गैस और असहजता
  • पेट दर्द

अफ़ारा के कारण

  • अधिक हवा निगलना
  • तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन
  • पेट की खराब पाचन शक्ति
  • कब्ज

8. गैस और फार्टिंग (Flatulence and Farting)

फ्लैटुलेन्स और फार्टिंग तब होती है जब गैस पेट या आंतों में जमा होती है और शरीर इसे बाहर निकालता है।

यह आमतौर पर खराब पाचन के कारण होता है।

गैस, फार्टिंग के लक्षण

  • पेट में गैस
  • बार-बार फार्ट आना
  • पेट फूलना

गैस, फार्टिंग के कारण

  • अत्यधिक तली-भुनी चीजें
  • खराब पाचन शक्ति
  • उच्च FODMAPs युक्त आहार पचाने की अक्षमता
  • हरी सब्जियां, जैसे गोभी, फूलगोभी का अधिक सेवन
  • दूध या लैक्टोज से एलर्जी

9. सिरदर्द (Headache) और हार्टबर्न (Heartburn)

सिरदर्द और हार्टबर्न गैस्ट्राइटिस के कारण हो सकते हैं, जब पेट में अत्यधिक एसिड का उत्पादन होता है।

हार्टबर्न में सीने में जलन होती है, जबकि सिरदर्द तनाव या गैस्ट्रिक परेशानी के कारण उत्पन्न हो सकता है।

सिरदर्द और हार्टबर्न के लक्षण

  • सीने में जलन
  • पेट में अम्लता
  • गैस की वजह से सिरदर्द
  • सीने में दर्द और असुविधा

सिरदर्द और हार्टबर्न के कारण

  • पेट में एसिड का बढ़ना
  • तनाव और अनियमित जीवनशैली
  • तैलीय भोजन का सेवन
  • अत्यधिक कॉफी या चाय

गैस्ट्राइटिस के सामान्य कारण

गैस्ट्राइटिस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें अत्यधिक एसिड का उत्पादन, एलोपैथिक दवाओं का ज्यादा या गलत उपयोग, गलत आहार, तनाव, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया का संक्रमण और अल्कोहल या धूम्रपान तम्बाकू सेवन शामिल हैं।

जीवनशैली की गलत आदतें, जैसे तम्बाकू मदिरा का अत्यधिक सेवन, अनियमित भोजन, ज्यादा तला-भुना खाना, और रात को देर से खाना, इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं।


गैस्ट्राइटिस का उपचार प्रबंधन

गैस्ट्राइटिस के उपचार के लिए सबसे पहले जीवनशैली और आहार में बदलाव की आवश्यकता होती है।

सही समय पर भोजन करना, स्वस्थ और पचने में आसान भोजन का सेवन, और तनाव को कम करने के उपाय गैस्ट्राइटिस को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

डॉक्टर से परामर्श लेकर उचित दवाएं लेना भी जरूरी होता है।

लेकिन ये भी जानना जरूरी है कि गैस्ट्राइटिस की एलोपैथिक दवाएं कई गंभीर दुष्प्रभावों का कारण बन सकती हैं।

वनौषधियों से निर्मित एसिरेम (Acirem) एक ऐसा आयुर्वेदिक उत्पाद है, जिसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।

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आयुर्वेदिक उपाय, जैसे हर्बल चाय, अदरक, और त्रिफला का उपयोग भी इस समस्या को कम करने में सहायक हो सकता है।

सार शब्द

गैस्ट्राइटिस एक सामान्य पाचन विकार है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।

समय पर उपचार और सही आहार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

यदि लक्षण लगातार बने रहते हैं, तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।




3 thoughts on “गैस्ट्राइटिस : किस्में, लक्षण, कारण”

  1. Jaswinder Kaur Shergill

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