2000 साल पहले सुप्रसिद्द दार्शनिक और चिकित्सक Hippocrates ने कहा था…
“All disease begins in the gut.”
अर्थात, सभी रोग पेट के विकारों से ही उत्पन्न होते हैं.
इसमें कोई विरोधाभास हो भी नहीं सकता.
दुनियाभर में पेट सम्बन्धी रोग मुसीबत माने जाते हैं जिनमें संग्रहणी अथवा IBS एक विशेष विकट समस्या है.
हो भी क्यों न, जनसँख्या का एक बड़ा तबका इनसे त्रस्त जो रहता है.
अकेले अमेरिका में ही, जिसे स्वास्थ्य के प्रति अति सजग देश माना जाता है, लगभग 14% लोग IBS से ग्रस्त पाए जाते हैं (1).
IBS संग्रहणी को इसलिए भी भयानक माना जाता है क्योकि इसके कारण ही,
आगे जाकर कई auto-immune रोग पनपते हैं जिनमें
डायबिटीज, आंतो की सूजन (IBD), SIBO, थायरॉयड रोग, एड्रेनल थकन,
आर्थराइटिस, हाशिमोतो बीमारी और पेट के कई कैंसर इत्यादि मुख्य हैं.
यह रोग जीवन को निरंतर नीरस बनाते जाते हैं.
क्या होते हैं FODMAPs
अकसर देखने में आता है कि कई तो राजमाह, अरबी, गोभी, दूध और दूध की बर्फी, मिठाईयों इत्यादि का भरपूर लुत्फ़ उठाते हैं
लेकिन कुछ अन्य, जो पेट के रोगों से ग्रसित होते हैं, उनके लिये यह कष्टदायी हो जाते हैं.
यह विरोधाभास हमें उस विषय पर ले जाता है जिसे FODMAPs संवेदनशीलता (FODMAPs sensitivity) कहा जाता है.
FODMAPs अत्यंत छोटी चेन के कार्बोहायड्रेट होते हैं जो हमें लगभग हर आहार में मिलते हैं.
लेकिन कमज़ोर पाचन वाले लोग इन्हें पचा नहीं पाते.
कुछ आहारों जैसे राजमाह, लोबिया, गेंहूँ, चुकंदर, गोभी, प्याज़, सेव, आडू, तरबूजमें ये अधिक मात्रा में रहते हैं;
जबकि चावल, मक्की, मसूर, तूअर, भिन्डी, करेला, बैंगन, आलू, शकरकंदी, केला, खरबूजा इत्यादि में कम मात्रा में.
शोध बताते हैं कि कम मात्रा के FODMAPs वाले आहार पेट के लिये सुपाच्य और बेहतर रहते हैं.
जबकि अधिक या उच्च FODMAPs वाले आहार भारी, गरिष्ठ और पेट रोगों के कारक बन जाते हैं.
उच्च FODMAPs के आहारों का पेट की गैस, अफारा, दर्द, मरोड़, दस्त अतिसार और कब्ज़ इत्यादि को बढाने में अहम प्रभाव रहता है.
FODMAPs – पूरा विवरण
मेडिकल जगत के विशेषज्ञों ने FODMAPs शब्द इन खाद्य अवयवों से बनाया है:
“Fermentable Oligo-, Di-, Mono-saccharides And Polyols” (2).
FODMAPs की किस्में
FODMAPs की पांच मुख्य किस्में इस प्रकार से हैं:
1 Fructose
यह एक साधारण मीठे (Sugar) का रूप है जो कई फलों, सब्जियों और खाने वाली चीनी में पाया जाता है.
कई व्यक्तियों में इसकी संवेदनशीलता पाई जाती है, जिसे fructose intolerance या Fructose malabsorption कहा जाता है.
उन्हें Fructose युक्त आहार लेने पर पेट में अफारा, गैस, पेट दर्द, मरोड़ और बदहजमी का प्रकोप बढ़ जाता है.
यदि आप अधिक मीठा या मिठाई नहीं पचा पाते हैं तो जान लीजिये, आप Fructose malabsorption के शिकार हैं.
2 Lactose
यह एक carbohydrate है जो दूध व दूध से बने उत्पादों में मिलता है.
यदि आपको दूध नहीं पचता है तो समझ लीजये आपको लैक्टोज़ की संवेदनशीलता (Lactose intolerance) है.
3 Fructans
कई gluten वाले आहारों में मिलता है जैसे कि गेहूं, जौ इत्यादि अनाज.
गेहूं की रोटी, बिस्कुट इत्यादि खाने पर यदि गैस, भारीपन, अफारा इत्यादि बढ़ें तो समझ जाईये आपको Fructans तंग कर रहे हैं.
4 Galactans
यह फलियों वाले आहारों जैसे राजमाह, माह की दाल, लोबिया, सफ़ेद चना इत्यादि में काफी अधिक मात्रा में पाये जाते हैं.
यह अरबी, कचालू (English name: Taro) जैसे Colocasia परिवार के कन्दों में भी पाये जाते हैं.
5 Polyols
यह चीनी की अल्कोहल alcohols की xylitol, sorbitol, maltitol and mannitol इत्यादि की किस्में हैं.
ये कुछ फलों, सब्जियों में मिलते हैं जिनका उपयोग sweeteners बनाने के लिये किया जाता है.
यह भी पाचन क्रिया को बाधित करते हैं लेकिन उतना नहीं जितना कि Fructose और अन्य तीन FODMAPs.
पेट के लिए हानिकारक हैं उच्च FODMAPs
अब जान गए होंगे कि FODMAPs क्या होते हैं.
सामान्यत:, जब ये आंत में पहुँचते हैं तो बैक्टीरिया इन्हें अपना भोजन बनाते हैं.
जिससे मीथेन गैस बनती हैं.
यह मीथेन गैस अन्य किस्म के उपलब्ध बैक्टीरिया के लिए लाभकारी रहती है जो इसमें अच्छी तरह फलते, फूलते और बढ़ते हैं.
और हमारे पाचन को दुरुस्त रखते हैं.
लेकिन जब पाचन कमज़ोर होता है तो हमें FODMAP संवेदनशीलता भी घेर लेती है.
FODMAP संवेदनशीलता
यद्यपि हर कोई FODMAPs के प्रति संवेदनशील नहीं होता,
लेकिन संग्रहणी अथवा ग्रहणी ( IBS syndrome) से पीड़ित लोग इनसे अधिक प्रभावित होते हैं (3).
क्योंकि IBS संग्रहणी से प्रभावित लोगों के बैक्टीरिया FODMAPs का अलग प्रकार से विघटन करते हैं.
जिस कारण पेट के रोगी FODMAPs को पचा नहीं पाते.
जब FODMAPs उनके पेट में पहुँचते हैं तो यह खमीर में बदलने लगते हैं जिससे पचने की क्रिया धीमी हो जाती है.
सही से पच नहीं पाने के कारण, यह FODMAPs पाचन तंत्र के ऐसे बैक्टीरिया का आहार बनने लगते हैं.
जो इनसे मीथेन की बजाये हाइड्रोजन गैस या H2S गैस बनाने का काम करते हैं.
और यही हाइड्रोजन या H2S अफारा, गैस, पेट फूलना, मरोड़, दस्त, दर्द व कब्ज़ की कारक बन जाती है.
FODMAPs शरीर के पानी को भी आंत में खींच लेते हैं जिस कारण दस्त, अतिसार (diarrhea) भी हो जाया करते हैं.
हमेशा, लगातार गैस बनने के कारण पेट इतना फूल जाता है कि इसे मोटापा भी समझ लिया जाता है.
इस प्रकार से फूला हुआ, उभरा पेट काफी तनावयुक्त होता है.
यह छूने पर पत्थर की भांति सख्त महसूस होता है जबकि मोटापे वाला पेट मुलायम होता है (4, 5).
संग्रहणी के रोगियों पर FODMAP आहार के कई विस्तृत अध्ययन किये गए है.
यह पाया गया है कि FODMAPs का उनके रोग पर काफी प्रभाव रहता है. (6, 7).
FODMAPs के पाचन क्रिया पर प्रभाव इस लिंक पर उपलब्ध विडियो में देखे समझे जा सकते हैं
कम FODMAPs आहार के लाभ
शोधों में पाया गया है कि लगभग 75% IBS अथवा संग्रहणी रोगियों की कुछ समस्याओं का निवारण, कम अथवा low FODMAP आहार काफी हद तक कर सकते हैं. (8, 9).
कुछ रोगियों को इस बदलाव से अपनी रोग में बड़ी राहत महसूस होती है और उन्हें अपने सुधार से संतुष्टि भी मिलती हैं (10).
यह भी प्रमाण मिले हैं कि low FODMAP आहार आंतो की सूजन (inflammatory bowel diseases) वाले रोग जैसे कि Crohn’s disease और ulcerative colitis इत्यादि में भी लाभकारी रहते हैं (11).
निष्कर्ष
FODMAPs का हमारे पाचन तंत्र विशेषकर हमारी पेट की गड़बड़ी से गहरा सम्बन्ध है.
यदि आपकी पाचन शक्ति संग्रहणी IBS, आंतो की सूजन या किसी अन्य रोग के कारण कमज़ोर हो तो आपको हाई FODMAPs से बचना चाहिए .
कम अथवा low-FODMAP diet आपको निम्न प्रकार के लाभ दे सकती है (9, 12):
1 कम गैस बनेगी,
2 भारीपन और सुस्ती में कमी आएगी
3 अफारा कम होगा (Less bloating)
4 दस्त, अतिसार, आंव से राहत
5 कब्ज़ से राहत (Less constipation) मिलेगी
6 मरोड़ व पेट दर्द में कमी (Less stomach pain and cramps)
यह आहार पेट की खराबी से उत्पन्न तनावकारी मानसिक विकारों जैसे
चिंता और अवसाद (anxiety & depression) से भी राहत दिला सकते हैं. (13).
High FODMAPs आहार – इनसे बचें
राजमाह, माह, मूंगदाल, लोबिया, सोयाबीन,
चुकंदर, गोभी, प्याज़, लहसुन,
अरबी, कचालू जैसे गरिष्ठ कन्द.
सेव, आडू, काले अंगूर, लीची, नाशपाती, तरबूज, प्लम, आम; किशमिश से भी बचें.
दूध के सब उत्पाद (दही, छाछ और पनीर भी कम मात्रा में),
गेहूं, जौ की रोटी, बिस्कुट, काजू, पिस्ता इत्यादि.
Low FODMAPs आहार – इन्हें खूब खाएं
अंकुरित दालें, मसूर, तूअर, चना (केवल 1/4 कप), मिर्च यदि पचा सकते हैं,
शिमला मिर्च, गाजर, भिन्डी, करेला, बैंगन, पालक, बथुआ, कद्दू की सारी किस्में,
मूली, शलगम, आलू, शकरकंदी,
फलों में केला, खरबूजा, अमरुद, संतरा, मौसमी, अंजीर, पपीता, स्ट्रॉबेरी, जामुन
मसालों में अदरक, धनिया, अजवायन, सौंफ, काली मिर्च, जावित्री, जायफल, दालचीनी
मूंगफली, खमीरयुक्त गेहूं जैसे आटे के भठूरे, चावल, मक्की, बाजरा,
मेवागिरियों में बादाम (10 से अधिक नहीं), कद्दू के बीज इत्यादि.
मोनश यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया; द्वारा बनाई गयी कम और अधिक FODMAPs आहारों की अन्य तालिका इस लिंक पर देखी जा सकती है.