आजकल के प्रदूषण, खान पान और जीवनशैली परिवर्तन के कारण महिलायें और पुरुष दोनों ही; बालों के झड़ने और गंजेपन का शिकार हो रहे हैं। लेकिन यदि आप बालों की समस्याएं के कारगर उपाय जान लें तो पूरा निवारण पाया जा सकता है।
पहले यह समस्या उम्र दराज लोगों में देखी जाती थी,
लेकिन अब यह किशोर, जवान; सब को प्रभावित कर रही है.
हार्मोन्स की विसंगति भी बालों के झड़ने का एक बड़ा कारक है.
इससे व्यक्ति अधिक उम्र का भी दिखता है, साथ ही ये समस्या व्यक्तित्व पर भी प्रभाव डालती है.
आईये जानते हैं, क्या हैं बालों की समस्या के कारगर हल…
बालों की समस्याएं – क्या हैं विकल्प
बाल गिरने की रोकथाम के लिये कई प्रकार के इलाज प्रचलन में हैं.
हेयर ट्रांसप्लांट, स्टेम सेल तकनीक, लेजर ट्रीटमेंट और हेयर वीविंग इत्यादि कई सूक्ष्म सर्जरी के वैज्ञानिक विकल्प;
आजकल एक बड़ा पैसा कमाऊ उद्योग बन चुके हैं, जिनसे गंजेपन का फौरी तौर पर उपचार किया जाता है.
हेयर ट्रांसप्लांट काफी लोकप्रिय भी हुआ है।
चाहे यह अन्य उपायों के मुकाबले आसान और अच्छा तरीका है, लेकिन ये भी स्थाई उपचार नहीं.
वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि गंजेपन का इलाज जीन्स (Genes) आधारित थेरेपी से भी संभव है।
ऐसे जीन्स का भी पता चल चुका है जो बालों को झड़ने से रोकते है।
यह जीन्स उन प्रोटीन्स की कार्यकुशलता को बढ़ाने में मदद करते है, जिनसे बालों को पोषण मिलता हैं.
अच्छी खबर: गंजापन और बालों का झड़ना स्थाई नहीं होता
बालों के झड़ने व गंजेपन पर सबसे आशावादी शोध डा. जार्ज कोस्टारेलिस (George Cotsarelis, Professor of Dermatology, University of Pennsylvania) का है.
उन्होंने पाया कि गंजेपन की समस्या स्थाई नहीं होती व गंजेपन का इलाज संभव है.
उनके मुताबिक बाल गिरने की समस्या सिर में मौजूद छोटी-छोटी पानी के लोटे जैसी ग्रंथियां (Hair follicles), जिन्हें हम बालों की जड़ कहते है; के खराब होने से शुरू होती है.
समय रहते यदि इलाज कर लिया जाए तो समस्या का समाधान किया जा सकता है.
अनुवांशिकता को छोड़, बाल झड़ने के मुख्य कारण रूसी, फंगस या बैक्टीरियल संक्रमण व पोषण की कमी ही होते है.
यद्यपि इस समस्या के उन्मूलन के लिये कई उपचार हैं.
लेकिन सबसे पहले हमें उन विकल्पों पर ध्यान देना होगा जिन्हें अपना कर हम समस्या के पहले चरण पर नियंत्रण पा सकें
मुख्य बात; सिर की त्वचा को उपजाऊ रखें
अनुवांशिकता के बाद गंजेपन का दूसरा बड़ा कारण है सिर की त्वचा का उपजाऊ न होना.
यदि सिर की त्वचा को रूसी, इल्ली (Fungus) या अन्य दूसरे संक्रमणों से बचा कर रखा जाए तो बाल झड़ने या गंजेपन जैसी नौबत ही न आये.
बालों की समस्याएं – ये हैं कारगर उपाय
शैम्पू का उपयोग कम करें
यदि हो सके तो साधारण नहाने वाले साबुन का उपयोग करें.
जान लें, जिन महिलाओं के आप लम्बे बाल देखते हैं उनमें से अधिकतर, कोई विशेष शैम्पू नहीं लगातीं.
बालों को बार बार साबुन या शैम्पू से न धोएं, इससे सिर के नेचुरल ऑयल्स बर्बाद होते हैं.
महीने में तीन या चार बार से अधिक साबुन या शैम्पू न लगायें.
नेचुरल कंडीशनर लगायें
बाज़ारू कंडीशनर कभी भी न लगायें.
कंडीशनर्स में सिलिकॉन व अन्य रासायनिक घटक होते हैं जो बालों के ऊपर एक पतली परत जमा देते हैं.
आपको फौरी तौर पर बाल मुलायम तो लगते हैं लेकिन कालांतर में बाल बेजान हो कर गिरने लग जाते हैं.
साबुन शैम्पू से बाल धोने के बाद एक दो चम्मच सेव का सिरका (Apple Cider Vinegar) बालों में लगायें
और एक डेढ़ मिनट बाद सिर को स्वच्छ पानी से धो लें.
बालों के लिये, सेव का सिरका एक बेहतरीन कंडीशनर माना जाता है.
इससे शैम्पू से हुई हानि का निवारण हो जायेगा, और pH भी ठीक हो जायेगी.
आरम्भ में, सेव का सिरका लगाने पर आपको बाल कुछ खुरदरे महसूस हो सकते है,
लेकिन तीन चार उपयोग के बाद आप पाएंगे कि बाल प्राकृतिक तौर पर मुलायम और चमकीले हो गए हैं.
रोज़ नहाने से करीब 5-10 मिनट पहले, सेव का सिरका बालों में लगायें, फिर नहाते समय बाल पानी से धो लें.
गीले बालों में कभी भी तेल न लगायें
जब बाल गीले होते हैं तो उनमें पानी की नमी समायी होती है.
यह नमी तेल को बालों के अंदर नहीं जाने देती.
दूसरा, तेल जब पानी से मिलता है तो उसके एमिनो एसिड्स विघटित होने लग जाते हैं,
जो सर की त्वचा को फंगस इत्यादि से संक्रमित कर सकते हैं.
इसलिए, हमेशा बाल सूखने पर ही तेल लगायें.
रोज़ तेल न लगायें
इससे खोपड़ी में प्राकृतिक तेल बनने की प्रक्रिया में विघ्न पैदा होता है.
सर की त्वचा बालों के पोषण के लिए स्वत: तेल का निर्माण करती है.
यदि आप रोज़ तेल लगायेंगे तो त्वचा को अपना तेल नहीं बनाना पड़ेगा, और उसकी तेल पैदा करने की प्राकृतिक कार्यक्षमता में भी कमी आ जाएगी.
सिर को संक्रमण रोगों से बचाएं
यदि रूसी (Dandruff), फंगस या कोई अन्य संक्रमण हो तो बाल धोने से 15 मिनट पहले नीम्बू का रस लगायें,
बाद में साफ़ पानी से सिर धो लें.
ये तब तक रोज़ करें जब तक कि रूसी या अन्य संक्रमण का पूरा निवारण न हो जाए.
बाद में भी, रूसी, फंगस या बैक्टीरियल संक्रमण से बचे रहने के लिये महीने में तीन या चार बार, नीम्बू का रस बालों में अवश्य लगायें.
फिर 10 मिनट बाद पानी से बाल धो लें.
नीम्बू लगाने से बाल नर्म और मुलायम हो जायेंगे, साथ ही बालों की जड़ के रंध्र (Pores) से फंगस इत्यादि का निवारण हो जायेगा.
हेयर मस्साज और ब्रश
बालों को दिन में दो या तीन बार, 5 से 10 मिनट तक हल्का ब्रश कर या कंघी से मालिश करे, जिससे रक्तसंचार ठीक रहे.
यदि बाल कम हों या ना भी हों, तो भी ऐसा करें. ये मालिश सोते समय अवश्य करें.
बालों के लिए हमेशा अच्छा ब्रश रखें जो चुभन न पैदा करता हो और फेरने पर सिर की मालिश भी कर दे.
बालों को बढ़िया पोषण दें
अनुवांशिकता के अतिरिक्त बालों की समस्याएं का मुख्य कारण पोषण की कमी, रूसी व अन्य बैक्टीरियल संक्रमण होते हैं.
समय रहते यदि तरीके से बालों की देखभाल की जाये तो न केवल बाल झड़ने व गंजेपन से बचा जा सकता है,
बल्कि नए, सुंदर, घने बाल भी पनपते रहेंगे।
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उपयोग विधि बताई जाती है, खानपान सम्बन्धी नियम भी और निर्धारित क्रमानुसार कई कारगर उपाय भी सुझाये जाते हैं.
ध्येय रहता है कि आप अपने बालों को स्वस्थ रख सकें और अन्यों की सहायता भी कर पायें।
सम्पर्क सूत्र
स्वास्थय सम्बन्धी जिज्ञासा के लिये 7889150990 से फोन पर सम्पर्क कर सलाह ले सकते हैं।