इस लेख में जानेंगे क्या हैं स्वस्थ पेट के लक्षण जिन्हें हम पाचन या स्वस्थ आँत के लक्षण भी कह सकते हैं।
2000 साल पहले सुप्रसिद्द दार्शनिक और चिकित्सक Hippocrates ने कहा था…
“All disease begins in the gut”
अर्थात, सभी रोग पेट के विकारों से ही उत्पन्न होते हैं
इसमें कोई विरोधाभास हो भी नहीं सकता है, और शोध भी इस तथ्य को पूरा स्वीकारते हैं।
सामान्य भाषा में हम जिसे पेट (Gut) कहते हैं उसका चिकित्सीय भावार्थ बड़ी आँत (Colon) से होता है, जो हमारे पाचन तंत्र का अहम हिस्सा मानी जाती है।
इसलिये यह लेख मुख्यत: बड़ी आँत के स्वास्थ्य पर है।
स्वस्थ पेट के लक्षण और लाभ
बड़ी आंत हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो न केवल भोजन को पचाने का काम करती है, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी करती है।
पिछले कुछ वर्षों में, आंत स्वास्थ्य (गट हेल्थ) पर काफी ध्यान दिया गया है, और यह जानना जरूरी है कि जब हमारी आंत स्वस्थ होती है, तो इसके क्या लक्षण होते हैं।
एक स्वस्थ आंत केवल पाचन प्रक्रिया में मदद नहीं करती, बल्कि हमारे शरीर की संपूर्ण सेहत को प्रभावित करती है।
ऐसा इसलिये है क्योंकि बड़ी आँत का सीधा संबंध हमारे मन मस्तिष्क से भी होता है।
आइए जानें कि स्वस्थ पेट के लक्षण क्या होते हैं और इनका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।
1. नियमित, सामान्य पाचन
स्वस्थ आंत का सबसे पहला और स्पष्ट लक्षण यह है कि आपकी पाचन प्रक्रिया सामान्य और नियमित होती है।
यदि आपको नियमित रूप से दिन में 1-2 बार मल त्याग होता है,
और उसमें किसी प्रकार की परेशानी जैसे कि गैस, कब्ज, दस्त, मरोड़, आँव या पेट में सूजन, इत्यादि नहीं होती,
तो यह स्पष्ट संकेत है कि आपकी आंत बढ़िया काम कर रही है।
पाचन तंत्र की सुचारू प्रक्रिया से शरीर को भोजन से आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, और अवांछित पदार्थ बिना किसी बाधा के बाहर निकल जाते हैं।
इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी आंत में समस्या या रोग का संकेत हो सकती है,
जैसे कि इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS), कब्ज, दस्त, एसिडिटी या अन्य पाचन विकार।
2. संतुलित भूख
स्वस्थ पेट अथवा आंत का एक अन्य लक्षण भूख का संतुलन होना है।
जब आपकी आंत स्वस्थ होती है, तो आपकी भूख भी सामान्य रहती है, न बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम।
आपका शरीर सही मात्रा में भोजन की जरूरत महसूस करता है और ओवरईटिंग या अंडरईटिंग से बचाता है।
आंत के बैक्टीरिया आपके शरीर के भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को संतुलित रखते हैं, जैसे घ्रेलिन और लेप्टिन, जो भूख और तृप्ति का संकेत देते हैं।
जब यह प्रणाली संतुलित होती है, तो आप जरूरत के अनुसार खाते हैं और अनावश्यक भोजन से बचते हैं।
3. बेहतरीन ऊर्जा स्तर
स्वस्थ पेट का मतलब है कि आपके शरीर को भोजन से सही मात्रा में पोषक तत्व और ऊर्जा मिल रही है।
जिसके परिणामस्वरूप, आपको दिनभर में ऊर्जा की कमी या अत्यधिक थकान महसूस नहीं होती।
जब आंत सही तरीके से काम कर रही होती है, तो शरीर सुचारू रूप से ऊर्जा का उत्पादन करता है,
जिससे आप दिनभर सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करते हैं।
इसके विपरीत, जब आंत की सेहत खराब होती है, तो भोजन से आवश्यक पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो जाता है, जिससे शरीर में थकान और सुस्ती बढ़ने लगती है।
4. मजबूत रोगरोधी प्रणाली
आंत हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का एक प्रमुख हिस्सा है,
और इसका स्वास्थ्य सीधा इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता पर असर डालता है।
जब पेट अथवा आंत स्वस्थ होती है, तो शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है।
एक मजबूत इम्यून सिस्टम हमें बार-बार होने वाली सर्दी, जुकाम और अन्य संक्रमणों से बचाता है।
आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया और विषाणुओं से बचाने में मदद करते हैं।
यदि आपकी आंत स्वस्थ है, तो आप कम बीमार पड़ेंगे और आपका शरीर बीमारियों से तेजी से उबर सकेगा।
5. अच्छा मूड और मानसिक स्पष्टता
आंत और मस्तिष्क के बीच का गहरा संबंध होता है, जिसे गट-ब्रेन एक्सिस कहा जाता है।
आंत में सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन होता है, जो मूड, नींद और मानसिक स्थिति को नियंत्रित करता है।
सेरोटोनिन, मन को ठीक, खुशमिजाज रखने, नींद में सुधार करने, पाचन, घाव भरने, हड्डियों के स्वास्थ्य, रक्त के थक्के जमाने, और यौन इच्छाओं में मदद करता है।
इसकी कमी से नकारात्मकता, डिप्रेशन अथवा अवसाद, घबराहट, तनाव, अकेलेपन का भाव, चिड़चिड़ापन, भूख में कमी, और व्यवहार में बदलाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि आपकी आंत स्वस्थ है, तो आपका मन अथवा मूड बढ़िया खुशमिजाज, संतुलित रहता है और आपको मानसिक स्पष्टता अनुभव होती है।
मानसिक स्पष्टता का मतलब है सही निर्णय लेने की क्षमता।
यदि आप अपने निर्णय आसानी से ले पाते हैं, तो आपमें मानसिक स्पष्टता है।
आंत की खराब सेहत मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती है, जिससे अकारण चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
एक स्वस्थ आंत मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक होती है।
6. आभायुक्त स्वस्थ त्वचा
आंत का स्वास्थ्य हमारी त्वचा पर भी दिखाई देता है।
अगर आपकी आंत स्वस्थ है, तो आपकी त्वचा भी स्वस्थ और चमकदार होती है।
कई बार आंत में असंतुलन होने से त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे पिंपल्स, एक्ने और रैशेस हो सकती हैं।
जब आंत की सेहत ठीक होती है, तो शरीर से विषैले पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं, जिससे त्वचा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
7. एलर्जी और संवेदनशीलता का न होना
आंत की सेहत का एक और बड़ा संकेत यह है कि आपको खाद्य पदार्थों से एलर्जी या संवेदनशीलता नहीं होती।
आप कुछ भी खाईये, सब पच जाता है।
आंत की शक्तिशाली परत हानिकारक तत्वों को शरीर में प्रवेश करने से रोकती है।
यदि आपकी आंत स्वस्थ है, तो आपको सामान्य खाद्य पदार्थों के प्रति एलर्जी या इंटोलरेंस कम महसूस होती है।
8. स्वस्थ पेट के लक्षण – अच्छी बढ़िया नींद
स्वस्थ आंत से नींद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
जब आपकी आंत ठीक से काम करती है, तो आपका शरीर आराम से सोने और उठने के बीच संतुलन बनाए रखता है।
अच्छी नींद मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए जरूरी होती है, और एक स्वस्थ आंत इसमें मदद करती है।
सारशब्द
स्वस्थ पेट अथवा आंत केवल पाचन के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।
संतुलित भूख, स्वस्थ पाचन, उच्च ऊर्जा स्तर, मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली, मानसिक स्वास्थ्य, स्वस्थ त्वचा, कम एलर्जी और बेहतर नींद जैसे लक्षण एक स्वस्थ आंत के प्रमाण होते हैं।
यदि आपके शरीर में ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो यह संकेत है कि आपकी आंत सही तरीके से काम कर रही है।
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I took IBS treatment from Ayurved Central some two years ago.
Today, I can say with confidence that my gut is healthy and I have most of the healthy gut symptoms.
Though I always keep RemIBS, Smalo and Acirem for emergency.
Thanks Ayurved Central team. You are really great!
मुझे याद है जब तीन वर्ष पहले मैंने ये लेख पढ़ा था तब राजीव भाई को कहा था कि लेख का एक भी लक्षण मेरे से नहीं मिलता है। पेट कि खराबी, नींद कि कमी, घबराहट, बेचैनी, उदासी, कब्ज़, असिडिटी सब प्रॉब्लेम मुझे थी।
तब उन्होंने कहा था कोई बात नहीं, छह माह बाद बात करना और बताना कितना लाभ मिला है।
मुझे तीन चार माह में ibs इलाज से पूरा लाभ मिल गया और आज मैं कह सकती हूँ, कि मुझे पेट कि सब प्रॉब्लेम ठीक हो गई है।
अब मुझे BP नहीं है, माइग्रेन नहीं है, हमेसा खुश रहती हु। सब खा पी सकती हु।
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